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पटना : तीन दिन बाद भी दीपक की तलाश जारी, लोकल प्रशासन फेल, अब दीपक को तलाशेगी सेना
पटना : हारती उम्मीदों और टूटती आस के बीच सोमवार को भी चलता रहा रेस्क्यू ऑपरेशन शनिवार – 1:30 बजे : संप हाउस के आउटफॉल चेंबर में दीपक गिरा – 1:50 बजे : संप हाउस की मोटर को किया गया बंद – 2:40 बजे : निगम के सफाईकर्मियों ने शुरू किया ऑपरेशन – 2:45 बजे: […]
पटना : हारती उम्मीदों और टूटती आस के बीच सोमवार को भी चलता रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
शनिवार
– 1:30 बजे : संप हाउस के आउटफॉल चेंबर में दीपक गिरा
– 1:50 बजे : संप हाउस की मोटर को किया गया बंद
– 2:40 बजे : निगम के सफाईकर्मियों ने शुरू किया ऑपरेशन
– 2:45 बजे: निगम व जिला प्रशासन की टीम घटना स्थल पर पहुंची
– 4:45 बजे : एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के जवान घटना स्थल पर पहुंचे
– 5:00 बजे : एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम ने शुरू किया रेस्क्यू ऑपरेशन
– रात्रि 12:45 बजे : घटना स्थल पर पहुंची डीसिल्टिंग मशीन
– रात्रि 1:05 बजे : डीसिल्टिंग मशीन से नाले की सफाई व सिल्ट ढीला करने का काम किया गया शुरू
रविवार
– 10:22 बजे : डीसिल्टिंग मशीन से दुबारा शुरू की गयी नाले की सफाई
– 11:25 बजे : एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम ने शुरू किया सर्च ऑपरेशन
– 12:50 बजे : मोहनपुर संप हाउस की मोटर चलायी गयी
– 1:15 बजे : घटना स्थल पर पहुंचे सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री रामकृपाल यादव
– 3:20 बजे : संप हाउस की मोटर बंद कर डीसिल्टिंग मशीन को किया गया गया चालू
– 4:20 बजे : घटना स्थल पर पहुंचे जिलाधिकारी व नगर आयुक्त, किया कैंप
– 7:00 बजे: नाले को तोड़ने की प्रक्रिया की गयी शुरू
– 8:30 बजे : घटना स्थल पर मेयर सीता साहू पहुंचीं और ली ऑपरेशन की जानकारी
– रात्रि 11:30 बजे : डीसिल्टिंग मशीन से सिल्ट व कचरा निकालने की प्रक्रिया की गयी शुरू
– रात्रि 2:30 बजे : रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया बंद
सोमवार
– 10:00 बजे : चेंबर और आनंदपुरी नाले में लगायी गयी जाली व तैनात किये गये एनडीआरएफ के जवान
– 10:30 बजे : मोहनपुर संप हाउस की सभी मोटरों को किया गया चालू
– 11:00 बजे : निगम व जिला प्रशासन की टीम ने आनंदपुरी नाले पर किया कैंप
– 12:00 बजे: संप हाउस की मोटर की गयी बंद और जाली तक बच्चा पहुंचने का होने लगा इंतजार
– 3:30 बजे: ऑपरेशन की रणनीति में किया गया बदलाव
– 4:30 बजे : नाले में घुसे निगम कर्मी व एनडीआरएफ के जवान
– 7:00 बजे: डीसिल्टिंग मशीन की गयी शुरू और निकाला गया सिल्ट व कचरा
– 8:35 बजे : डीसिल्टिंग मशीन से राजेश पथ व चिल्ड्रेन पार्क के बीच शुरू की गयी नाले की सफाई
पटना : शनिवार की दोपहर 1:30 बजे से नाले में गिरा 10 वर्षीय दीपक अब भी लापता है. हारती उम्मीदें और टूटती आस के बीच 72 घंटे बाद भी दीपक की तलाश जारी है. दीपक की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन सोमवार को भी दिन भर चलता रहा.
रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे अधिकारियों ने अपनी रणनीति कई बार बदली, लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा. प्रशासन के साथ-साथ एनडीआरएफ व एसडीआरएम की टीम एसके पुरी स्थित राजेश पथ से लेकर आनंदपुरी नाला तक चेंबर-चेंबर खोजबीन करते रहे, लेकिन बच्चे की सुराग कहीं नहीं मिला. प्रशासन ने रणनीति में बदलाव किया और दुबारा डीसिल्टिंग मशीन से 500 फुट नाले की सफाई शुरू की. अब जिला प्रशासन सेना की मदद लेने की तैयारी कर रहा है.
आनंदपुरी नाले में लगायी गयी जाली: रविवार-सोमवार की रात्रि 2:30 बजे तक डीसिल्टिंग मशीन के सहयोग से 250 फुट नाले की सफाई की गयी. नाले में जमा सिल्ट व कचरा शत-प्रतिशत साफ किया गया. इसके बाद एनडीआरएफ के दो जवान राजेश पथ के निकट नाले के एक चेंबर से घुसे और दूसरे चेंबर से निकले. लेकिन बच्चा कहीं नहीं मिला. सोमवार की अहले सुबह 4:00 बजे ऑपरेशन बंद कर दिया.
दुबारा ऑपरेशन सुबह 10:00 बजे शुरू करते हुए आनंदपुरी नाले में जाली लगायी गयी. जाली लगने के बाद मोहनपुर संप हाउस की मोटर चलायी गयी, ताकि पानी के तेज बहाव के साथ बच्चा आनंदपुरी नाला तक पहुंच जाये. लेकिन, शाम के 3:30 बजे तक प्रशासन को सफलता नहीं मिली. हालांकि इस पूरे प्रयास में गोताखोरों ने जबरदस्त हौसला दिखाया. वे रात भर नाले में उतरते और फिर बाहर निकलते, फिर चैंबर में कूदते, हालांकि परिणाम शून्य ही दिखाई दिया.
चिल्ड्रेन पार्क के समीप से नाले की जानकारी नहीं : आउट फॉल चेंबर से चिल्ड्रेन पार्क के समीप स्थित चेंबर की दूरी 500 फुट है. इसके बाद नाला कैसे आनंदपुरी नाले में मिलता है. इसकी जानकारी निगम प्रशासन के पास नहीं है. यही वजह है कि जिला व निगम प्रशासन के साथ-साथ एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम चिल्ड्रेन पार्क तक ही ऑपरेशन चला रही है. हालांकि, इस 500 फुट नाले के बीच भारी मात्रा में सिल्ट व कचरा भरा था. इससे प्रशासन को आशंका थी कि बच्चा इसी बीच में फंसा है.
निगम कर्मी के साथ नाले में घुसे एनडीआरएफ के जवान: सोमवार की सुबह 10:00 बजे संपहाउस का मोटर चालू किया गया और नाले में पानी छोड़ा गया, ताकि पानी के तेज बहाव के साथ बच्चा आनंदपुरी नाले में लगी जाली में फंस जाये. लेकिन, 3:30 बजे तक बच्चा जाली तक नहीं पहुंचा. प्रशासन ने रणनीति बदली और टीम एसके पुरी के राजेश पथ पहुंची. निगम कर्मी व एनडीआरएफ का जवान साथ में एक चेंबर से घुसे और दूसरे से निकले.
फिर शुरू की गयी डीसिल्टिंग मशीन से नाले की सफाई : चिल्ड्रेन पार्क स्थित चेंबर तक नाले की सफाई शुरू की गयी. इसके साथ ही आउट फॉल के पहले चेंबर से 150 फुट की दूरी पर नाले को तोड़ा गया. इस जगह को बालू भरे बैग से जाम किया गया और पानी निकाल कर भी खोजने की योजना है. हालांकि, यह प्रक्रिया देर रात्रि तक की गयी.
नाले के अंदर से निकलीं शराब की खाली बोतलें
दीपक की खोज में टीम ने जब नाले के अंदर से कचरा निकालना शुरू किया, तो शराब की खाली बोतलें भी निकलने लगीं. इसमें सभी ब्रांड की विदेशी शराब की बोतलें थी. इसके साथ ही एक-दो बोतल पर यह स्पष्ट दिख रहा था कि वह बिहार के बाहर की शराब की बोतल हैं. एक बोतल पर हरियाणा अंकित था. इससे यह स्पष्ट है कि उक्त शराब की बोतल हरियाणा की थी. इसके अलावा बोतल पर लगी कंपनी की रैपर भी नयी दिख रही थी. इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि शराबबंदी के बाद भी लोग शराब पी रहे हैं और उसकी खाली बोतल नाले में डाल रहे हैं.
…यह बोतल बहती हुई एसके पुरी चिल्ड्रेन पार्क के पास आ गयी थी और नाले के
अंदर फंसी हुई थी. टीम ने जब नाले को खोला तो उसमें से कचरे के साथ ही शराब की कई
खाली बोतलें भी निकलीं.
कल भेजा जायेगा आग्रह
पटना . दीपक को की तलाश में जुटी निगम, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम ने देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन सफलता नहीं मिली. नाले में चैंबर व नैनहॉल का पता नहीं चल सका. इसके बाद जिला प्रशासन अब सेना की मदद लेने की तैयारी कर रहा है.
बताया जाता है कि सेना के पास के पास एक उपकरण है, जिसकी मदद से चैंबर व मैनहॉल तक पहुंचा जा सकता है. चूंकि जहां-तहां नाला तोड़ने से बाद में ओवर फ्लो व लीकेज की समस्या उत्पन्न हो सकती है. भविष्य में फिर से ऐसी समस्या उत्पन्न न हो. इस दृष्टिकोण से सेना की मदद लेने पर विचार किया गया है, ताकि उसके पास उपलब्ध उपकरण के माध्यम से मैनहॉल को ढूंढ़ कर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा सके. मदद के लिए बुधवार को सेना से आग्रह किया जायेगा.
पुराना नक्शा भी नहीं आया प्रशासन के काम
पटना. मोहनपुर संप हाउस से निकली नाला कैसे-कैसे आनंदपुर नाला तक पहुंची है. इसकी जानकारी बिहार राज्य जल पर्षद(बीआरजेपी) के अभियंताओं के साथ साथ निगम अभियंताओं के पास भी नहीं है. हालांकि, आनंदपुर नाला के पास अधिकारियों ने कैंप कर बच्चा पहुंचने का इंतजार किया जा रहा था. इसी दौरान बीआरजेपी के सेवानिवृत्त कर्मी की चर्चा हुई. सेवानिवृत्त कर्मी राजीव रंजन को नक्शा लेकर बुलाया गया, तो राजीव नक्शा लेकर पहुंचे. लेकिन, नक्शा 70 की दशक की थी. हालांकि, बीआरजेपी के सेवानिवृत्त कर्मी ने निगम के अभियंता व प्रशासन को नक्शा की रूट समझाने की कोशिश किया. लेकिन, नक्शा समझ में नहीं आया.
पुरानी रणनीति से शुरू
किया ऑपरेशन : निगम के नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी शैलेश कुमार, उप नगर आयुक्त विशाल आनंद, कार्यपालक अभियंता अविनाश कुमार के साथ साथ एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के जवान घटना स्थल पर लगातार कैंप किये है. वहीं, सिविल डिफेंस के राजेश कुमार भी ऑपरेशन में सहयोग में लगे है. दिन भर चले ऑपरेशन से सफलता नहीं मिली, तो अधिकारियों ने पुराने रणनीति पर लौटा और दुबारा नाले की सफाई और नाले के भीतर खोजबीन शुरू किया गया.
पानी निकासी की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से बढ़ी लोगों की परेशानी
पटना : शनिवार की दोपहर दो बजे से सोमवार तक मोहनपुर संप हाउस लगातार बंद है. हालांकि, रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान रविवार को आधा घंटा और सोमवार को करीब डेढ़ घंटा संप हाउस चलाया गया. पिछले तीन दिनों से दो घंटे संप हाउस चलाया गया. संप हाउस नहीं चलने से पुनाईचक, राजवंशी नगर, बोर्ड कॉलोनी आदि इलाकों में जलजमाव की समस्या बन गयी है और लोग परेशान होने लगे हैं. इस समस्या को देखते हुए निगम प्रशासन ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है, जिससे समस्या और गहरा गयी है.
सड़कों पर सीवरेज के पानी से जलजमाव की समस्या
संप हाउस की मोटर चालू नहीं होने से सीवर लाइन के पानी की निकासी बंद है. सीवर लाइन का पानी नहीं निकलने से दर्जनों चेंबर ओवर फ्लो होने लगे हैं. स्थिति यह है कि राजवंशी नगर, बोर्ड कॉलोनी, पुनाईचक और मोहनपुर के आसपास के इलाकों में जलजमाव की समस्या बन गयी है. जलजमाव की समस्या से लोगों को आने-जाने में परेशानी होने लगी है. हालांकि, सोमवार की सुबह संप हाउस की मोटर चलायी गयी, तो सीवर लाइन का पानी घटने लगा था. लेकिन, शाम को स्थिति फिर वैसी ही हो गयी.
गाद ने बांध रखे हैं एनडीआरएफ के हाथ-पांव
72 घंटे में केवल 250 फुट नाला साफ कर सका नगर निगम
पटना : संप हाउस के आउटफॉल में गिरे दीपक को तलाश करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही एनडीआरएफ की टीम को अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है. टीम अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन संप से लेकर सड़क के भीतर बने नाले में वर्षों पुराने जमे गाद ने उनके हाथ-पांव रोक रखे हैं. मात्र छह फुट ऊंचे अंडरग्राउंड नाले में चार फुट से अधिक गाद भरे होने के कारण बीते दो दिनों में कुछ भी विशेष नहीं किया जा सका है. गाद ने इस तरह से अभियान को जकड़े रखा है कि 72 घंटे बीत जाने के बाद भी सर्च अभियान का पूरा केंद्र आउटफॉल से 250 फुट लंबे नाले तक ही विशेष रूप से सीमित है. निगम की अब तक की उपलब्धि यही है कि दो दिनों में कुल 250 फुट नाले से गाद को साफ किया है, यानी कुल मिला कर फलसफा यही है कि बच्चे को खोजने के लिए कोई बहुत बड़ा अभियान नहीं चल रहा है.
एनडीआरफ को मिल रही चुनौती
-नाले में चार से पांच फुट तक गाद है
-सफाई के बावजूद कई जगहों पर नाला जाम है
-अंदर काफी अंधेरा है
-शुरुआती दौर में प्रॉपर नक्शा नहीं मिला
-एनडीआरएफ पहली बार ऐसा अभियान चला रहा है
दो-दो शिफ्टों में काम कर रही है 25-25 लोगों की टीम
कहने को तो दीपक को खोजने के लिए नगर निगम, जिला प्रशासन,बीआरजेपी, एसडीआरफ भी काम कर रही है, लेकिन स्थानीय लोगों और सर्च अभियान में जुटे अधिकारियों को सारी उम्मीद एनडीआरएफ पर ही लगी हुई है. एनडीआरएफ का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने बताया कि सर्च अभियान को दो शिफ्टों में चलाया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि 25-25 लोगों की टीम काम कर रही है. इसमें प्रत्येक टीम में चार-चार गोताखोर हैं. इसके अलावा अब वीएसी (लंबा कैमरा) भी मंगाया जा रहा है. दो स्मोक वेंटिलेटर काम कर रहे हैं. पोर्टेबल लाइट्स लगी हैं.
सीवर खतरनाक
सीवर की सफाई हमेशा चुनौतीपूर्ण होती है. इस साल समूचे देश में दो सौ से अधिक मजदूर या एक्सपर्ट सीवर सफाई के दौरान मर चुके हैं. इसकी वजह खतरनाक गैसें होती हैं.
विशेष चुनौती
सीवर में मौजूद कार्बन मोनो ऑक्साइड,
हाइड्रोजन सल्फाईड, अमोनिया. इसके अलावा इसमें क्लोराइड, पारा, सीसा और ग्रीस जैसी चिकनाई
ज्यादा खतरनाक होती है. इससे आगे बढ़ने में कठिनाई होती है.सीवर टैंक का तापमान चुनौतीपूर्ण होता है.
सीवर टैंक का औसत तापमान चालीस से पैंतालीस डिग्री सेल्सियस होता है.जब तक उम्मीद रहेगी, चलता रहेगा अभियान : इधर जिलाधिकारी कुमार रवि के अनुसार दीपक को खोजने के लिए अभियान जारी रहेगा. जब तक एनडीआरएफ की टीम को बच्चे के मिलने की संभावना रहेगी, वह काम करती रहेगी. जिला प्रशासन व अन्य विभाग इसका सहयोग करते रहेंगे. वहीं एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर ने बताया कि आनंदपुरी से लेकर राजापुर पुल तक खुले नाले में भी दो बार सर्च किया गया.
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