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पटना : दोस्ताना माहौल में सच्ची जानकारी देने की कवायद

पटना सिविल कोर्ट में मुख्य जज ने किया फ्रेंडली कोर्ट का उद्घाटन पटना : सोमवार को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति अमरेंद्र प्रताप शाही ने पटना व्यवहार न्यायालय में फेंडली कोर्ट रूम का उद्घाटन किया. इस अवसर पर अतिथि ने कहा कि गौरतलब है कि भारतवर्ष में नाबालिगों के साथ दुराचार की घटनाएं बहुत […]

पटना सिविल कोर्ट में मुख्य जज ने किया फ्रेंडली कोर्ट का उद्घाटन
पटना : सोमवार को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति अमरेंद्र प्रताप शाही ने पटना व्यवहार न्यायालय में फेंडली कोर्ट रूम का उद्घाटन किया. इस अवसर पर अतिथि ने कहा कि गौरतलब है कि भारतवर्ष में नाबालिगों के साथ दुराचार की घटनाएं बहुत तेजी से बढ़ रही हैं. पीड़ित नाबालिग कोर्ट प्रक्रिया के तहत अपनी बाल्यावस्था और अपरिपक्व मस्तिष्क के कारण उनके ऊपर हुए अत्याचार के बारे में कोर्ट को या कोर्ट के सामने सही रूप से प्रस्तुत नहीं कर पाते थे. जिस कारण बहुत से आरोपित आरोप मुक्त हो जाते थे.
इसी के मद्देनजर न्याय प्रक्रिया को दोस्ताना बनाने के लिए फ्रेंडली कोर्ट की स्थापना प्रत्येक जिले में की जानी है. इसके तहत कोर्ट का मुख्य उद्देश्य है कि पॉक्सो के मामले में पीड़ित नाबालिगों को बेहतर माहौल मुहैया कराया जा सके. जहां वह अपने आप को दोस्ताना माहौल में महसूस करें एवं अपने साथ हुए हर घटना के बारे में सच्ची जानकारी कोर्ट के समक्ष बताएं.
ये रहे मौजूद : उद्घाटन के मौके पर मुख्य न्यायमूर्ति अमरेंद्र प्रताप शाही न्यायमूर्ति ज्योति शरण न्यायमूर्ति, दिनेश सिंह, न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार न्यायमूर्ति अंजना मिश्रा, न्यायमूर्ति अश्विनी कुमारसिंह एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्णकांत त्रिपाठी सहित अन्य न्यायाधीश मौजूद थे.
अंतिम दिन भी उड़ी अफवाह, आयोग का इन्कार
दूसरे की जगह परीक्षा देने आये दो छात्रों को परीक्षा देने से पहले फ्रिस्किंग(चेकिंग) के दौरान गेट पर ही गिरफ्तार कर लिया गया. विद्यानंद कुमार व देवेंद्र कुमार एक ही रॉल नंबर पर परीक्षा देने पहुंचे थे.
वहीं आरा के सोनू कुमार की नौ दिसंबर को परीक्षा थी लेकिन सोमवार को प्रिती कुमारी की जगह परीक्षा देने पहुंचे हुए थे. हाजीपुर में विनोद पासवान के स्थान पर चिंटू परीक्षा देने पहुंचे थे. इसी तरह बांका के एसकेपी स्कूल में प्रभात रंजन के स्थान पर सत्यजीत भारती को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. सोमवार को किसी पेपर के वायरल होने की सूचना नहीं है.
आयोग ने अभ्यर्थियों से खुद मांगी सूचनाएं : आयोग के अध्यक्ष संजीव कुमार सिन्हा ने कहा कि आयोग के द्वारा सोमवार को एक नोटिस जारी कर सभी अभ्यर्थियों से सूचनाएं आमंत्रित की हैं. उन्होंने कहा कि अगर किसी छात्र के पास पेपर वायरल होने संबंधी को साक्ष्य किसी के पास है तो वे आकर आयोग को बतायें उसके आधार आयोग विधि सम्मत कार्रवाई करेगी.
उन्होंने कहा कि कोई छात्र अगर कोई इससे जुड़ा सही साक्ष्य या कोई भी सूचना लेकर आता है तो आयोग उसे गंभीरता से लगी. पहले उसकी जांच करायी जायेगी और जो भी जरूरी कार्रवाई हो की जायेगी. उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई भी किसी भी शिफ्ट का पेपर वाकई में आउट हुआ होगा तो उक्त पेपर को कैंसिल कर उसकी दोबारा परीक्षा आयोग के द्वारा ली जायेगी.
हालांकि उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि अब तक कि रिपोर्ट के अनुसार पेपर वायरल की खबर अफवाह है और वह कुछ व्यक्तियों के द्वारा जानबूझ कर की गयी बदमाशी का नतीजा है. जांच के बाद ही आयोग स्पष्ट रूप से कुछ कह सकता है.

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