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पटना : बच्चा खोजने में जुटी है टीम रेस्क्यू ऑपरेशन रहेगा जारी
पटना : रविवार की शाम डीएम कुमार रवि, नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन और बीआरजेपी के एमडी राजेश मीणा के साथ घटना स्थल पर पहुंचे. घटना स्थल पर पहुंच कर निगम प्रशासन और एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीम से बातचीत किया. इसके साथ चेंबर व आउट फॉल नाले की जायजा लिया. अधिकारियों से बातचीत के […]
पटना : रविवार की शाम डीएम कुमार रवि, नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन और बीआरजेपी के एमडी राजेश मीणा के साथ घटना स्थल पर पहुंचे. घटना स्थल पर पहुंच कर निगम प्रशासन और एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीम से बातचीत किया.
इसके साथ चेंबर व आउट फॉल नाले की जायजा लिया. अधिकारियों से बातचीत के बाद डीएम ने निर्देश दिया कि नाला जहां जाम हैं, वहां नाला तोड़ दें. डीएम के निर्देश पर तत्काल कार्रवाई शुरू की गयी. लेकिन, चेंबर मिलने से नाला नहीं तोड़ा गया.
हालांकि, बाद में चेंबर दूसरे नाले का निकला. इसके बाद संप हाउस के मेन नाला को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गयी. डीएम ने बताया कि घटना की सूचना मिलने ही निगम व जिला प्रशासन की टीम के साथ साथ एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के जवाब रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गये और लगातार ऑपरेशन चला रहे है.
हालांकि, अब तक बच्चा नहीं मिला है. बच्चा खोजने में रेस्क्यू टीम लगी है और ऑपरेशन जारी रहेगी. डीएम ने निरीक्षण के दौरान खुला आउट फॉल चेंबर की जानकारी बीआरजेपी से मांगा, तो बीआरजेपी व निगम अपना-अपना पल्ला झाड़ने लगे. इसके बाद डीएम ने बीआरजेपी के एमडी से कहा कि चेंबर के ऊपर जाल लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दें.
रास्ता बंद करने का दिया निर्देश
डीएम ने निरीक्षण के दौरान देखा कि स्थानीय लोगों ने शॉटकट के चक्कर में चेंबर के बाउंड्री के ऊपर से अवैध रास्ता बना दिया है. यह रास्ता हमेशा के लिए खतरनाक है. डीएम ने सचिवालय डीएसपी को निर्देश दिया कि राजेश पथ व रेलवे लाइन दोनों की ओर से बैरिकेडिंग करते हुए रास्ता बंद कर दें. डीएम के निर्देश पर तत्काल रास्ता बंद कर दिया गया.
एक अधिकारी नहीं, टीम करती है काम
30 घंटे की देरी से पहुंचे डीएम व नगर आयुक्त से संबंधित सवाल के जवाब देते हुए डीएम ने कहा कि डीएम अकेले काम नहीं करता है. आपात स्थिति में पूरी टीम काम करती है. दुर्घटना की सूचना मिलते ही जिला व निगम प्रशासन घटना स्थल पर पहुंचे और लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे है. रेस्क्यू ऑपरेशन में कहीं से कोई कोताही नहीं की गयी है
शहर में खुले नाले दे रहे मौत को दावत
जधानी में खुले नालों व चेंबरों में यदा-कदा दुर्घटनाएं होती रहती हैं. कई बार इन दुर्घटनाओं में लोगों की मौत भी हो जाती है. शनिवार को जिस आउटफॉल चेंबर में 10 वर्षीय बच्चा दीपक गिरा था, वह चेंबर भी 25 वर्षों से खुला था. दीपक की गिरने की घटना पहली नहीं है. इससे पहले भी राजधानी के खुले होल में गिरकर कई अपनी जान गंवा चुके हैं. कंकड़बाग, समनपुरा और चिड़ियाघर के समीप खुले नाले व चेंबर में गिर कर कई लोगों की मौत हो गयी है. इसके बावजूद निगम प्रशासन की अनदेखी के कारण दर्जनों खुले नाले व चेंबर मौत को दावत देते दिख रहे हैं.
मंदिरी नाला
मंदिरी नाला तारामंडल के समीप से शुरू होता है और बांस घाट स्थित संप हाउस तक जाता है. इस नाले के एक साइड से सड़क बनाया गया है और दूसरे साइड से अवैध सड़क है. नाला खुला है और दोनों किनारे से बाउंड्री भी नहीं है. दिन-रात नाले के दोनों किनारे से लोग आ-जा रहे हैं. इस नाले को ढक कर सड़क बनाने की योजना पिछले दो वर्षों से फाइलों में दबी है और दुर्घटना की आशंका होने के बाद भी निगम अधिकारियों का इस ओर ध्यान नहीं है.
बाकरगंज नाला
बाकरगंज नाले की लंबाई करीब दो किलोमीटर है. यह पीरमुहानी से अंटा घाट तक है. इस नाले के कुछ दूरी तक सघन आबादी है, जिससे आने-जाने का रास्ता नहीं है. इससे नाले की सफाई में भी परेशानी होती है. वहीं, कुछ दूरी के बाद दोनों किनारे झुग्गी-झोपड़ी बना कर लोग रह रहे है और लोग पानी के समीप से आ-जा रहे है. इस नाले को भी ढक कर सड़क बनाने की योजना अब तक पूरी नहीं की जा सकी है.
सैदपुर नाला
सैदपुर नाले की लंबाई पांच किलोमीटर से अधिक है. यह राजेंद्र नगर के प्रेमचंद रंगशाला के समीप से शुरू होकर पटना सिटी तक जाता है. इस नाले के एक किनारे सड़क और दूसरे किनारे सघन आबादी है. स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहरी लोग दिन-रात नाले के दोनों किनारे से आ-जा रहे हैं. इस स्थिति में कभी भी हादसा होने की आशंका बनी रहती है. इस नाले के ऊपर भी सड़क बनाने की योजना फाइलों में ही अटकी है.
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