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सीतामढ़ी मामले पर तेजस्वी ने सरकार को घेरा, कहा- हमारे पास सबूत, RSS-BJP ने कैसे बूढ़े को मार डाला

पटना : बिहार विधानसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाये जाने को लेकर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया गया है. प्रश्नकाल में मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े सभी विभागों के सवालों को हटा दिया गया. यह सरकार के […]

पटना : बिहार विधानसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाये जाने को लेकर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया गया है. प्रश्नकाल में मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े सभी विभागों के सवालों को हटा दिया गया. यह सरकार के तानाशाही रवैये को दिखाता है.

बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन राजद की ओर से कार्य स्थगन प्रस्ताव लाये जाने पर विपक्ष के भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. इसके बाद सदन के बाहर नेता प्रतिपक्ष व राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर हमारी ओर से कार्य स्थगन का प्रस्ताव लाया गया है. लेकिन, प्रश्नकाल में मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े सभी विभागों के सवालों को ही हटा दिया गया. आज की कार्यवाही को लेकर राज्य की कार्यवाही के सामने जो स्थिति आयी, उसके लिए सरकार जिम्मेदार है. सूबे में अपराधी बेलगाम घूम रहे हैं. उपमुख्यमंत्री को हाथ जोड़ कर विनती करनी पड़ रही है. हम चाहते थे कि सरकार और स्पीकर कार्यस्थगन पर बहस करे. लॉ एंड ऑर्डर को लेकर सरकार अगर गंभीर होती, तो कार्य स्थगन प्रस्ताव मंजूर करती. बिहार पुलिस भी मानती है कि अपराध बढ़ा है. लेकिन, सरकार के लोग जानते हैं कि उनकी चोरी पकड़ी गयी है. यहां बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं. बलात्कार हो रहा है. रंगदारी, मर्डर, लूट समेत हर अपराध बढ़ा है. जब पटना का अपराध कंट्रोल नहीं कर पाते हैं, तो पूरे राज्य का अपराध कैसे कंट्रोल होगा.

सीतामढ़ी में हुए मॉब लिचिंग पर उन्होंने कहा कि हमारे पास प्रमाण है कि कैसे आरएसएस और भाजपा के लोगों ने बूढ़े आदमी को जला कर मार डाला और प्रशासन मौन रहा. अब इसे ब्रश करने की कोशिश की जा रही है. हम वहां जाना चाहते थे. लेकिन, धारा-144 लगाये जाने के कारण हम वहां नहीं जा पाये. अब तक आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है. आखिर उसका जिम्मेदार कौन हैं? क्या हम सरकार से जानना ना चाहें? हमारे प्रस्ताव को मंजूर करना चाहिए था. राज्य के हित में ऐसे प्रस्ताव मंजूर किये जाने चाहिए थे. लेकिन, प्रश्नकाल में मुख्यमंत्री कार्यालय के सभी विभागों के सवालों को हटा दिया गया. यह सरकार के तानाशाही रवैये को दिखाता है.वहीं, मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्राथमिकी में सुधार किये जाने के सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह सरकार द्वारा प्रायोजित है. अपने लोगों के खिलाफ ही सरकार कैसे कार्रवाई करायेगी.

राजद को मिला कांग्रेस का साथ

कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने कहा कि हम नेता प्रतिपक्ष के साथ हैं. विपक्ष द्वारा लाये गये कार्य स्थगन के प्रस्ताव को एक साजिश और एक व्यवस्था के तहत हटा दिये गये. सूबे में दिन-प्रतिदिन अपराध बढ़ रहे हैं. अब तो बैंकों के रुपये भी महफूज नहीं है. सीतामढ़ी में कांग्रेस के विधायक गये थे, लेकिन वह कुछ नहीं कर पाये, क्योंकि वहां धारा-144 लगा था. यह दुखद है. विपक्ष के नेता द्वारा सदन में रखे गये प्रस्ताव को मंजूर करना चाहिए.

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