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पटना : सूखाग्रस्त जिलों में जल्द मदद करने का विभागों को निर्देश

पटना : राज्य सरकार ने मंगलवार को सूखाग्रस्त 24 जिलों के 275 प्रखंडों में जल्द मदद की कार्रवाई शुरू करने का संबंधित आठ विभागों को निर्देश दिया है. आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त सूचनानुसार कृषि विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ऊर्जा विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, […]

पटना : राज्य सरकार ने मंगलवार को सूखाग्रस्त 24 जिलों के 275 प्रखंडों में जल्द मदद की कार्रवाई शुरू करने का संबंधित आठ विभागों को निर्देश दिया है.
आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त सूचनानुसार कृषि विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ऊर्जा विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग से अनुरोध किया गया है कि सूखाग्रस्त घोषित जिलों में अपने विभाग से संबंधित मदद कार्यों को त्वरित गति दें.
सूखाग्रस्त क्षेत्रों में कृषि विभाग द्वारा आवश्यकतानुसार फसल की सुरक्षा और बचाव के लिए कृषि इनपुट के रूप में डीजल, बीज आदि पर सब्सिडी की व्यवस्था, वैकल्पिक फसल योजना तैयार कर उसके सफल क्रियान्वयन के लिए अपेक्षित कार्रवाई, किसानों को फसल बीमा का लाभ दिलवाने के लिए अपेक्षित कार्रवाई और इसके अंतर्गत फसल बीमा से आच्छादित किसानों को कृषि इनपुट सब्सिडी का लाभ, किसानों को फसल सहायता योजना का लाभ तथा आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा कृषि इनपुट सब्सिडी का लाभ, इसके लिए कृषकों को अधिकतम दो हेक्टेयर की अधिसीमा तक कृषि इनपुट सब्सिडी, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की मानदर के अनुरूप कार्य अपेक्षित है.
पीएचईडी विभाग द्वारा पेयजल की आपूर्ति के लिए पूर्व में लगाये गये चापाकलों की मरम्मत, पुराने चापाकलों को और गहरे स्तर तक गाड़े जाने, नये चापाकल लगाने तथा प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति की व्यवस्था करनी है.
पात्र परिवारों को उपलब्ध कराया जायेगा खाद्यान्न
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जिलों में पर्याप्त खाद्यान्न का भंडारण तथा खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत सभी पात्र परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध कराना है. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा पशुचारा की उपलब्धता, पशुओं के लिए पेयजल की व्यवस्था के लिए चयनित स्थलों को शिविर के रूप में चिह्नित कर जल की व्यवस्था और प्राथमिकता के आधार पर सोलर पंप के द्वारा जल की व्यवस्था भी करनी है.
पशु चिकित्सालयों में दवा का भंडारण अपेक्षित है. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा रोजगारोन्मुख कार्यक्रमों के कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण में गतिशीलता लाना, जल संरक्षण की योजना के तहत तालाब, आहर एवं पाइन उड़ाही, चेक डैम, डगबेल, वृक्षारोपण जैसे परियोजनाओं को प्राथमिकता देना, प्रत्येक पंचायत में जल संरक्षण हेतु न्यनतम दो–दो योजनाएं संचालित करना अपेक्षित है.
लघु जल संसाधन विभाग द्वारा निजी नलकूप गाड़ने हेतु अनुदान उपलब्ध कराने, चालू नलकूपों से लगे हुए फसलों को बचाने तथा सरकार की नीति के अनुरूप हस्तांतरण की कार्रवाई अपेक्षित है. ऊर्जा विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था और इसका प्रचार–प्रसार समाचार पत्रों के माध्यम से कराना अपेक्षित है.

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