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होली आज, खेलने से पहले करें ये उपाय, बरतें सावधानियां, बच्चों को बताएं गुड और बैड टच के बारे, कहीं रंग में न पड़ जाये भंग

रंग-अबीर से लेकर खाने-पीने की सामान में हो सकती है मिलावट आज रंगों का त्योहार होली पूरेदेश में उत्साह के साथ मनाया जाएगा. होली सुनते ही सुंदर रंगों के इंद्रधनुष का ख्याल आता है जो आपको खुश कर देता है. एक तरफ जहां रंगों की धूम होगी वहीं दूसरी ओर पकवानों के सुगंध इस पर्व […]

रंग-अबीर से लेकर खाने-पीने की सामान में हो सकती है मिलावट
आज रंगों का त्योहार होली पूरेदेश में उत्साह के साथ मनाया जाएगा. होली सुनते ही सुंदर रंगों के इंद्रधनुष का ख्याल आता है जो आपको खुश कर देता है. एक तरफ जहां रंगों की धूम होगी वहीं दूसरी ओर पकवानों के सुगंध इस पर्व को और खास बना देंगे.
होली खुशी और उत्साह लेकर आता है तो दूसरी ओर होली खेलने के दौरान आंखों में केमिकल युक्त रंग अबीर जाने की संभावना होती है और इसके बाद रंग साफ करना भी एक समस्या होती है. कृत्रिम रंगों में मौजूद रसायन नुकसानदेह होते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप इसका ख्याल रखें.
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट प्रमुख डॉ अभिजीत सिंह कहते हैं कि कि बाद में इलाज से बेहतर है कि शुरू में ही सावधानी बरतें. वहीं एनएमसीएच के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ विकास शंकर का कहना है कि त्वचा का खास ख्याल रखना बहुत ही आवश्यक है.
कहीं रंग में न पड़े भंग
पटना : होली का त्योहार यानी कि ढेर सारे रंग, गुलाल और मस्ती. मंगलवार की रात तक शहर में लोगों ने रंग, अबीर और पिचकारी की जमकर खरीदारी की. खुशियों के त्योहार होली में कई बार हुड़दंग के कारण अप्रिय घटनाएं भी हो जाती हैं.ऐसे में छोटी छोटी बातों पर ध्यान देकर हम खुशियों के रंग को बदरंग होने से रोक सकते हैं. पेश है ऐसी ही कुछ बातें जिनपर हमें ध्यान देने की जरूरत है.
बच्चों को गुड टच और बैड टच की दें जानकारी : होली है तो बच्चे अपने अपने दोस्तों के संग और आस-पास होली खेलने जायेंगे. ऐसे में मम्मियों का रोल काफी अहम हो जाता है. ऐसे में उन्हें बाहर खेलने जाने देने से पहले कुछ बातों को समझाना जरूरी होता है. बच्चों को बताए कि अगर कोई गलत तरीके से आपको टच करता है तो उसका विरोध करें और घर आकर तुरंत बताएं. कोशिश करें कि बच्चे के साथ कोई बड़ा जरूर हो या अपने सामने होली खेलने दें.
ऐसे रखें ख्याल
खाने-पीने के साथ खुद भी रहे अलर्ट.
भीड़ वाली जगह से रहे दूर.
तय समय पर घर से निकले और लेट होने पर इसकी जानकारी घरवालों को दें.
आने-जाने में परेशानी है तो किसी घर के सदस्य को बुला कर घर जाये.
स्कूली बच्चों और युवाओं में फिल्मी होली का काफी असर रहता है. भांग और ठंडाइ फैशन स्टेटमेंट के तौर पर लेते हैं. होली के बाद हमारे पास कई केस आते हैं जहां बच्चे और युवतियां किसी न किसी हादसे की शिकार हो जाती हैं. होली खेलने के दौरान सावधान रहकर महिलाएं और बच्चे खुद को सुरक्षित रखें.
-डॉ बिंदा सिंह, मनोचिकित्सक
केस 1
छुट्टियों में घर आयी नेहा (काल्पनिक नाम) अपने दोस्तों संग होली खेलने गयी थी. उस दौरान किसी ने उसे ठंडइ पीला दी. होली के बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. इसका असर यह हुआ कि वह अभी डिप्रेशन में हैं.
केस 2
कंकड़बाग की रहने वाली साक्षी (काल्पनिक नाम) को होली खेलना बेहद पसंद था. दोस्तों के साथ साक्षी ने खूब होली खेली. इस दौरान किसी ने केमिकल वाला रंग लगा दिया. रंग से उसकी त्वचा पूरी तरह से जल गयी थी.
केस 3
स्कूल में पढ़ने वाले (राहुल) के परिवार वाले उसके बर्ताव से काफी परेशान है. होली से पहले से ही राहुल अपने दोस्तों के साथ ठंडइ पी कर घर आने लगा है. दिन से लेकर रात तक नशे में रहता है. अभी उसकी काउंसेलिंग चल रही है.
होली खेलने के पहले क्या करें?
होली खेलने से पहले अपने पूरे शरीर पर मॉश्चराइजर या तेल लगा लें.
बालों में नारियल तेल लगाना न भूलें. सरसों के तेल का इस्तेमाल न करें.
शरीर को ढककर रखें, फुल स्लीव्स के कपड़े पहनना बेहतर रहेगा.
लाल या गुलाबी रंगों का उपयोग करें, जिसे आसानी से हटाया जा सकें. ब्लैक, ग्रे, पर्पल और ऑरेंज जैसे रंग त्वचा से हटने में समय लगाते हैं.
आंखें सबसे नाजुक हैं, इसलिए आंखों की रक्षा के उपाय करें. होली खेलने के समय या तो ग्लेयर्स पहनें या फिर भरपूर पानी से आंखों को धोते रहें. सुनिश्चित करें कि आप अपनी आंखें न रगड़ें.
ढेर सारा पानी पीएं और अपने शरीर तथा त्वचा को हाइड्रेटेड रखें क्योंकि सूखी त्वचा में रंग ज्यादा समय तक बने रहते हैं.
ऑर्गेनिक रंगों का प्रयोग करें. ये रंग न केवल त्वचा के अनुकूल हैं बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हैं.
होली खेलने के दौरान बरतें ये सावधानियां
सुरक्षित होली खेलें. ध्यान रखें कि होली का रंग आपके मुंह, नाक और आंख में न जाये.
नेचुरल रंगों का इस्तेमाल करें, अधिक गहरे रंगों में केमिकल्स होने से स्किन एलर्जी, एक्ज‍िमा और बालों से जुड़ी समस्या हो सकती है.
बच्चे जब रंग खेलने जाएं तो उनके साथ किसी बड़े का होना जरूरी है.
अगर आपको जलन महसूस हो रही हो, धुंधलापन लग रहा हो, सांस लेने में दिक्कत हो रही हो तो तुरंत अपने करीबी डॉक्टर से संपर्क करें.
रंग साफ करने के दौरान बेबी ऑयल के साथ मॉयश्चराइज्ड साबुन लगाइए.
शरीर से रंग छुड़ाने के लिए नींबू के छिलके का उपयोग कीजिए, क्योंकि इसमें ब्लीचिंग के प्राकृतिक गुण हैं. इसके बाद पूरे शरीर को मॉश्चराइज करें.
रंग साफ करने के लिए ठंडे पानी का उपयोग करें. गर्म पानी का उपयोग न करें.
रंग छुड़ाते समय मुंह और आंख बंद रखें. ध्यान रखें कि रंग का पानी कान में न जाये.
होली खेलने के बाद क्या न करें?
रंग हटाने के लिए अपनी त्वचा को ज्यादा न रगड़ें, इससे ब्लिस्टर्स, रैशेज या एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं. शरीर से रंग छुड़ाने के कभी भी मिट्टी का तेल और केमिकल डिटर्जेंट या कपड़े धोने का साबुन इस्तेमाल में न लाएं. इससे त्वचा रोग होने की समस्या हो सकती है.
होली में पानी वाले गुब्बारे से नहीं खेलें ना ही दूसरों पर फेंके. इससे कानों में पानी जा सकता है और कान संबंधी समस्या होने का खतरा रहता है.
होली में गहरे रंगों जैसे काला, हरा, बैंगनी, नीले रंगो का इस्तेमाल नहीं करें. इससे कई तरह की बीमारियां होने का खतरा रहता है.
अगर आपकी त्वचा पर कोई घाव या चोट लगी है तो होली बिल्कुल नहीं खेलें क्योंकि ऐसे में रंग में मिले रासायनिक तत्व घाव के माध्यम से रक्त में मिलकर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं.

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