पटना:बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा है कि भारतीय संविधान परिवर्तन के दौर में भी समय और समाज की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने में सक्षम रहा है. इसकी नमनीयता, सरलता और स्पष्टता के फलस्वरूप बदलाव के दौर में भी हर तरह की स्थितियों का सामना करने में कोई कठिनाई नहीं हुई है. भारतीय संविधान की व्यवस्थाओं के अनुरूप विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका सबने अपने-अपने दायित्वों का कुशलता पूर्वक निर्वहन किया है. इससे भारतीय गणतंत्र एवं लोकतंत्र को ताकत मिली है. राज्यपाल सोमवार को राजभवन में प्रथम बार आयोजित ‘‘संविधान दिवस समारोह’’ को संबोधित कर रहे थे.
राज्यपाललालजी टंडन ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुरूप भारत में न्यायपालिका स्वतंत्रता पूर्वक संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप न्याय सुलभ कराने का काम करती है. उन्होंने कहा कि शासन-व्यवस्था के तीनों अंगों ने पूरी स्वतंत्रता, समन्वय और अपने-अपने दायित्वों-बोध के साथ काम कर भारतीय लोकतंत्र को वैश्विक प्रतिष्ठा दिलायी है. राज्यपाल ने कहा कि संविधान के अनुरूप अटूट आस्था से ही भारतीय लोकतंत्र सुदृढ़ होगा. उन्होंने कहा कि संविधान-प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करने के साथ-साथ प्रत्येक नागरिक को देश और समाज के प्रति अपने कर्त्तव्यों का भी बोध होना चाहिए.
राज्यपाल ने कहा कि न्यायपालिका में लंबित वादों के त्वरित निष्पादन पर भी ध्यान दिया जाना आवश्यक है, ताकि सस्ता और सुगम न्याय आम गरीब को भी उपलब्ध हो सके. पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही ने कहा कि भारतीय संविधान मानवीय और सांस्कृतिक मूल्यों, संवेदनाओं और नैतिकता की दृृष्टि से पूरी दुनिया में सर्वोत्कृष्ट संविधान है. उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में भी भारतीय संविधान हमें हर तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी शक्ति, विवेक और कानूनी संरक्षण प्रदान करता है.
मुख्य न्यायाधिपति ने कहा कि ‘संविधान दिवस’ के आयोजन से व्यक्ति और समाज में अपने अधिकारों के प्रति संचेतना तथा दायित्वों के प्रति सजगता बढ़ती है. समारोह में राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, बिहार विधान परिषद के कार्यवाहक सभापति हारूण रशीद, लोकायुक्त जस्टिस श्याम किशोर शर्मा, राज्य के विधि मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, पटना उच्च न्यायालय न्यायाधीशगण, महाधिवक्ता ललित किशोर, राज्यपाल के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह, पटना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जेनरल विधुभूषण पाठक भी उपस्थित थे.