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पटना : करेंट से पुरोहित व उनकी पत्नी की मौत
राजवंशी नगर हनुमान मंदिर. बिजली विभाग के खिलाफ थाने में केस दर्ज पटना : शास्त्री नगर थाने के पटेल नगर में मंगलवार की अहले सुबह साढ़े चार बजे राजवंशी नगर हनुमान मंदिर के मुख्य पुरोहित सुरेंद्र झा (60 वर्ष) व उनकी पत्नी सावित्री देवी (55 वर्ष) की करेंट लगने से मौत हो गयी. एक ई-रिक्शा […]
राजवंशी नगर हनुमान मंदिर. बिजली विभाग के खिलाफ थाने में केस दर्ज
पटना : शास्त्री नगर थाने के पटेल नगर में मंगलवार की अहले सुबह साढ़े चार बजे राजवंशी नगर हनुमान मंदिर के मुख्य पुरोहित सुरेंद्र झा (60 वर्ष) व उनकी पत्नी सावित्री देवी (55 वर्ष) की करेंट लगने से मौत हो गयी. एक ई-रिक्शा चालक भी बाल-बाल बचा. वह उधर से अपनी गाड़ी को लेकर जा रहा था लेकिन पुरोहित व उनकी पत्नी को गिरा देखा, तो अपनी गाड़ी रोक दी. मुहल्ले के नरेश प्रसाद ने पुरोहित व उनकी पत्नी का शव देखा, तो हो-हल्ला मचाया और पूरे मुहल्ले के लोग जुट गये.
घटना की जानकारी मिलने पर शास्त्री नगर थानाध्यक्ष निहार भूषण भी पहुंचे. इधर, पुरोहित के बेटे अजय कुमार झा ने पुलिस को अपना बयान दिया है कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण रास्ते पर बिजली का तार गिरा रहा और उसके कारण उनके माता-पिता की मौत हो गयी. अजय के बयान के आधार पर शास्त्री नगर थाने में बिजली विभाग के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. शास्त्री नगर थानाध्यक्ष निहार भूषण ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है.
पुरोहित सुरेंद्र झा पटेल नगर में सोना मेडिकल के समीप केवलपति सिन्हा के मकान में तीन साल से किरायेदार के रूप में पूरे परिवार के साथ रह रहे थे. वैसे वे मूल रूप से सीतामढ़ी के डुमरा थाने के चंद्रहटी के निवासी है. सुरेंद्र झा राजवंशी नगर महावीर मंदिर में मुख्य पुरोहित थे. वे सप्ताह में दो दिन मंदिर का पट खोलने के लिए जाते थे. सोमवार को उन्होंने ही मंदिर का दरवाजा बंद किया था. इसके बाद चाबी लेकर अपने घर चले गये थे. मंगलवार को अहले सुबह घर से मंदिर का पट खोलने के लिए सुरेंद्र झा साइकिल लेकर निकले. उनकी पत्नी सावित्री देवी भी उनके साथ घर से निकल कर कुछ दूरी तक सड़क पर जाती थी और वापस घर लौट जाती थी.
सावित्री देवी अपने पति के साथ निकली और घर से चंद कदम आगे बढ़ी तो सड़क पर जलजमाव था और सर्विस वायर टूटा हुआ था, जिसके कारण पानी में भी करेंट आ गया था.
अहले सुबह होने के कारण थोड़ा अंधेरा जैसा था और उन्हें नजर नहीं आया और नंगा तार उनके गले में सट गया. सड़क पर पानी होने और तार सटने के कारण वे करेंट के कारण तड़पने लगी. उनके पास ही पुरोहित सुरेंद्र झा थे और उन्हें कुछ समझ में नहीं आया और उन्होंने अपने हाथों से गर्दन से तार को हटाने का प्रयास किया. लेकिन तार में करेंट था और उन्हें भी जोरदार झटका लगा. इसके बाद दोनों की मौत हो गयी. इसी बीच ई-रिक्शा चालक भी बाल-बाल बच गया. दोनों को मृत अवस्था में देख नरेश प्रसाद ने हो-हल्ला किया और फिर लोग जुट गये. इसके बाद दोनों के शव को पुलिस अपने साथ ले गयी और पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया. सुरेंद्र झा अपने पीछे एक पुत्र अजय झा व दो बेटी सरिता व सोनी को छोड़ गये हैं. उनके सभी बेटे-बेटियों की शादी हो चुकी है. सुरेंद्र झा की मां भी अभी जीवित हैं.
स्थानीय लोगों के अनुसार सुरेंद्र झा काफी अच्छे स्वभाव के थे. वे वर्षों से राजवंशी नगर हनुमान मंदिर में पुरोहित का काम कर रहे थे, जिसके कारण अधिकांश लोग उन्हें पहचानते थे. लोगों ने बताया कि वे मृदुल स्वभाव के थे और सभी से अच्छे से व्यवहार करते थे. प्रतिदिन वे साइकिल से मंदिर आते थे और पूजा-पाठ करा कर वापस घर लौट जाते थे.
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