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पटना : केस नहीं उठाने पर मारी गोली, मौत
पटना सिटी : अपराधियों ने रविवार की रात लगभग एक ही समय में दो हत्याओं की घटना को अंजाम दिया है. खाजेकलां थाना क्षेत्र में जहां बदमाशों ने रेडिमेड कपड़ा बचेने वाले युवक की गोली मार हत्या कर दी. नगर पुलिस अधीक्षक राजेंद्र भील ने बताया कि हत्या के दोनों मामले में जांच- पड़ताल की […]
पटना सिटी : अपराधियों ने रविवार की रात लगभग एक ही समय में दो हत्याओं की घटना को अंजाम दिया है. खाजेकलां थाना क्षेत्र में जहां बदमाशों ने रेडिमेड कपड़ा बचेने वाले युवक की गोली मार हत्या कर दी. नगर पुलिस अधीक्षक राजेंद्र भील ने बताया कि हत्या के दोनों मामले में जांच- पड़ताल की जा रही है. खाजेकलां थाना क्षेत्र में हुई हत्या मामले में मृतक की पत्नी के बयान पर दो के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. इधर ,रेडिमेड कपड़ा बचेने वाले युवक के परिजनों ने भी अस्पताल में हंगामा मचाया.
खाजेकलां थाना क्षेत्र के सूई की मस्जिद के समीप रहने वाले 32 वर्षीय मो जहांगीर की हत्या अदावत में बदमाशों ने कर दी. पत्नी रिजवाना खातून ने बताया कि रविवार की रात को वह घर के बाहर गाड़ी पर बैठे थे, तभी मनु अपने जितेंद्र या धर्मेंद्र नाम के दोस्त के साथ आया.
इसके बाद बकझक करते हुए घर के पीछे सन्नाटा पड़ने वाले गली में ले गये. जहां गोली मार कर फरार हो गया. फायरिंग की आवाज से वहां अफरा-तफरी मच गयी. लोग घटनास्थल पर पहुंचे, तो देखा कि जख्मी जहांगीर सड़क पर पड़ा है. इसके बाद पत्नी व रिश्तेदार उपचार के लिए पड़ोसियों की मदद से नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर आये, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. पत्नी ने बताया कि कुछ माह पहले इन लोगों ने घर पर फायरिंग की थी, जिसकी शिकायत थाना में दर्ज करायी थी.
इसके बाद मुख्य आरोपित राजू अक्सर केस उठाने के लिए धमकी दे रहा था. मृतक के पत्नी ने संभावना जतायी है कि उसी के इशारे पर घटना हुई. हालांकि, सूचना मिलने के बाद मौके पर खाजेकलां थाना पुलिस के साथ एएसपी बलिराम चौधरी व थानाध्यक्ष दिनेश चंद्र श्रीवास्तव पहुंचे. परिजनों ने बताया कि मृतक रेडिमेड कपड़ा बेचने का काम करता था,उसका एक पुत्र है.
अस्पताल में परिजनों का हंगामा, जूनियर डॉक्टरों का कार्य बहिष्कार
गोली से जख्मी हुए जहांगीर को जब परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे, तो वहां चिकित्सकों की ओर स्लाइन चढ़ाने के लिए बाहर से दवा व स्लाइन चढ़ाने का उपकरण लाने का पुर्जा दिया गया. परिजन जब सामग्री लेकर अस्पताल पहुंचे, तब तक जहांगीर की मौत हो चुकी थी. इसी बात से नाराज परिजनों ने अस्पताल में हंगामा मचाया.
परिजनों का कहना था कि अस्पताल में संसाधन रहता, तब संभव था वो बच जाते, परिजनों की ओर से हंगामा व आक्रोश के बाद जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने भी आपत्ति जताते हुए इसकी सूचना अस्पताल के अधीक्षक डॉ चंद्रशेखर को दी और जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी में कार्य बहिष्कार कर दिया.
उनकी सोमवार को बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति बनायेंगे. एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि रंजन कुमार रमन का कहना है कि अस्पताल में संसाधन की कमी के कारण अक्सर इस तरह की स्थिति बनती है. ऐसे में कार्य करना मुश्किल होता है.
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