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पटना : अंतरिम बजट बिहार को न विशेष राज्य का दर्जा न पैकेज

पटना : चुनाव से पहले मोदी सरकार की ओर से शुक्रवार को आखिरी बजट पेश किया गया. अंतरिम बजट में कई बड़ी घोषणाएं की गयीं. बजट में गरीब, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, किसानों और मध्यम वर्ग को ध्यान में रख लुभाने की कोशिश की गयी है. मध्यम वर्ग को सौगात देते हुए इनकम टैक्स सीमा […]

पटना : चुनाव से पहले मोदी सरकार की ओर से शुक्रवार को आखिरी बजट पेश किया गया. अंतरिम बजट में कई बड़ी घोषणाएं की गयीं. बजट में गरीब, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, किसानों और मध्यम वर्ग को ध्यान में रख लुभाने की कोशिश की गयी है. मध्यम वर्ग को सौगात देते हुए इनकम टैक्स सीमा 2.50 लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दी गयी है, लेकिन उम्मीदें लगाये बिहार को कुछ नहीं मिला.

न तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने पर चर्चा हुई और न ही कोई विशेष पैकेज मिल सका. इतना ही नहीं प्रदेश के उद्योग व कारोबार के लिए भी कुछ नहीं हुआ. इसके कारण बिहार के कारोबारी और उद्यमी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. ये बातें शुक्रवार को प्रभात खबर की ओर से बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सभागार में केंद्रीय अंतरिम बजट पर रायशुमारी कार्यक्रम के दौरान चैंबर के सदस्यों ने कहीं.

विशेष सौगात की थी आशा
सभागार में अंतरिम बजट का सीधा प्रसारण देखने के लिए व्यवस्था की गयी थी. वित्त मंत्री पीयूष गोयल का बजट भाषण शुरू होने से पहले ही बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य सभा कक्ष में पहुंच गये थे. कारोबारियों व उद्यमियों को उम्मीद थी कि मोदी सरकार के आखिरी बजट में बिहार को विशेष सौगात मिल सकती है, लेकिन जैसे-जैसे वित्त मंत्री का भाषण अंतिम चरण में पहुंचता गया वैसे -वैसे सदस्यों के चेहरे पर उदासी छा गयी.
हालांकि सदस्यों को कहना था कि चलो किसान और मध्यम वर्ग को कुछ तो कुछ मिला.
बजट पर प्रतिक्रिया : बिहार के लिए विशेष प्रस्ताव नहीं होने से निराशा, हालांकि आम लोगों को मिलेगी राहत
उम्मीद थी कि इस बार के बजट में बिहार के विकास के लिए अपेक्षित विशेष योजना या विशेष पैकेज की घोषणा की जायेगी. बिहार के लिए कोई विशेष प्रस्ताव नहीं होने से थोड़ी निराशा जरूर हुई है. वेतनभोगी, अल्प आय व्यक्ति, इन्टरेस्ट आय इत्यादि से मध्यम वर्ग को काफी राहत मिलेगी.
– पीके अग्रवाल, अध्यक्ष, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज
सरकार ने राहुल गांधी के किसानों के कर्ज माफी के जवाब में बजट में योजना का एलान किया है. अब छोटे किसानों को हर साल 6 हजार रुपये की मदद करने की घोषणा की गयी है. मदद सीधे उनके बैंक खातों में पहुंचेगी. जिन किसानों के पास दो हेक्टेयर तक की जमीन है, उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा.
– अमित मुखर्जी, महामंत्री
बजट आम जनता के हित को ध्यान में रख कर बनाया गया है. सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग के लिए सहायता देने की घोषणा सराहनीय है. इससे सूबे के एमएसएमइ उद्योग से जुड़े लोगों को आने वाले दिनों में फायदा मिलेगा. सरकारी उपक्रमों को जेम के जरिये 25 फीसदी खरीदानी का एलान करने से छोटे कारोबारियों को लाभ मिलेगा.
-आलोक पोद्दार
अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने किसानों के साथ पशुपालन और मत्स्य पालन में लगे किसानों के लिए दो फीसदी का ब्याज सहायता देने की घोषणा की है. इससे बिहार के लाखों किसानों को लाभ मिलेगा. राज्य सरकार भी मत्स्य पालन को बढ़ावा दे रही है. उसमें यह सोने पर सुहागा वाला काम करेगा.
– सुभाष पटवारी
बिहार के किसानों को सबसे ज्यादा फायदा : सुशील मोदी
पटना. डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने केंद्र सरकार के अंतरिम बजट को विपक्षी दलों के लिए सर्जिकल स्ट्राइक बताया है. मुख्य सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी इस बजट से सन्न हैं. उन्हें समक्ष में नहीं आ रहा कि इसका विरोध या समर्थन करें. यह सर्व स्पर्शी बजट है, जिसने सभी वर्गों को आराम दिया है.
खासकर मध्यम वर्ग, असंगठित वर्ग और किसानों के लिए सबसे ख्याल रखा गया है. किसानों के खातों में छह हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है. आजादी के बाद पहली बार किसानों के लिए इस तरह की योजना बनायी गयी है. इससे सबसे ज्यादा बिहार को फायदा होगा. क्योंकि बिहार में किसानों के पास औसत रकवा 0.84 हेक्टेयर का है.
यहां 91 फीसदी किसान लघु और सीमांत हैं. दो हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसान लघु और सीमांत माने जाते हैं. यह योजना पूरी तरह से केंद्र प्रायोजित है और इसमें राज्य को कोई अंशदान नहीं देना है. बिहार में किसानों को पहले से ही डीबीटी के माध्यम से लाभ दिया जाता है. ऐसे में इस योजना को लागू करने में काफी सहूलियत होगी.
अंतरिम बजट में दूरदर्शिता का पूरी तरह से अभाव : तेजस्वी
पटना. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा है कि अंतरिम बजट के नाम पर मोदी सरकार ने गैरसंवैधानिक पूरा बजट पेश किया है. यह संसदीय परंपरा और नैतिकता के विरूद्ध है. जो भी घोषणाएं है उसे अगली सरकार को लागू करना है. यह जनता के साथ छलावा है. अगर जनता की इतनी ही फिक्र थी तो विगत पांच साल से क्या पकौड़े तल रहे थे.
अंतरिम बजट में पूरी तरह से दूरदर्शिता का अभाव है. श्री यादव ने कहा कि बजट में चुनावी भाषण से अधिक कुछ नहीं. अपनी योजनाओं का बखान और अपने कार्यकाल के बाहर के सपने ही दिखाये गये.उन्होंने कहा कि बजट में किसानों की आय बढ़ाने व कृषि को मुनाफे की ओर ले जाने का कोई रोडमैप नहीं दिखा. सिंचाई और किसानों के लिए बिजली की बात, उर्वरकों के बढ़ते दामों से निपटने के बात को नजरअंदाज कर दिया गया. 500 रूपये प्रति माह की राशि किसानों के साथ एक मजाक है.
बजट में शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्रों की पूर्णतः अनदेखी की गयी है. रोजगार के सृजन जैसे गम्भीर मुद्दे पर बजट विजन विहीन है. दलित, पिछड़ों व अन्य कमज़ोर वर्गों के उत्थान, उनके लिए स्कॉलरशिप योजना इत्यादि का कोई उल्लेख नहीं है.
इनकम टैक्स सीमा को बढ़ाना साहसिक कदम : केशरी
पटना. अंतरिम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष केपीएस केशरी ने कहा कि इस बजट में आयकर छूट सीमा को 2.5 लाख से बड़ा कर सीधे 5 लाख किया जाना एक साहसिक कदम है. बजट की इस घोषणा से तीन करोड़ लोग टैक्स दायरे से बाहर आ जायेंगे. इन तीन करोड़ लोगों द्वारा टैक्स में छूट से प्राप्त होने वाली बचत अंतत: अर्थ व्यवस्था में ही जायेगी, जिसका लाभ सभी को मिलेगा.
इसी तरह स्टैंडर्ड डिडक्शन की वर्तमान सीमा 40 हजार से बढ़ा कर 50 हजार कर दिये जाने से वेतनभोगी कर्मियों को राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि इस बजट में किसान एवं मजदूर वर्ग के लोगों के हितों पर विशेष ध्यान दिया गया है. समय पर ऋण भुगतान करने पर किसानों को 3 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज अनुदान उपलब्ध कराये जाने की घोषणा से किसानों को फायदा तो होगा ही, बैंकों को भी लिये गये उधार का भुगतान सही समय पर प्राप्त होगा.
ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने के ख्याल से बजट में पशुपालन तथा मछली पालन को बढ़ावा देने के लिये क्रेडिट कार्ड से लिये जाने वाले उधार पर 2 प्रतिशत का सूद अनुदान दिये जाने की घोषणा स्वागत योग्य है.
विपक्ष ने बजट को नकारा
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने ट्वीट कर कहा कि झूठ की टोकरी में जुमलों के बाजार में सजाने का कोई फायदा नहीं है. उन्होंने लिखा कि लोग अब जुमले सुनते ही नहीं बल्कि समझते भी हैं. जनता अब जुमलों पर ठहाका लगाती है. वहीं राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि अंतरिम बजट में केवल जुमलेबाजी की है. भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि किसानों को उनके लागत का दोगुना मूल्य दिया जायेगा. सरकार बताये कब मिलेगा.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा मदन मोहन झा ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा पेश बजट को दिशाहीन बताया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह अंतरिम बजट है जिसे मोदी की सरकार ने बजट अपने कार्यकाल के केवल दो महीने बचने के पहले पेश किया है. भाजपा को मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा है. सरकार ने अंतिम क्षणों में किसानों, नौजवानों व मजदूरों को लुभाने के लिए बजट में कोशिश की है.
बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि यह जनता के साथ छल के अलावा कुछ भी नहीं है. पूर्व वित्त मंत्री के रूप में अपने अनुभव के आधार पर उन्होंने बताया कि सरकार की मंशा ठीक होती तो इस तरह की घोषणा पहले साल ही कर दी जाती. लोकसभा चुनाव के पहले नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सरकार बनने के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में किसानों की कर्ज माफी कर देंगे. अब कर्ज माफी की बात नहीं है.
राजद ने केंद्रीय आम बजट को जुमलेबाजी और झूठ को छुपानेवाला बजट बताया है. राजद का कहना है कि केंद्र सरकार अपनी अंतरिम बजट पर पीठ थपथपा रही है जबकि यह किसान, आम मध्यम वर्ग की आंखों में धूल झोकनेवाला बजट है. राजद विधायक व प्रदेश प्रवक्ता डाॅ रामानुज प्रसाद, प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन, भाई अरुण कुमार, उपेंद्र चंद्रवंशी ने बयान जारी कर कहा है कि कुल मिलाकर कहा जाय तो यह बजट सब्जबाग दिखाने वाला झूठा बजट है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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