पटना : एमबीए छात्र के अपहरण के मामले में प्रतिदिन नया मोड़ आ रहा है. इस घटना कांड में पकड़े गये डाक सहायक गौतम कुमार (इंदिरा नगर रोड नंबर दो निवासी) की कार का इस्तेमाल उसके पड़ोसी व पोस्टल पार्क रोड नंबर तीन निवासी चंदन कुमार ने किया था. परिजनों का दावा है कि जिस समय घटना हुई थी, उस समय गौतम कुमार अपने घर पर मौजूद नहीं था, बल्कि फिलाटेली ब्यूरो कार्यालय में अपने काम को निबटा रहा था.
इस बात के तमाम साक्ष्य व गवाह उनके पास हैं. गाड़ी को चंदन यह कह कर ले गया था कि उसकी गाड़ी खराब हो गयी है और काफी इमरजेंसी है. इसके बाद उनलोगों ने चंदन को गाड़ी की चाबी सौंप दी थी. चंदन गाड़ी लेकर गया और काफी देर बाद चुपके से उस गाड़ी को परिसर में लगा कर चला गया. गौतम की पत्नी ममता कुमारी ने बताया कि इसके बाद पुलिस उनके आवास पर पहुंची और पूछा कि गाड़ी किसकी है?
उन लोगों ने जब गाड़ी अपनी बतायी, तो गौतम को कार्यालय से बुलाया गया और फिर कंकड़बाग पुलिस अपने साथ लेकर चली गयी. इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. वहीं गौतम के कार्यालय में रहने की पुष्टि जीपीओ के डिप्टी चीफ पोस्ट मास्टर (एडमिनिस्ट्रेशन) ने भी की है.
झूठा कौन : छात्र के पिता जीतेंद्र सिंह ने प्राथमिकी में धर्मेद्र कुमार यादव, जीतेंद्र यादव व गौतम कुमार उर्फ रोशन कुमार का नाम दिया है. जबकि, गौतम के परिजन ने साक्ष्य प्रस्तुत किया है कि उसके बेटे का नाम सिर्फ गौतम है, रोशन नहीं. ऐसे में सवाल उठता है कि झूठा कौन है. उधर मुख्य आरोपित धर्मेद्र को पुलिस ने जेल भेज दिया है. विदित हो कि 23 जून को छात्र का अपहरण हुआ था.