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शीतकालीन सत्र : सदन के अंदर राबड़ी, तो तेजस्वी बाहर धरने पर बैठे, राजद के पांच सदस्य किये गये निलंबित

राजद के पांच सदस्य किये गये निलंबित, तीन घंटे बाद निलंबन लिया गया वापस पटना : शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को विधान परिषद की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गयी. भोजनावकाश के बाद राजद के पांच सदस्यों के निलंबन के बाद परिषद में एक नाटकीय घटनाक्रम जैसी स्थिति पैदा हो गयी. राजद सदस्यों […]

राजद के पांच सदस्य किये गये निलंबित, तीन घंटे बाद निलंबन लिया गया वापस
पटना : शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को विधान परिषद की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गयी. भोजनावकाश के बाद राजद के पांच सदस्यों के निलंबन के बाद परिषद में एक नाटकीय घटनाक्रम जैसी स्थिति पैदा हो गयी.
राजद सदस्यों के निलंबन के विरोध में विधान परिषद के अंदर राबड़ी देवी बेल में धरने पर बैठ गयीं. वहीं, परिषद के गेट पर उनके पुत्र व विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव धरने पर बैठ गये. राजद के सदस्यों द्वारा कार्य स्थगन प्रस्ताव अस्वीकृत किये जाने पर बेल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी व हंगामा करने पर आसन की ओर से अगले दो दिनों तक चलने वाले सदन की कार्यवाही के लिए राजद के सुबोध कुमार, कमरे आलम, राधाचरण साह, दिलीप कुमार राय व खुर्शीद मोहम्मद मोहसीन निलंबित कर दिये गये.
इसके बाद नेता विरोधी दल राबड़ी देवी के नेतृत्व में राजद सदस्य बेल में आकर धरना पर बैठ गये. कांग्रेस के प्रेमचंद्र मिश्रा भी धरने में शामिल हुए. वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में राजद सदस्य विधान परिषद के गेट पर धरने पर बैठ गये. राजद विधायकों का साथ कांग्रेस विधान पार्षद डाॅ मदन मोहन झा, विधायक विजय शंकर दुबे व वाम दलों के विधायकों ने दिया.
तीन घंटे बाद निलंबन वापस : मो हारुण रशीद के कार्यालय कक्ष में राजद सदस्यों के निलंबन वापसी को लेकर विमर्श हुआ. सभापति ने सभी दलाें के प्रतिनिधियों के साथ इस मुद्दे पर विमर्श करने के बाद निलंबन वापस लेने का फैसला लिया. तीन घंटे बाद शाम छह बजे मो हारुण रशीद ने राजद के पांचों सदस्यों का निलंबन वापस ले लिया. इसके बाद राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव विधायकों के साथ विधानमंडल परिसर से बाहर हुए.
कैसा रहा घटनाक्रम : अभूतपूर्व घटनाक्रम के तहत ढाई बजे के बाद विधान परिषद की कार्यवाही के दौरान बेल में हंगामा के कारण राजद सदस्यों को शाम पांच बजे तक के लिए ही निलंबित किया गया. इसके बावजूद हंगामे पर सदन की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
पुन: तीन बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही राजद सदस्य कार्य स्थगन प्रस्ताव पर बहस कराने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे. इस पर कार्यकारी सभापति ने अगले दो दिनों के सत्र के लिए पांच सदस्यों को निलंबित कर दिया. निलंबित राजद के पांच सदस्यों को सदन से बाहर ले जाने के लिए मार्शल बुलाये गये, लेकिन मार्शल सदस्यों को बाहर ले जाने में असमर्थ दिखे. निलंबित सदस्यों के समर्थन में नेता विरोधी दल राबड़ी देवी खुद बेल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदस्यों को बाहर ले जाने से मार्शलों को रोका. हंगामा के दौरान ही प्रेमचंद मिश्रा ने कार्यकारी सभापति से कहा कि सीबीआई से डिप्टी सीएम सुशील मोदी के मिलने का प्रमाण पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा ने ही दिया है.
सरकार को इसका जवाब देना चाहिए. इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित हो गयी. बाद में राबड़ी देवी सभी सदस्यों के साथ आसन के सामने धरने पर बैठ गयीं. सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी वह नहीं हटीं. बाहर विधान परिषद पोर्टिको की सीढ़ी पर लगभग साढ़े चार बजे विधानसभा में नेता विरोधी दल तेजस्वी प्रसाद यादव भी सदस्यों के साथ परिषद के गेट पर धरना पर बैठ गये.
हंगामे से शुरू हुई सदन की कार्यवाही : इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हरियाणा में बिहार के लोगों की सड़क हादसे में मौत का मामला उठा.
प्रभारी मंत्री इस पर जवाब दे रहे थे कि राजद के डॉ रामचंद्र पूर्वे ने कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया. उन्होंने कहा कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा द्वारा सीवीसी की भेजी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि आईआरसीटीसी घोटाले की जांच के समय सीबीआई अधिकारी राकेश अस्थाना डिप्टी सीएम सुशील मोदी व पीएमओ के एक अधिकारी के संपर्क में थे. नीतीश कुमार को इसकी जानकारी थी.
पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा, जदयू सदस्य रणवीर नंदन, नीरज कुमार आदि ने मामला न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ा होने के कारण सदन में बहस योग्य न मानते हुए कार्यकारी सभापति मो हारुण रशीद से कार्य स्थगन प्रस्ताव को खारिज करने की मांग कर दी. कार्यकारी सभापति ने राजद के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. कार्यकारी सभापति ने करीब 12़ 15 बजे कार्यवाही को ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. इस हंगामा के बीच सूचना का अधिकार 2015-16 और बिहार लोक सेवा आयोग की 2016-17 की वार्षिक रिपोर्ट पटल पर रखी गयी.
विपक्ष के हंगामे के बीच विस में औद्योगिक विवाद ( बिहार संशोधन) विधेयक पारित
पटना : विधानसभा की पहली पाली की कार्यवाही बुधवार को जैसे ही शुरू हुई, महज चार मिनट चलने के बाद ही हंगामा की भेंट चढ़ गयी.
अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने जैसे ही कार्यवाही शुरू करने की घोषणा की. विपक्षी दल के सदस्यों ने खड़ा होकर हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद सभी विपक्षी दल के सदस्य बेल में आ गये और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. सदस्यों ने हाथों में पोस्टर और तख्ती ले रखी थी, जिस पर सरकार विरोधी नारे लिखे हुए थे.
सभी विपक्षी सदस्य सीबीआई का दुरुपयोग करने समेत अन्य नारे लगा रहे थे. सीपीआई-एमल के एक सदस्य तो एक बड़ा पोस्टर लिये हुए थे, जिस पर सीबीआई का गलत उपयोग करने का विरोध लिखा हुआ था. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और अब्दुल बारी सिद्दीकी अपनी सीट खड़ा होकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे.
अध्यक्ष के बार-बार समझाने के बाद भी जब कोई भी विपक्षी सदस्य बात मानने को तैयार नहीं हुए, तो सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक भोजनावकाश के लिए स्थगित कर दी गयी. हंगामा के दौरान सत्तापक्ष के भी कुछ सदस्य भी खड़े होकर लालू और राजद विरोधी नारेबाजी करने लगे.

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