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पटना : सर्वर डाउन, कैश डिपोजिट मशीन से पैसा जमा करने को लोग हुए परेशान
पटना : सर्वर डाउन होने की वजह से सीडीएम (कैश डिपॉजिट मशीन) से खाते में पैसा जमा करने को लेकर सोमवार को स्टेट बैंक के हजारों खाताधारक परेशान रहे. सीडीएम के जरिये पैसा जमा करने के लिए लोग एक एटीएम से दूसरे एटीएम का चक्कर काटते रहे. लगातार दो दिन बैंक में अवकाश होने के […]
पटना : सर्वर डाउन होने की वजह से सीडीएम (कैश डिपॉजिट मशीन) से खाते में पैसा जमा करने को लेकर सोमवार को स्टेट बैंक के हजारों खाताधारक परेशान रहे. सीडीएम के जरिये पैसा जमा करने के लिए लोग एक एटीएम से दूसरे एटीएम का चक्कर काटते रहे. लगातार दो दिन बैंक में अवकाश होने के कारण सोमवार को बैंक की शाखाओं में अधिक भीड़ थी.
भीड़ से बचने के लिए लोगों ने सीडीएम का रुख किया, लेकिन यहां भी लोगों को राहत नहीं मिली. पटना शहर में 55 सीडीएम लगी हैं जहां हर दिन बड़ी संख्या में लोग अपने खाते या दूसरे के खाते में पैसा जमा करते हैं. जानकारी के अनुसार सर्वर डाउन होने से शहर के लगभग सभी सीडीएम बंद रहीं. यहां तक की गांधी मैदान स्थित स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में लगी सीडीएम भी बंद थी. कंकडबाग मेन रोड शाखा, श्री कृष्णापुरी आदि इलाके में लगी सीडीएम भी बंद मिलीं.
एटीएम भी कैश आउट रहे
शहर के 30 फीसदी एटीएम में कैश आउट रहने से भी लोगों को काफी परेशानियों का समाना करना पड़ा. पटना शहर के आसपास स्टेट बैंक की 322 एटीएम लगी हैं. जानकारी के अनुसार दो दिन बैंक बंद रहने के कारण कैश अपलोड नहीं होने से सुबह से ही कैश आउट हो गया. कुछ एटीएम के गार्डों की मानें तो देर शाम तक एटीएम में कैश अपलोड होने की बात कही गयी. हालांकि शहर के प्रमुख इलाके के एटीएम में दोपहर को कैश लोड किया गया. इनमें पटना जंक्शन, मुख्य शाखा, पीएमसीएच, जेसी रोड, इनकम टैक्स, बेली रोड आदि इलाके के कुछ एटीएम शामिल हैं.
बोले अधिकारी
सर्वर में अचानक आयी तकनीकी गड़बड़ियों के कारण सीडीएम और एटीएम मशीन कुछ इलाके में बंद रहा, लेकिन गड़बडी को दूर करने के लिए अधिकारी प्रयासरत हैं. तकनीकी गड़बड़ियों को दूर कर लिया जायेगा.
राकेश कुमार, सहायक महाप्रबंधक (एटीएम नेटवर्क -1)
मुद्दा कुछ भी हो, चुनाव में वोट तो जातिगत समीकरण पर ही पड़ेगा
विकास करना तो दूर, बीते पांच वर्ष में जीतने ही नहीं, हारने वाले सांसद प्रत्याशी ने भी क्षेत्र की कोई खबर नहीं ली. यह आरोप राजधानी के बाइपास के दक्षिण वाले क्षेत्र के मुहल्लों में रहने वाले लोगों का है. यहां चांगड़, जगनपुरा, चम्मनचक, धाना कॉलोनी, सोरंगपुर, रामकृष्णा नगर, ढेलवा, भूपत्ति नगर जैसे मुहल्ले आते हैं. ये क्षेत्र फुलवारी शरीफ विधानसभा के पाटलिपुत्र लोकसभा में आता है.
इस क्षेत्र में 20 बूथों पर लगभग 25 हजार वोटर हैं. सोमवार को प्रभात खबर टीम ने इस क्षेत्र में जाकर चुनावी हवा का रुख जानने के लिए लोगों से बात की. अधिकांश लोगों को इस बात का दर्द था कि जलजमाव से निदान को लेकर कोई काम पांच वर्ष में नहीं हुआ. थोड़ी बारिश में यहां घुटने तक पानी लग जाता है.
इन सबके बीच अधिकांश लोगों का मानना था कि चाहे चुनाव में किसी भी मुद्दे को हवा दी जाये, वोट तो जातिगत समीकरण पर ही पड़ेगा. जानकारी के अनुसार इस क्षेत्र में लगभग 50 फीसदी कुर्मी, 25 फीसदी यादव और शेष 25 फीसदी में सभी जाति-समुदाय के लोगों का वोट हैं.
दिन के लगभग एक बजे का समय. क्षेत्र के घाना कॉलोनी का स्थान. दोपहर में तेज धूप होने के कारण सड़क पर कम लोग दिखायी पड़ रहे है.
प्रभात खबर भी टीम एक ऐसी जगह पहुंची, जहां कई युवा, कुछ बड़े लोग चुनावी चर्चा में मशगूल थे. अखबार पहुंचते ही चर्चा में और जान आ गयी. लगभग 60 वर्ष के रामजी यादव बोल रहे थे, देखिए, नेताओं का हाल ऐसा है कि चुनाव के समय ही दिखते हैं.
तभी एक युवक कुमार गौरव ने कहा, सही कर रहे हैं चच्चा. अभी एक माह पहले ही हमलोगों के क्षेत्र से जलजमाव समाप्त हुआ है. हमलोग भीषण परेशानी को झेल रहे थे, तक किसी ने हमारी खबर नहीं ली और आज लोगों ने आकर वोट मांगना शुरू कर दिया है.
केंद्र चाहे जो हो, लेकिन पांच वर्ष में सांसद और विधायक ने इस क्षेत्र के लिए कोई काम नहीं किया. आप इस पूरे क्षेत्र में घूम कर देख सकते हैं. इन दोनों को कोई बोर्ड नहीं लगा होगा. पूरे क्षेत्र का ड्रेनेज सिस्टम खराब है. सभी जानते हैं काम करें चाहे नहीं, वोट तो जाति पर ही पड़ेगी.
रामजी यादव, सामाजिक कार्यकर्ता
सरकार चाहे जिसकी आये, काम कोई नहीं करेगा. लोग अपने-अपने स्वार्थ के हिसाब से वोट करते हैं. युवा भी उसी माहौल में ढलते जा रहे हैं. सरकार निष्पक्ष रूप से काम नहीं करती और वोटर काम के आधार पर वोट नहीं करते हैं. हमारे क्षेत्र में तो विकास के नाम पर कुछ नहीं हुआ है.
लालू कुमार, छात्र नेता
इस क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम को सही करना सबसे जरूरी है. जल-जमाव से छह माह लोगों को परेशानी रहती है. डेंगू व अन्य बीमारी का प्रकोप इस क्षेत्र में अधिक होता है. युवाओं को रोजगार देने का काम करना चाहिए. सरकारी नौकरियां कम होती जा रही है. इस पर ध्यान देना होगा.
अजीत कुमार, स्थानीय युवा
एक पार्टी चुनाव के घोषणा पत्र में जो काम का वादा करती है, उस पर पांच वर्ष तक कोई काम नहीं करती. फिर अगले पांच वर्ष में नये वादों को घोषणा पत्र बना दिया जाता है. भ्रष्टाचार को हटाने का काम नहीं किया जा रहा है. सिर्फ बेकार की हवा बनायी जा रही है.
कुमार सौरभ, स्थानीय युवा
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