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पटना : स्वस्तिक हॉस्पिटल पर किडनी निकालने का आरोप, मरीज की मौत पर हंगामा-तोड़फोड़

अस्पताल से मिलीं एक बोरी शराब की खाली बोतलें, पांच गिरफ्तार पटना : कंकड़बाग थाना क्षेत्र के मलाहीपकड़ी 90 फीट रोड के पास मौजूद स्वस्तिक हॉस्पिटल में गुरुवार को सुबह से ही हंगामा शुरू हो गया. यह हंगामा इलाज में लापरवाही बरतने से मरीज की मौत और किडनी निकालने के आरोप में हुआ. दरअसल अस्पताल […]

अस्पताल से मिलीं एक बोरी शराब की खाली बोतलें, पांच गिरफ्तार
पटना : कंकड़बाग थाना क्षेत्र के मलाहीपकड़ी 90 फीट रोड के पास मौजूद स्वस्तिक हॉस्पिटल में गुरुवार को सुबह से ही हंगामा शुरू हो गया. यह हंगामा इलाज में लापरवाही बरतने से मरीज की मौत और किडनी निकालने के आरोप में हुआ.
दरअसल अस्पताल में इलाजरत छपरा जिले के मसरख के रहने वाले लालबाबू नट (35 वर्ष) की मौत सुबह में तीन बजे हो गयी. परिजनों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही की गयी और ऑपरेशन करके लालबाबू की किडनी निकाल ली गयी, जिससे उसकी माैत हुई है.
इसी बात को लेकर शुरू हुआ हंगामा दोपहर तक चलता रहा. इसके बाद स्थानीय लोग भी अस्पताल के विरोध में आ गये. लोगों ने हंगामे के साथ अस्पताल मेें जम कर तोड़फोड़ की. अस्पताल के कर्मचारियों से मारपीट की गयी और लाश को सड़क पर रख कर सड़क जाम कर दी गयी.
लाठीचार्ज के बाद हटा जाम : दोपहर करीब 12 बजे से शुरू हुआ जाम करीब दो बजे तब खत्म हुआ, जब एएसपी सुशांत सरोज पुलिस बल के साथ पहुंचे.
पहले समझाने का प्रयास किया गया, इसके बाद लाठीचार्ज किया गया और सड़क को खाली कराया गया. परिजनों ने बताया कि हंगामा बढ़ने पर मैनेज करने के लिए अस्पताल की तरफ से एक लाख रुपये दिये जा रहे थे, लेकिन नहीं लिया गया. वहीं मृतक की पत्नी सविता के आवेदन पर पुलिस ने अस्पताल के खिलाफ इलाज में लापरवाही व अन्य आरोप में मामला दर्ज किया है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
अस्पताल में किचन से लेकर छत तक मिलीं शराब की बोतलें : हंगामे के दौरान जब पुलिस अस्पताल में दाखिल हुई, तो अस्पताल के वार्ड में शराब की खाली बोतलें मिलीं.
इसके बाद जब छानबीन की गयी तो एक वार्ड के किचन में और छत पर सैकड़ों बोतलें मिलीं. पुलिस ने एक बोरी शराब की बोतलें बरामद की हैं. पुलिस ने अस्पताल के दो कर्मचारियों छोटू-देवकांत को गिरफ्तार किया. इसके अलावा तीन स्थानीय लोगों को भी गिरफ्तार किया गया.
अस्पताल का पक्ष
यह अस्पताल डॉ राजेश का है. मरीज बहुत ही गंभीर हालत में भर्ती हुआ था. इलाज में कोई लापरवाही नहीं की गयी है. किडनी निकालने की बात गलत है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इसकी पुष्टि भी हो जायेगी. मृतकों के परिजनों ने बेवजह अस्पताल में तोड़फोड़ व हंगामा किया.
– धर्मेंद्र कुमार, पीआरओ, स्वस्तिक अस्पताल
तीन फरवरी को अस्पताल में कराया गया था भर्ती
दरअसल लालबाबू को तीन फरवरी को पेट में दर्द शुरू हुआ था. लालबाबू के भांजे लल्लन ने बताया कि पेट में दर्द होने पर मामा को मशरख में ही निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
इसके बाद अस्पताल ने पटना के स्वास्तिक हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया, भर्ती होने के बाद उनकी हालत और बिगड़ गयी. डॉक्टर राजेश कुमार ने बताया कि ऑपरेशन करना पड़ेगा. इसके बाद चार डॉक्टरों ने 15 मिनट में आॅपरेशन कर दिया. लेकिन ऑपरेशन के 24 घंटे बाद मौत हो गयी.

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