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पटना : मध्यप्रदेश से पटना पहुंचा प्रसिद्ध कड़क नाथ मुर्गा

चिकन बाजार में काली मासी के नाम से जाना जाता है, कीमत 500 रुपये प्रतिकिलो सुबोध कुमार नन्दन पटना : मांसाहारियों के लिए खाद्य पदार्थ के रूप में अपनी खास पहचान बना चुका कड़क नाथ मुर्गा पटना आ गया है. कड़क नाथ को चिकन बाजार में काली मासी के नाम से जाना जाता है. कड़क […]

चिकन बाजार में काली मासी के नाम से जाना जाता है, कीमत 500 रुपये प्रतिकिलो
सुबोध कुमार नन्दन
पटना : मांसाहारियों के लिए खाद्य पदार्थ के रूप में अपनी खास पहचान बना चुका कड़क नाथ मुर्गा पटना आ गया है. कड़क नाथ को चिकन बाजार में काली मासी के नाम से जाना जाता है. कड़क नाथ मुर्गा कोई आम मुर्गा नहीं है. इसको बेहद पौष्टिक और ताकत प्रदान करने वाला भी माना जाता है. कड़क नाथ की कीमत बाजार में अन्य प्रजाति के मुर्गे-मुर्गियों की अपेक्षा दो गुनी से अधिक है. पटना के बाजार में इसकी कीमत 500 रुपये प्रति किलो है.दुकानदारों की मानें तो हर सप्ताह लगभग 500 कड़क नाथ की खपत है.
इसके रंग से लेकर खून तक काला
कड़क नाथ मुर्गा के खून का रंग भी सामान्य मुर्गों से अलग काले रंग का होता है. यहां तक की मांस, चोंच, कलंगी, जुबान, पैर, नाखून की चमड़ी भी काली होती है. इसका मांस काफी कड़ा होता है. सामान्य मुर्गे के पकने की तुलना में कड़क नाथ का मांस अधिक समय लेता है.
औषधीय गुण
कड़क नाथ मुर्गा को औषधीय गुणों वाला मुर्गा माना जाता है. प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पायी जाती है. वहीं वसा बहुत कम और हिमोग्लोबिन की मात्रा अधिक होती है. हृदय व डायबिटीज रोगियों के लिए कड़क नाथ को फायदेमंद माना जाता है.
उत्पत्ति स्थल झाबुआ
कड़क नाथ का उत्पत्ति स्थल झाबुआ (पूर्वी मध्य प्रदेश) जिला है. हालांकि छत्तीसगढ़ का दावा है कि यह ब्रीड झाबुआ से ज्यादा दंतेवाड़ा और बस्तर में पाया जाता है.
हर सप्ताह 500 मुर्गे की खपत
राजधानी पटना में हर सप्ताह लगभग 500 कड़क नाथ मुर्गे की खपत है. कंकड़बाग स्थित न्यू सस्ता चिकेन सेंटर के मोहम्मद अजहर आलम ने बताया कि अभी इसकी मांग काफी कम है. एक सप्ताह में 20 से 25 मुर्गा काफी मुश्किल से निकल पाता है. महंगा होने के कारण यह हर जगह उपलब्ध नहीं है.
फिलहाल कड़क नाथ मुर्गा कंकड़बाग, बोरिंग रोड, राजा बाजार, फुलवारी शरीफ, सब्जीबाग, पटना सिटी, महेंद्रू आदि मुहल्ले के कुछ चिकन दुकानदारों के पास ही उपलब्ध है. इसके अलावा हाजीपुर के चुनिंदा चिकन दुकान में भी यह मुर्गा उपलब्ध है. इसका वजन एक किलो से लेकर लगभग डेढ़ किलो के बीच होता है.
महंगा होने से खपत कम
दुकानदारों की मानें तो अन्य मुर्गों से इसकी कीमत लगभग डबल है. शहर में इसकी कीमत 500 रुपये प्रति किलो है. इस कारण इस मुर्गे को कम लोग ही खरीद पाते हैं. दुकानदार भी इसकी मांग के अनुसार ही माल मंगाते हैं. इसके लिए एक सप्ताह पहले एडवांस में ऑर्डर देना होता है.
हर सप्ताह 500 मुर्गे की खपत, एक से डेढ़ किलो होता है वजन
राजधानी में हर सप्ताह लगभग 500 कड़क नाथ मुर्गे की खपत है. कंकड़बाग स्थित न्यू सस्ता चिकेन सेंटर के मो अजहर आलम ने बताया कि अभी इसकी मांग काफी कम है. एक सप्ताह में 20 से 25 मुर्गा काफी मुश्किल से निकल पाता है. महंगा होने के कारण यह हर जगह उपलब्ध नहीं है.
फिलहाल कड़क नाथ मुर्गा कंकड़बाग, बोरिंग रोड, राजा बाजार, फुलवारी शरीफ, सब्जीबाग, पटना सिटी, महेंद्रू आदि मुहल्ले के कुछ चिकन दुकानदारों के पास ही उपलब्ध है. इसके अलावा हाजीपुर के चुनिंदा चिकन दुकान में भी यह मुर्गा उपलब्ध है. इसका वजन एक किलो से लेकर लगभग डेढ़ किलो के बीच होता है.
महंगा होने से खपत कम : दुकानदारों की मानें तो अन्य मुर्गों से इसकी कीमत लगभग डबल है. शहर में इसकी कीमत 500 रुपये प्रति किलो है. इस कारण इस मुर्गे को कम लोग ही खरीद पाते हैं. दुकानदार भी इसकी मांग के अनुसार ही माल मंगाते हैं. इसके लिए एक सप्ताह पहले एडवांस में ऑर्डर देना होता है.
औषधीय गुण
कड़क नाथ मुर्गा को औषधीय गुणों वाला मुर्गा माना जाता है. प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पायी जाती है. वहीं वसा बहुत कम और हिमोग्लोबिन की मात्रा अधिक होती है. हृदय व डायबिटीज रोगियों के लिए कड़क नाथ को फायदेमंद माना जाता है.
उत्पत्ति स्थल झाबुआ
कड़क नाथ का उत्पत्ति स्थल झाबुआ (पूर्वी मध्य प्रदेश) जिला है. हालांकि छत्तीसगढ़ का दावा है कि यह ब्रीड झाबुआ से ज्यादा दंतेवाड़ा और बस्तर में पाया जाता है.

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