पटना : पटना सहित 18 जिलों में आर्सेनिक का प्रभाव इतना बढ़ गया है कि अब फसल को भी प्रभावित करने लगा है. सरकार इससे निबटने के लिए जल्द ही एक योजना पर काम शुरू करेगी. इस पर 1.77 करोड़ खर्च होंगे. पटना के अलावा भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, समस्तीपुर, लखीसराय, मुंगेर, सारण, वैशाली, बेगूसराय, दरभंगा, खगड़िया, कटिहार, पूर्णिया और किशनगंज जिले आर्सेनिक से अधिक प्रभावित हैं. इस योजना को कार्यान्वित करने वाले बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डाॅ सुनील कुमार ने बताया कि राज्य के 18 जिलों के ग्राउंड वाटर में आर्सेनिक की मात्रा है.
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18 जिले आर्सेनिक के प्रभाव में, फसलें हो रहीं प्रभावित
पटना : पटना सहित 18 जिलों में आर्सेनिक का प्रभाव इतना बढ़ गया है कि अब फसल को भी प्रभावित करने लगा है. सरकार इससे निबटने के लिए जल्द ही एक योजना पर काम शुरू करेगी. इस पर 1.77 करोड़ खर्च होंगे. पटना के अलावा भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, समस्तीपुर, लखीसराय, मुंगेर, सारण, वैशाली, बेगूसराय, दरभंगा, […]
पटवन में इस पानी का प्रयोग हो रहा है. फसल के माध्यम से भी आर्सेनिक शरीर में पहुंच रहा है. दुधारू पशु हरा चारा खाती है, जिससे दुध के रास्ते भी मानव शरीर में आर्सेनिक पहुंच रहा है. आर्सेनिक की मात्रा तय मानक से अधिक होती जा रही है. आर्सेनिक अब मिट्टी को भी प्रभावित करने लगी है. नदी में भी आर्सेनिक की मात्रा पायी जा रही है. इस योजना में यह देखा जायेगा कि नदियों में आर्सेनिक की मात्रा कहां से आ रही है.
डाॅ सुनील कुमार ने बताया कि इस योजना में इस बात पर फोकस रहेगा कि आर्सनिक की मात्रा को कैसे कम किया जा जाये. किसान अपनी खेती का कैसे प्रवंधन करें कि मिट्टी और फसल आर्सेनिक से प्रभावित नहीं हो. यह भी देखा जायेगा कि इस तरह से आने वाले आर्सेनिक मानव शरीर को कितना प्रभावित करेगा. तीन साल का यह प्रोजक्ट है.
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