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पटना : प्रदेश के पेंशनरों के लिए लागू होगी ई-जीवन प्रमाणपत्र की नयी व्यवस्था
जीवित होने का प्रमाणपत्र बनवाने के लिए नहीं लगाना होगा चक्कर सभी विभागों के प्रधान सचिव, कोषागार पदाधिकारी समेत सभी जिलों को लिखा गया पत्र पटना : केंद्र सरकार की तर्ज पर बिहार में भी पेंशनरों के लिए ई-जीवन प्रमाणपत्र की नयी व्यवस्था शुरू होने जा रही है. इसके तहत राज्य सरकार के करीब सवा […]
जीवित होने का प्रमाणपत्र बनवाने के लिए नहीं लगाना होगा चक्कर
सभी विभागों के प्रधान सचिव, कोषागार पदाधिकारी समेत सभी जिलों को लिखा गया पत्र
पटना : केंद्र सरकार की तर्ज पर बिहार में भी पेंशनरों के लिए ई-जीवन प्रमाणपत्र की नयी व्यवस्था शुरू होने जा रही है. इसके तहत राज्य सरकार के करीब सवा चार लाख पेंशनरों को प्रत्येक वर्ष अपने जीवित होने का प्रमाणपत्र बनवाने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे. इनका प्रमाणन ऑनलाइन ही हो जायेगा. कोई भी पेंशनर चाहें तो घर पर बैठे ही इसका लाभ उठा सकते हैं. इस नयी व्यवस्था के तहत संबंधित पेंशनर का आधार कार्ड होना अनिवार्य होगा.
इस व्यवस्था को सभी विभागों, जिला समेत अन्य स्तर पर मौजूद सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त हुए पेंशरों पर समान रूप से लागू करने के लिए वित्त विभाग ने सभी विभागों के प्रधान सचिव या सचिव, सभी जिलों और कोषागार पदाधिकारियों को पत्र लिखा है. इसमें डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र की व्यवस्था को जल्द से जल्द लागू करने के लिए कहा गया है. आने वाले समय में डिजिटल प्रमाणन व्यवस्था ही पूरी तरह से लागू कर दी जायेगी. इसके लिए ही यह कवायद की जा रही है.
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र की व्यवस्था लागू करने के लिए कवायद शुरू
इन प्रणाली के तहत पेंशनर के पास आधार कार्ड होना चाहिए. आधार नंबर के आधार पर ही ‘ई-जीवन प्रमाण’ प्रणाली काम करेगी. इसके लिए ‘जीवन प्रमाणन’ नामक अलग से वेबसाइट तैयार की गयी है.
सभी पेंशनर को अपना आधार कार्ड, मोबाइल नंबर समेत तमाम डिटेल को इस पर अपलोड करना होगा. इसी पर इन्हें अपना बॉयोमेट्रिक फिंगर प्रिंट को भी अपलोड करना होगा. इस वेबसाइट को मोबाइल पर भी डॉउनलोड करके काम किया जा सकता है. तमाम प्रक्रिया को पूरी करने के बाद उन्हें जीवन ई-प्रमाणपत्र मिल जायेगा. अगर किन्ही के पास कंप्यूटर या अन्य संसाधनों की कमी है, तो वे इस वेबसाइट पर जाकर अपने निकटम सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) या बैंक की शाखा के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
इन स्थानों पर जाकर वे अपना बॉयोमेट्रिक ऑथिन्टिकेशन भी करवा सकते हैं. डिजिटल प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया पूरी होने पर संबंधित पेंशनर के मोबाइल नंबर पर एसएमएस प्राप्त होगा, जिसमें ट्रांजेक्शन आईडी लिखा होगा. इसकी मदद से पेंशनर वेबसाइट से कंप्यूटर आधारित डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं.
यह उनके पास सुरक्षित रहेगा. इसी तरह से बैंक समेत अन्य पेंशन देने वाली एजेंसी इस वेबसाइट पर लॉग-इन करके संबंधित पेंशनर का आधार नंबर डालकर उनका जीवन प्रमाणपत्र देख सकते हैं. इससे पेंशनरों को उनके पास सर्टिफिकेट जमा कराने के लिए आने की जरूरत नहीं है. इसकी पूरी प्रक्रिया संबंधित वेबसाइट (www.jeevanpramaan.gov.in) पर दी गयी है.
इस प्रणाली के लागू होने से सबसे बड़ा फायदा होगा कि किन्ही पेंशनर को प्रत्येक वर्ष अंतिम के महीनों में अपना जीवन प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए इधर-उधर परेशान नहीं होना पड़ेगा. जो पेंशनर ज्यादा वृद्ध हैं और जिन्हें चलने में तकलीफ होती है, उनके लिए यह काफी मददगार साबित होगा. हालांकि पहले से यह प्रावधान है कि अगर कोई पेंशनर चलने में समर्थ नहीं हैं, तो कोई बैंक कर्मी उनके घर जाकर प्रमाणिकरन कर सकते हैं. परंतु इस सुविधा का लाभ पेंशनरों को नहीं मिल पाता है. अब नयी प्रणाली के शुरू होने से इस तरह की समस्या ही समाप्त हो गयी है.
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