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पटना : डुअल सिस्टम ट्रेनिंग लागू होने पर 100% प्लेसमेंट
फैक्टरी कम होने से छात्रों को डुअल सिस्टम ट्रेनिंग में परेशानी पटना : आइटीआइ में नामांकन लेने के बाद छात्रों को पढ़ाई खत्म होने से पहले नौकरी मिल जाये, इसको लेकर देश के सभी आइटीआइ कॉलेजों में डुअल सिस्टम ट्रेनिंग लागू किया जा रहा है. इस सिस्टम से वैसे राज्य के छात्रों को अधिक फायदा […]
फैक्टरी कम होने से छात्रों को डुअल सिस्टम ट्रेनिंग में परेशानी
पटना : आइटीआइ में नामांकन लेने के बाद छात्रों को पढ़ाई खत्म होने से पहले नौकरी मिल जाये, इसको लेकर देश के सभी आइटीआइ कॉलेजों में डुअल सिस्टम ट्रेनिंग लागू किया जा रहा है. इस सिस्टम से वैसे राज्य के छात्रों को अधिक फायदा है जहां कंपनी, फैक्टरी, फॉर्म की संख्या अधिक है. बिहार में इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है.
ऐसे में बिहार के छात्र पिछड़ जायेंगे और वह डुअल सिस्टम ट्रेनिंग के तहत किसी फैक्टरी में ट्रेनिंग नहीं ले पायेंगे. बिहार में डुअल सिस्टम ट्रेनिंग लागू होने के बाद सभी आइटीआइ कॉलेजों को फैक्टरी या किसी कंपनी के साथ एमओयू साइन करना होगा. कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को कॉलेज कैंपस से चयन करने के बाद कंपनियां ट्रेनिंग देंगी. उसके बाद उनको उनके ट्रेड के मुताबिक नौकरियां भी मिलेंगी.
क्या है डुअल सिस्टम ट्रेनिंग
डुअल ट्रेनिंग सिस्टम के तहत छात्रों को कॉलेज में थ्योरी पढ़ने के बाद फैक्टरी में जाकर छह या नौ माह तक काम करना होगा. वहां काम करने के दौरान आनेे वाली परेशानियों को खुद दूर करना होगा. कंपनी कैसे काम करती है. इसे समझ कर प्रोजेक्ट भी बनाना होगा.
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