अहमदाबाद : गुजरात के साबरकांठा जिले में 14 माह की बच्ची से बलात्कार की घटना के बाद गैर-गुजरातियों पर कथित तौर पर हमला करने के मामलों में गुजरात के विभिन्न भागों से पुलिस ने अब तक 342 लोगों को गिरफ्तार किया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. इस घटना के बाद राज्य के कई हिस्सों में गैर- गुजरातियों, खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. गत 28 सितंबर को एक बच्ची के साथ कथित रूप से बलात्कार करने के लिए बिहार के एक निवासी को गिरफ्तार किये जाने के बाद गैर-गुजरातियों को निशाना बनाया गया और सोशल मीडिया पर घृणा संदेश फैलाये गये.
17 company & 1 platoon of State Reserve Police (SRP) deployed in the affected districts. 42 cases registered; 342 people arrested till now. Probe underway: DGP Shivanand Jha on security arrangements in #Gujarat following incidents of violence after a rape case in Sabarkantha. pic.twitter.com/vizqQjEpjd
— ANI (@ANI) October 7, 2018
पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने पत्रकारों को बताया,‘‘मुख्य रूप से छह जिले (हिंसा से) प्रभावित हुए है. मेहसाणा और साबरकांठा सबसे अधिक प्रभावित हुए है. इन जिलों में, 42 मामले दर्ज किये गये है और अब तक 342 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जांच के दौरान आरोपियों के नाम सामने आने के बाद और लोगों को गिरफ्तार किया जायेगा.” उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में राज्य रिजर्व पुलिस (सीआरपी) की 17 कंपनियों को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा,‘‘गैर-गुजराती के निवास क्षेत्रों और उन कारखानों में जहां वे काम करते हैं, वहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पुलिस ने इन इलाकों में गश्त भी बढ़ा दी है.”
डीजीपी ने बताया कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के लिए दो मामले दर्ज किये गये है. हमलों के बाद गैर-गुजरातियों के पलायन के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में झा ने कहा कि आने वाले त्योहारों के मद्देनजर वे अपने मूल राज्यों के लिए रवाना हो सकते है. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित जिले गांधीनगर में पुलिस अधिकारियों को शिविरों का आयोजन करने और स्थानीय नेताओं के साथ संवाद करने के निर्देश दिये गये है. उन्होंने कहा कि जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बल और वाहन उपलब्ध कराये गये है. इस बीच कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर ने घोषणा की कि इन हमलों के मद्देनजर उनके समर्थकों के खिलाफ दर्ज किये गये ‘‘झूठे मामलों” को यदि सरकार ने वापस नहीं लिया तो वह 11 अक्टूबर से ‘सद्भावना’ उपवास करेंगे.