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पटना : फर्जी सचिवालय सहायक बनकर लड़की वालों से ऐंठने वाला था 20 लाख दहेज, भांडा फूटा, मंगेतर गिरफ्तार
पटना : 28 साल के युवक शिवशंकर ने झूठ और धोखे की ऐसी खिचड़ी पकायी थी, जिसे उसकी होने वाली दुल्हन और ससुराल वाले जिंदगी भर नहीं पचा पाते. लेकिन, सगाई के पांचवें दिन झूठ का भंडा फूटा और धोखे से होने वाली शादी भी टूट गयी. दरअसल बांका का रहने वाला शिवशंकर बेरोजगार है. […]
पटना : 28 साल के युवक शिवशंकर ने झूठ और धोखे की ऐसी खिचड़ी पकायी थी, जिसे उसकी होने वाली दुल्हन और ससुराल वाले जिंदगी भर नहीं पचा पाते. लेकिन, सगाई के पांचवें दिन झूठ का भंडा फूटा और धोखे से होने वाली शादी भी टूट गयी.
दरअसल बांका का रहने वाला शिवशंकर बेरोजगार है. उसने घरवालों को बताया कि उसकी सरकारी नौकरी हो गयी है. उसने सचिवालय में सहायक के पद पर ज्वाइन कर लिया है. इसके बाद उसने बांका में अपने घर के बाहर बोर्ड पर पदनाम सचिवालय सहायक लिख दिया. अपने एफबी एकाउंट के प्रोफाइल को भी बदल कर उसमें अपना पदनाम लिख दिया.
मां-बाप को भी इस झूठ का पता नहीं था, इधर उसकी शादी के लिए रिश्तेदार और परिचित घर में आने लगे. गांव के ही एक आदमी के माध्यम से जमालपुर से शिवशंकर का रिश्ता भी आ गया. लड़की के पिता रेलवे में लोको पायलट हैं. लड़की वालों को भी रिश्ता पसंद आ गया और शिवशंकर द्वारा की गयी 20 लाख रुपये कैश, एक कार की डिमांड को भी वे लोग देने को तैयार हो गये.
सगाई के बाद 17 फरवरी को खुल गयी पोल
शिवशंकर से शादी पक्की होने के बाद 17 फरवरी, 2019 को लड़की वाले बांका शिवशंकर के घर गये तो दरवाजे पर सचिवालय सहायक शिवशंकर के नाम का बोर्ड देखकर लड़की वालों को विश्वास हो गया कि लड़का सरकारी नौकरी में ही है. लड़की देखने का कार्यक्रम होने के बाद सगाई की रस्म अदायगी के बाद रिश्ता पक्का हो गया. इसके बाद शिवशंकर और लड़की के बीच में फोन पर बातचीत भी शुरू होने लगी, लेकिन यह बातचीत शिवशंकर के लिए ठीक नहीं साबित हुआ.
लड़की से वह कभी उद्योग विभाग, आपूर्ति विभाग तो कभी जल संसाधन विभाग में तैनात होने की बात कहने लगा. लड़की को शक हुआ तो उसने अपने परिवार वालों को बताया कि वह अलग-अलग विभाग में तैनात होने की बात बताता है. इसके बाद गुरुवार को लड़की के मामा अभिरंजन कुमार सिंह परिवार के दूसरे लोगों के साथ पटना पहुंच गये. फिर सचिवालय कैंपस से शिवशंकर को अपने कब्जे में लिया. उद्योग विभाग के सचिव के पास सभी लोग पहुंच गये. जब सचिव ने पूछताछ शुरू की तो शिवशंकर ने खुद को खाद्य-आपूर्ति विभाग में बता दिया. खाद्य आपूर्ति विभाग डिप्टी डायरेक्टर को बुलाया गया. इसके बाद पूरी असलियत सामने आ गयी. शिवशंकर ने स्वीकार किया कि वह कुछ नहीं करता है, वह झूठ बोल रहा था.
इसके बाद परिवार वाले शिवशंकर को लेकर पटना के एसएसपी गरिमा मलिक के पास पहुंच गये. एसएसपी ने सचिवालय थाने में एफआइआर का आदेश दिया है. सचिवालय थानेदार का कहना है कि थाने में दोनों पक्षों से पूछताछ हो रही है.
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