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पटना ई-कार्ड मामला : अल्पावास गृह में रहने वाली तीन बच्चियों के बयान दर्ज
पानीपत में है लेखाकार, पुनर्वास पदाधिकारी से होगी पूछताछ पटना : पाटलिपुत्र इलाके में मकान नंबर 224-डी में संचालित हाेने वाले ई-कार्ड नाम के अल्पावास गृह से जुड़े मामले की छानबीन तेज हो गयी है. यहां के लेखाकार विश्वजीत और पुनर्वास पदाधिकारी पर आरोप है कि यहां रहने वाली महिलाओं व बच्चियाें से वे मारपीट […]
पानीपत में है लेखाकार, पुनर्वास पदाधिकारी से होगी पूछताछ
पटना : पाटलिपुत्र इलाके में मकान नंबर 224-डी में संचालित हाेने वाले ई-कार्ड नाम के अल्पावास गृह से जुड़े मामले की छानबीन तेज हो गयी है.
यहां के लेखाकार विश्वजीत और पुनर्वास पदाधिकारी पर आरोप है कि यहां रहने वाली महिलाओं व बच्चियाें से वे मारपीट करते थे. दोनों पर छेड़खानी का भी आरोप है. इस संबंध में एसआईटी दोनों की तलाश कर रही है. इस दौरान एसआईटी को पता चला कि लेखाकार हरियाणा के पानीपत में मौजूद है. वहां पर किसी कंपनी में काम कर रहा है. इसके बाद एसआईटी ने उससे फोन पर बात की है. उसे पूछताछ के लिए पटना बुलाया गया है. इसके अलावा पुनर्वास पदाधिकारी सेे भी पूछताछ की तैयारी है.
रिमांड रूम में बच्चियों से मारपीट की बात सामने आयी
मामले की छानबीन कर रही एसआईटी गोला रोड रिमांड रूम पहुंची हुई थी. यहां पर रहनेवाली तीन बच्चियों का बयान लिया गया है. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि बच्चियों के बयान में मारपीट करने की बात सामने आयी है. कुछ अन्य जानकारियां भी मिली हैं. इसके संदर्भ में छानबीन चल रही है. अल्पावास में रहने वाली दो और बच्चियों का बयान लिया जाना है.
शुक्रवार को दोनों का बयान लिया जायेगा. इसके अलावा अन्य महिलाओं से भी पूछताछ होगी, जो यहां रहती थीं. एसएसपी के मुताबिक वर्ष 2016 में यहां 256 महिलाएं एवं बच्चियां रहतीं थीं. हालांकि अल्पावास जिस मकान में संचालित हो रहा था, वहां पर इतनी जगह नहीं है कि उसमें 256 महिलाएं रखी जा सकें. यहां पर अल्पावास के कागजी रिकॉर्ड में भी गड़बड़ी होने के संकेत मिलते हैं. फिलहाल पुलिस की छानबीन जारी है.
पुलिस ने अल्पावास में सुसाइड करने वाली युवती की फाइल को खंगाला
पाटलिपुत्र के ई-कार्ड अल्पावास में रहते हुए एक युवती ने सुसाइड किया था. पुलिस ने उस मामले की भी पड़ताल की है. एसएसपी मनु महाराज का कहना है कि उस केस में यूडी केस दर्ज हुआ था. घटना के संबंध में ऐसा कोई आरोप सामने नहीं आया था, जिससे अल्पावास की भूमिका सवालों के घेरे में आये. फिलहाल हर बिंदु पर छानबीन चल रही है.
क्या है मामला
पाटलिपुत्र में अलका आवास में अल्पावास गृह चल रहा था. इसे ई-कार्ड नाम की संस्था चला रही थी. टाटा इंस्टीट्यूट आॅफ सोशल साइंस (टिस) ने 25 मई को अपनी रिपोर्ट दी थी और 2 जुलाई को ई-कार्ड का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया गया.
इसके बाद अचानक से संस्था के लोग सारा सामान लेकर भाग गये. इसके बाद जिला परियोजना प्रबंधक भारती प्रियंवदा ने 4 अगस्त को पाटलिपुत्र थाने में केस दर्ज कराया. वहां रहने वाली महिलाओं व बच्चियों ने आरोप लगाया है कि अल्पावास में उनके साथ मारपीट वह छेड़खानी होती थी.
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