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बारिश में कुर्सी सिर पर रख CM नीतीश को सुनते रहे लोग, मुख्यमंत्री ने किया 106 शैय्या के अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल का शिलान्यास

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को राजेंद्र नगर अस्पताल में 106 शैय्या के अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में ट्रामा सेंटर का शिलान्यास एवं कार्यारंभ करने पहुंचे. कार्यक्रम के दौरान मौसम के बदले मिजाज के कारण बारिश होने लगी. कार्यक्रम में उपस्थित लोग बारिश होने के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुनते रहें. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को राजेंद्र नगर अस्पताल में 106 शैय्या के अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल में ट्रामा सेंटर का शिलान्यास एवं कार्यारंभ करने पहुंचे. कार्यक्रम के दौरान मौसम के बदले मिजाज के कारण बारिश होने लगी. कार्यक्रम में उपस्थित लोग बारिश होने के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुनते रहें. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी लोगों को संबोधित करना बंद नहीं किया. हालांकि, लोगों ने बारिश से बचने के लिए अपनी कुर्सी को सिर पर रख लिया और खड़े होकर मुख्यमंत्री का भाषण सुनते रहे. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने राजधानी के राजवंशी नगर स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल के ट्रामा सेंटर का भी शिलान्यास एवं कार्यारंभ किया.

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लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में सत्ता संभालने के बाद राजेंद्र अस्पताल को आई हॉस्पिटल में विकसित करने का निर्णय लिया गया था, इसके लिए एम्स के डॉ राज्यवर्द्धन आजाद से भी संपर्क किया गया था. नेत्र चिकित्सा के बेहतर इंतजाम के लिए आज इस काम को शुरू किया गया है. यहां पहले से चल रहे ओपीडी में मरीजों का इलाज होता रहेगा और जरूरत के अनुसार डॉक्टरों, नर्सों के साथ-साथ अन्य सुविधाओं का भी इंतजाम किया जायेगा. लोग यहां नेत्र संबंधी बीमारियों का बेहतर तरीके से इलाज करा सकेंगे.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र की हालत पहले काफी खराब थी. वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि गरीब आदमी का यहां सबसे अधिक खर्च इलाज पर होता है. वर्ष 2005 में सरकार में आने के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज के लिए जानेवाले मरीजों का फरवरी 2006 में सर्वे कराया गया, तो पता चला कि एक माह में औसतन 39 मरीज अस्पताल पहुंचते हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर बनाने के लिए हमलोगों ने डॉक्टर, पारा मेडिकल स्टॉफ, नर्सेज एवं अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करायी. अगस्त 2006 में मुफ्त दवा की व्यवस्था की शुरुआत तत्कालीन उप राष्ट्रपति स्व भैरोसिंह शेखावत से करायी गयी थी. इन सब सुविधाओं के बाद जब अक्टूबर-नवंबर 2006 में सर्वे कराया, तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज करानेवाले मरीजों की संख्या 1000 से 1500 तक पहुंच गयी और आज सर्वे से जानकारी मिली है कि अब प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर महीने में औसतन 10 हजार 500 मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को विकसित कर कम्यूनिटी अस्पताल के रूप में परिवर्तित कर छह बेड से बढ़ाकर 30 बेड की व्यवस्था भी की गयी है. जिला अस्पतालों में भी सुविधाओं को और बेहतर किया जा रहा है. गरीब अब अपने पैसे का सदुपयोग जीवन की अन्य सुविधाओं के लिए कर रहे हैं, क्योंकि सरकार उनके इलाज के लिए अस्पतालों में उन्हें बेहतर सुविधा मुहैया करा रही है. उन्होंने कहा कि कॉरपोरेशन का गठन किया गया है, जिसके माध्यम से दवा की खरीद, मशीन की खरीद, अस्पतालों का निर्माण कार्य एवं अन्य कार्य कराये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में ढांचागत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है. राज्य में नये मेडिकल कॉलेज बनाये जा रहे हैं. पीएमसीएच को 5000 बेड का विश्वस्तरीय अस्पताल बनाया जा रहा है. एनएमसीएच एवं आईजीआईएमएस को 2500 बेड के अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है. राज्य में जो नये मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं, वे भव्य हैं. पावापुरी मेडिकल कॉलेज का भी निर्माण बेहतर ढंग से हो रहा है. पुराने अस्पतालों को भी ठीक किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से भी अन्य स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है. केंद्र सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये तक के इलाज के लिए सहायता उपलब्ध करायी जा रही है. मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के माध्यम से भी गरीब लोगों के इलाज के लिए सहायता की जा रही है. जिलों में भी सिविल सर्जन को अपना आवेदन देकर मरीज अपने इलाज के लिए सहायता ले रहे हैं. दिल्ली और मुंबई में भी बिहार के मरीजों की सहायता के लिए केंद्र बनाये गये हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर काम किये जा रहे हैं और जिन चीजों की आवश्यकता होगी, सरकार उसके लिए संसाधनों का इंतजाम करायेगी.

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