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पटना : कॉलेजों ने 287 करोड़ में से 91 करोड़ का ही दिया उपयोगिता प्रमाणपत्र
हाइकोर्ट ने यूजीसी से मांगी िरपोर्ट, सरकार व नौ विवि को भी नोटिस पटना : पटना हाइकोर्ट ने राज्य के काॅलेजों में दी गयी राशि के खर्च करने के बाद उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दिये जाने के एक मामले में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से 31 मार्च तक रिपोर्ट तलब की है. हाइकोर्ट ने कहा कि […]
हाइकोर्ट ने यूजीसी से मांगी िरपोर्ट, सरकार व नौ विवि को भी नोटिस
पटना : पटना हाइकोर्ट ने राज्य के काॅलेजों में दी गयी राशि के खर्च करने के बाद उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दिये जाने के एक मामले में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से 31 मार्च तक रिपोर्ट तलब की है. हाइकोर्ट ने कहा कि यूजीसी 31 मार्च तक इस मामले की जांच कर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपे और यह बताये की उपयोगिता प्रमाणपत्र देने में अनियमितता बरतने वाले कॉलेजों के खिलाफ वह क्या करवाई करने जा रहा है .
न्यायमूर्ति ज्योति शरण और न्यायमूर्ति अरविंद श्रीवास्तव की खंडपीठ ने वेटरंस फोरम द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. हाइकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और संबंधित नौ विश्वविद्यालयों के प्रशासन को भी अपने स्तर से कार्रवाई करने का निर्देश दिया. जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि 11वीं और 12वीं पंचवर्षीय योजनाओं के तहत यूजीसी से अनुदानित 287 करोड़ रुपये के बदले मात्र 57 करोड़ रुपये का ही उपयोगिता प्रमाणपत्र राज्य के एफिलिएटेड कॉलेजों की तरफ से दिया गया है.
वहीं, दूसरी ओर इस मामले में आयोग ने अपना जवाब दायर करते हुए कोर्ट को बताया कि 12वीं योजना के तहत 287 करोड़ रुपये में मात्र 91 करोड़ रुपये का ही उपयोगिता प्रमाणपत्र मिला है. शेष अनुदानित राशि का उपयोगिता का प्रमाणपत्र 31 मार्च तक जमा करने का आदेश दिया गया है. यूजीसी को सुनने के बाद अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि आठ अप्रैल को निर्धारित की है.
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