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पटना : आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के स्थापना दिवस समारोह में बोले सीएम, जागरूकता से ही होगा बचाव
पटना : बिहार आपदा प्रभावित राज्य है. यहां बाढ़, सुखाड़ जैसी आपदा तो हमेशा आती रहती है, लेकिन भूकंप की आशंका भी बनी रहती है. हमलोगों का दृष्टिकोण स्पष्ट है कि आपदा पीड़ित परिवार को बचाएं और उनकी सहायता करें. आपदा के बारे में लोगों में जागृति जरूरी है. ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने […]
पटना : बिहार आपदा प्रभावित राज्य है. यहां बाढ़, सुखाड़ जैसी आपदा तो हमेशा आती रहती है, लेकिन भूकंप की आशंका भी बनी रहती है. हमलोगों का दृष्टिकोण स्पष्ट है कि आपदा पीड़ित परिवार को बचाएं और उनकी सहायता करें. आपदा के बारे में लोगों में जागृति जरूरी है. ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहीं. वे अधिवेशन भवन में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (बीएसडीएमए) के 11वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि चेन्नई काॅन्फ्रेंस में आपदा का प्रभाव कम से कम हो, इसके लिए बैठक हुई थी. इसके बाद बिहार में राज्य स्तर पर पहली काॅन्फ्रेंस हुई. उसके बाद एक रोडमैप बनाया गया, जिसमें किसकी क्या जिम्मेदारी होगी, इन सब बातों का जिक्र किया गया. साथ ही लोगों को जागरूक और प्रशिक्षित करने के बारे में भी निर्णय लिया गया.
गुजरात के भूकंप से आयी जागरूकता सीएम ने कहा कि वर्ष 2002 में गुजरात में आये भूकंप के दौरान वे केंद्र में कृषि मंत्री थे. सदन में सरकार का पक्ष इस संबंध में उन्हें रखना था. इस दौरान विशेषज्ञों ने उन्हें बताया था कि यदि इसी रिक्टर पैमाने का भूकंप पटना में आया तो पांच लाख से ज्यादा लोगों की मृत्यु होगी.
इसके बाद बिहार में भूकंपरोधी संरचना निर्माण के बारे में हम सतर्क हुए. उन्होंने कहा कि मकान की डिजाइन ठीक हो इसके लिए इंजीनियर, मिस्त्री सबको ट्रेनिंग दी जा रही है. बेस आइसोलेशन तकनीक पर सरकारी भवनों का निर्माण कराया जा रहा है. हाल ही में निर्मित सरदार पटेल भवन इसी पर आधारित है. पीएमसीएच का भी निर्माण इसी तकनीक पर होगा.
भूकंपरोधी भवन बनाने का आदेश
सीएम ने कहा कि पटना को भूकंप जोन चार और पांच में रखा गया है, लेकिन हमने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यहां बनने वाले भवनों का निर्माण भूकम्प जोन 5 को ही आधार बनाकर किया जाये. जापान में आधारभूत संरचना का निर्माण इस तरह से होता है कि आपदा की स्थिति में कम से कम क्षति होती है. जापान में आपदा के समय लोग एक-दूसरे की मदद करते हैं, वहां आत्मानुशासन का भाव है.
– पीयू के वीसी को दिया निर्देश : सीएम ने पीयू के वीसी को केंद्र निर्माण कार्य जल्द पूरा करने का निर्देश दिया. इसका मकसद वहां पर आंकड़ों का अध्ययन करना है. मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया.
बाढ़पीड़ितों को मिली सहायता राशि : सीएम ने कहा कि वर्ष 2008 की कोसी त्रासदी में काफी क्षति हुई. मदद करने के लिए राहत शिविरों में आवास, भोजन, बर्तन और कपड़े की भी व्यवस्था की गयी. बाद में लोग बर्तन अपने घर भी लग गये. बाद में कोसी त्रासदी में किये गये काम की सराहना करते हुए बिहार को मीडिया द्वारा पुरस्कृत भी किया गया. वहीं, पिछले साल आयी बाढ़ में 38 लाख परिवारों के लिए ग्रैच्यूट्स रिलिफ (जीआर) के तहत 2100 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार ने अपने खजाने से खर्च की. इसमें प्रत्येक परिवार को उनके खाते में छह हजार रुपये भेजे गये.
ये रहे मौजूद
इस कार्यक्रम को आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव, बीएसडीएमए के उपाध्यक्ष व्यास जी, सदस्य पीएन राय, पूर्व सदस्य एनडीएमए केएम सिंह, पूर्व सदस्य एनडीएमए डॉ मुजफ्फर अहमद ने भी संबोधित किया.
उनके साथ इस कार्यक्रम में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक सुनील कुमार, एडीजी विनय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, बीएसडीएमए के सचिव सांवर भारती, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, बिहार में यूनिसेफ के प्रतिनिधि अशर्दुर रहमान, आईआईटी गांधी नगर के प्रो विमल मिश्र सहित एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, गृह रक्षा वाहिनी, इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक के छात्र, वास्तुविद् और अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.
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