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पटना : पारिश्रमिक राशि भुगतान में गबन, चार पर एफआइआर
राजकीय बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय राजेंद्रनगर में 2016 के इंटर मूल्यांकन का मामला पटना : वर्ष 2016 में बिहार बोर्ड के टॉपर घोटाले का राजफांस होने के बाद इसी वर्ष से जुड़ा एक और सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. राजेंद्र नगर स्थित राजकीय बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय में 2016 के इंटर मूल्यांकन के पारिश्रमिक […]
राजकीय बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय राजेंद्रनगर में 2016 के इंटर मूल्यांकन का मामला
पटना : वर्ष 2016 में बिहार बोर्ड के टॉपर घोटाले का राजफांस होने के बाद इसी वर्ष से जुड़ा एक और सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. राजेंद्र नगर स्थित राजकीय बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय में 2016 के इंटर मूल्यांकन के पारिश्रमिक राशि भुगतान में 21 लाख रुपये गबन का आरोप समाने आया है. इस संबंध में वर्तमान प्राचार्य जगदेव भींडवार ने पुलिस को लिखित शिकायत दी है. जिसमें बताया है कि इंटर मूल्यांकन 2016 में नियुक्त परीक्षकों की पारश्रिमिक राशि को भुगतान में लाखों रुपये का गबन किया गया है.
मामले की जानकारी दिये जाने पर बिहार बोर्ड के मुख्य निगरानी अधिकारी ने विद्यालय के प्राचार्य को जांच कर कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया था. जोनल आइजी सुनील कुमार के निर्देश पर बहादुरपुर थाने में तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य राकेश कुमार सिंह, मूल्यांकन प्रभारी दिलीप कुमार तथा लिपिक राजेश शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
क्या है मामला
राजकीय बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय राजेंद्रनगर के पूर्व प्राचार्य के 2016 में टॉपर घोटाले में गिरफ्तार होने के बाद नियोजित शिक्षक राकेश कुमार सिंह को 14 जून 2016 को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया था. इसके बाद 20 जुलाई 2016 को उन्हें विद्यालय का वित्तीय प्रभार दिया गया. इस दौरान इंटर परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन कार्य में लगे परीक्षकों को 26 लाख रुपये पारिश्रमिक के तौर पर भुगतान किया गया.
वर्तामन प्राचार्य ने 21 मार्च 2017 को पदभार ग्रहण किया. बिहार बोर्ड से परीक्षकों के भुगतान राशि से संबंधित उपयोगिता प्रमाण पत्र की मांग किये जाने पर कई विपत्र नहीं मिले. इसकी जांच के बाद पूरा मामले का खुलासा हुआ है.
इस संबंध में वर्तमान प्राचार्य ने सभी वरीय अधिकारियों को पत्र लिख जानकारी दी है. प्राचार्य ने बताया कि आरोपी पूर्व प्रभारी प्राचार्य से कई बार विपत्रों तथा अन्य दस्तावेजों और भुगतान की राशि के संबंध पत्र लिख जानकारी मांगी गयी, पर जवाब नहीं मिला. आइजी सुनील कुमार ने कहा कि वह खुद इस मामले का पर्यवेक्षण कर आवश्यक निर्देश देंगे. पूर्व थानेदार द्वारा प्राचार्य की लिखित शिकायत के बावजूद मामला दर्ज नहीं करने को लेकर जांच की जायेगी.
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