पटना : समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने पति पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में इतने दिनों से घटनाक्रम चल रहा है. इतने दिनों से डीजीपी, मुजफ्फरपुर के डीएम और एसपी जांच में गये थे, तो आरोप लगानेवाले कहां थे. क्या उस समय आरोप लगानेवाले के मुंह पर ताला लगा हुआ था?
जानकारी के मुताबिक, समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने पति पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर करते हुए कहा कि गिरफ्तार एक आरोपित की पत्नी एक माह के बाद निराधार आरोप लगा रही है.मेरे पति मेरे साथ वर्ष 2016 मेंआश्रय घर गये थे.बाद में हमनेआश्रय गृह का दौरा नहीं किया:
Wife of one of the accused, who was arrested, is making baseless allegations after a month. My husband accompanied me to the shelter home in 2016. We never visited the shelter afterwards: Manju Verma, Bihar Minister on allegations that her husband visited Muzaffarpur Shelter Home pic.twitter.com/mPd4ASG0Lz
— ANI (@ANI) July 26, 2018
उन्होंने सवाल किया कि बुधवार को विरोधी दल के नेता मुजफ्फरपुर गये और राजनीतिक रोटी सेंकने के कारण दूसरे की छवि को धूमिल कर रहे हैं. वह पदाधिकारी की पत्नी जो आरोप लगा रही है, वह दो साल से या जब से पैसे लेने-देने का आरोप लगा रही है, वह कहां थी. उसका पति क्यों नहीं सार्वजनिक रूप से सामने आया. क्यों नहीं विभाग में लिखित दिया कि मंत्री के पति पैसा मांग रहे हैं. आरोप लगाने का तो कोई साक्ष्य होना चाहिए. वह साक्ष्य पेश करे. उनके पति निर्दोष हैं.
मालूम हो कि मुजफ्फरपुर मामले में गिरफ्तार बाल सुरक्षा अधिकारी रवि रौशन की पत्नी शिभा कुमारी ने बिहार के समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति के खिलाफ आरोप लगाया हैं कि वह बार-बार मुजफ्फरपुर बालिका अल्पावास गृह में क्यों आते थे.