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पटना : अब संविदा वालों को भी सरकारी कर्मियों जैसी सुविधाएं मिलेंगी
कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट. सीएम ने दिया त्वरित कार्रवाई का निर्देश पटना : प्रदेश के 12 लाख से अधिक संविदाकर्मियों को नियमित कर्मचारियों की तर्ज पर सुविधाएं मिलेंगी. संविदाकर्मियों के नियमतीकरण के लिए 2015 में गठित उच्चस्तरीय समिति ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपी दी. इस संबंध में मुख्यमंत्री ने संबंधित […]
कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट. सीएम ने दिया त्वरित कार्रवाई का निर्देश
पटना : प्रदेश के 12 लाख से अधिक संविदाकर्मियों को नियमित कर्मचारियों की तर्ज पर सुविधाएं मिलेंगी. संविदाकर्मियों के नियमतीकरण के लिए 2015 में गठित उच्चस्तरीय समिति ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपी दी. इस संबंध में मुख्यमंत्री ने संबंधित सभी विभागों को त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
26 जुलाई को इसके लिए सदस्यों के साथ समिति के अध्यक्ष ने अंतिम बैठक की थी.समिति की रिपोर्ट के मुताबिक संविदा कर्मियों के साथ राज्य सरकार स्थायी समझौता करेगी. इसके बाद ऐसे कर्मचारियों की नौकरी 60 साल तक चलती रहेगी. हर साल संविदा बढ़ाने की औपचारिकता भी खत्म हो जायेगी. इसके अलावा बात-बात पर वेतन रोकने से लेकर अन्य तरह की आशंकाओं से भी कर्मचारियों को मुक्ति मिलेगी.
पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार चौधरी की अध्यक्षता में इस कमेटी ने कुछ ऐसी ही सिफारिशें की हैं. कमेटी की सकारात्मक सिफारिशों से सीधे तौर पर आईटी ऑपरेटर, प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी, भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी, डाटा इंट्री ऑपरेटर, चालक, कॉन्ट्रैक्ट लेक्चरर, व्यवसाय अनुदेशक, आईटी मैनेजर, ग्राम कचहरी सचिव, पंचायत तकनीकी सहायक, आशुलिपिक, अमीन, आयुष चिकित्सक, सहायक इंजीनियर, सांख्यिकी अन्वेषक, गार्डेन सुपरवाइजर, सामुदायिक कार्यकर्ता, लेखा सहायक, प्रोग्रामर, आईटी ब्वॉयज, ऑफिस एग्जीक्यूटिव, सांख्यिकी स्वयंसेवक, मोहर्रिर, पंचायत रोजगार सेवक, प्रयोगशाला सहायक आदि लाखों कर्मचारियों को लाभ मिलेगा. जानकारों की मानें तो सभी विभागों और जिलों में सरकारी कर्मियों के रिक्त स्थायी पदों पर संविदा पर काम कर रहे कर्मियों से ही समझौता किया जायेगा. हटाने की वही प्रक्रिया होगी, जो स्थायी सरकारी कर्मचारियों के लिए निर्धारित है.
नियत वेतन में ही बेसिक सैलरी व भत्तों का जिक्र होगा
संविदाकर्मियों को सरकारी सेवकों की तर्ज पर ही लाभ देने की सिफारिश की गयी है. ऐसे कर्मियों के नियत वेतन में बेसिक सैलरी और एचआरए समेत तमाम भत्तों का उल्लेख होगा, जो उनको दिया जाना है. स्थायी सरकारी कर्मियों की तरह संविदाकर्मियों को भी अवकाश का लाभ मिलेगा. चार साल में एक बार एलटीए भी मिलेगा. कैजुअल लीव (सीएल) और अर्न लीव (ईएल) का भी लाभ ले सकेंगे. महिलाओं को प्रेग्नेंसी के लिए पांच महीने की छुट्टी मिलेगी. पुरुषों को भी पिता बनने पर पितृत्व अवकाश मिलेगा.
2015 में बनी थी आठ सदस्यीय समिति
राज्य सरकार ने संविदाकर्मियों के नियमतीकरण को लेकर 2015 में उच्चस्तरीय आठ सदस्यीय समिति बनायी थी. इसके अध्यक्ष पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार चौधरी को बनाया गया था. इसमें सदस्य के रूप में वित्त विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, विधि विभाग के प्रधान सचिवों को रखा गया था. सामान्य प्रशासन के प्रधान सचिव समिति में सदस्य-सचिव के रूप में हैं.
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