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पटना : आपसी मतभेद का शिकार, डॉक्टरों की आपस में नहीं बनती, कर्मचारी भी नहीं मानते हैं आदेश

पटना पुलिस अस्पताल. दो डॉक्टरों के ट्रांसफर की एसएसपी ने की अनुशंसा एसएसपी का अस्पताल की व्यवस्था को ठीक करने का डॉक्टरों से आग्रह महिला वार्ड बनाने, दवाओं की आपूर्ति, कुक की भी अनुशंसा की पटना : पटना पुलिस अस्पताल आपसी मतभेद का शिकार हो चुका है. अस्पताल में पदस्थापित डॉक्टरों की आपस में नहीं […]

पटना पुलिस अस्पताल. दो डॉक्टरों के ट्रांसफर की एसएसपी ने की अनुशंसा
एसएसपी का अस्पताल की व्यवस्था को ठीक करने का डॉक्टरों से आग्रह
महिला वार्ड बनाने, दवाओं की आपूर्ति, कुक की भी अनुशंसा की
पटना : पटना पुलिस अस्पताल आपसी मतभेद का शिकार हो चुका है. अस्पताल में पदस्थापित डॉक्टरों की आपस में नहीं बनती है, तो कर्मचारी भी सीनियर का आदेश नहीं मानते हैं. इसका नतीजा यह है कि अस्पताल के दैनिक कामकाज पर असर पड़ रहा है. सूत्रों के अनुसार अापसी मतभेद बुधवार को एसएसपी मनु महाराज ने भी देख लिया और मामले को गंभीरता से लेते हुए दो डॉक्टरों अजीत कुमार व शमशुल हक को वहां से हटा कर दूसरे अस्पताल में पदस्थापित करने की अनुशंसा डीआईजी सेंट्रल राजेश कुमार से कर दी.
पटना पुलिस अस्पताल की बेहतरी के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के लिए एसएसपी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में बैठक हुई, जिसमें अस्पताल के डॉक्टर अजीत कुमार, शमशुल हक और कल्पना मिश्रा शामिल हुईं. इसके साथ ही पटना जिला पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप यादव भी उपस्थित थे. पुलिस मेंस एसोसिएशन ने पटना पुलिस अस्पताल की बदतर स्थिति को लेकर सवाल उठाया था.
अस्पताल में संसाधन की कमी की भी दी जानकारी : एसएसपी ने अस्पताल कर्मियों के साथ ही पुलिस मेंस एसोसिएशन से अस्पताल की व्यवस्था को सुधारने के लिए जानकारी मांगी.
उन लोगों से मिली जानकारी के आधार पर एसएसपी ने पुलिस अस्पताल में अलग से महिला वार्ड बनाने, दवाओं की आपूर्ति करने, कंप्यूटर लगाने, कुक के साथ ही अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्ति करने आदि की अनुशंसा भी की. डॉक्टरों ने यह जानकारी दी थी कि कम स्टाफ होने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण एसएसपी ने अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था करने की अनुशंसा की.
बातचीत के दौरान ही आपस में उलझ पड़े दोनों डॉक्टर, लगाया एक-दूसरे पर आरोप
सूत्राें के अनुसार बैठक के दौरान एसएसपी मनु महाराज ने अस्पताल की व्यवस्था को ठीक करने का आग्रह डॉक्टरों से किया. इसके साथ ही उन्होंने यह भी समझाया कि अगर अस्पताल में इलाज की व्यवस्था ठीक होगी, तो इससे पुलिसकर्मियों को लाभ पहुंचेगा और उन्हें अन्यत्र इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. इसी बीच डॉक्टर अजीत कुमार व डॉ शमशुल हक अापस में भिड़ गये और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगे. इसके बाद दोनों डॉक्टरों ने अस्पताल के कर्मचारियों पर आरोप लगाया कि वे लोग उनकी बात नहीं सुनते हैं.
इस पर एसएसपी ने कर्मचारी की क्लास लगायी और डॉक्टरों को अपना काम सही से करने का निर्देश दिया. लेकिन एसएसपी ने यह देख लिया कि दोनों डॉक्टरों के बीच में आपस में तालमेल नहीं है. इसके बाद उन्होंने तुरंत ही दोनों डॉक्टरों को हटाने की अनुशंसा कर दी.
व्यवस्था के अभाव में हवलदार की हो गयी थी मौत
जानकारी के अनुसार एसएसपी कार्यालय में हवलदार उद्यम नारायण सिंह को कुछ दिनों पहले ड्यूटी के दौरान ही हार्ट अटैक हुआ था. इसके बाद वहां कार्यरत कर्मचारी उन्हें कुछ कदम दूरी पर स्थित पुलिस अस्पताल में ले गये. लेकिन वहां आवश्यक संसाधन नहीं होने के कारण इलाज नहीं हो पाया और उन्होंने दम तोड़ दिया था.
सविता का हो जाता इलाज
जिस सविता की मौत के बाद पुलिस लाइन में उपद्रव हुआ, वह अपने इलाज को लेकर प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती थी. अगर पुलिस अस्पताल में ही इलाज की सारी व्यवस्था रहती, तो उसे वहां भर्ती करा कर इलाज कराया जा सकता था. एक पुलिस अधिकारी ने भी बैठक के दौरान यह सवाल उठाया.
एंबुलेंस को कर लिया गया था क्लोज
सूत्रों के अनुसार करीब एक साल पहले पुलिस अस्पताल की एंबुलेंस को भी लाइन में बुला लिया था. उस समय डीएसपी मसेलउद्दीन ही प्रभारी थे. साथ ही चालक को भी लाइन क्लोज कर दिया था. लेकिन अभी तक एक भी एंबुलेंस अस्पताल में नहीं आयी है. इसके कारण अस्पताल बिना एंबुलेंस के ही चल रहा है. अस्पताल में कुक रिटायर्ड हो चुका है, जिसके कारण कुछ दिनों से मरीजों की भी भर्ती नहीं ली जा रही है.

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