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आईजीआईएमएस का मामला, रैगिंग के आरोपित पांच और छात्र हुए सस्पेंड

अब तक 15 छात्र सस्पेंड पटना : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में रैगिंग मामले में पांच और मेडिकल छात्रों को दोषी पाया गया है. ऐसे में अब तक कुल 15 ऐसे छात्र हैं जो रैगिंग मामले में दोषी सिद्ध हुए और कॉलेज प्रशासन ने सस्पेंड कर दिया है. जो पांच छात्र दोषी पाये गये हैं […]

अब तक 15 छात्र सस्पेंड
पटना : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में रैगिंग मामले में पांच और मेडिकल छात्रों को दोषी पाया गया है. ऐसे में अब तक कुल 15 ऐसे छात्र हैं जो रैगिंग मामले में दोषी सिद्ध हुए और कॉलेज प्रशासन ने सस्पेंड कर दिया है. जो पांच छात्र दोषी पाये गये हैं वह 2013, 14 और 15 बैच के छात्र हैं. कॉलेज प्रशासन ने गुरुवार को 15 छात्रों को सस्पेंड का आदेश जारी किया है. साथ ही उन छात्र के परिजनों के पास भी जानकारी भेजने का आदेश जारी कर दिया गया है. इधर रैगिंग मामले में कार्रवाई के बाद कॉलेज परिसर में चर्चा का माहौल गर्म है.
सस्पेंड ऑर्डर जारी करते हुए कॉलेज प्रशासन ने जवाब में लिखा है कि ये पांचों सीनियर छात्रों की रैगिंग कराने में अधिक भूमिका थी. इतना ही नहीं मारपीट और छात्रों को रैगिंग करने जैसे आदेश भी इन छात्रों ने दिया है. एंटी रैगिंग सेल कमेटी की बुधवार को हुई बैठक में ही इन छात्रों को दोषी साबित कर दिया गया था. हालांकि कॉलेज प्रशासन ने 10 छात्र पर गंभीर आरोप लगाते हुए तुरंत सस्पेंड का आदेश जारी कर दिया, वहीं बाकी छात्रों का आदेश गुरुवार को जारी किया गया. ये सभी छात्र सीनियर हैं.
आईजीआईएमएस के प्रिंसिपल डॉ रंजीत गुहा ने बताया कि एंटी रैगिंग सेल कमेटी की बैठक में कुल 15 मेडिकल छात्रों को दोषी पाया गया है. ये जो पांच छात्र हैं ये 2013, 14 और 2015 बैच के हैं. इन सभी छात्रों को रैगिंग के आरोप में दोषी पाया गया है. इनके खिलाफ थाने में भी मामला दर्ज है. हालांकि सस्पेंड िकये गये छात्रों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. अगर सही स्पष्टीकरण का जवाब सही मिलेगा
तो इनको कॉलेज में प्रवेश कीअनुमति मिलेगी.
सबसे बड़ी कार्रवाई
आईजीआईएमएस में रैगिंग मामले में 15 मेडिकल छात्रों पर हुई इस कार्रवाई को कॉलेज के इतिहास में बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. कॉलेज प्रशासन का दावा है अब तक के हुए रैगिंग मामले में 15 की संख्या में मेडिकल छात्र को सस्पेंड नहीं किया गया है. कॉलेज के अधिकारियों की माने तो आगे से इस तरह का मामला सामने नहीं आये इसको देखते हुए बड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही इसमें सभी दोषी छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया है.
यह था मामला
पांच जुलाई को आईजीआईएमएस एमबीबीएस 2016 बैच के जूनियर छात्र ने अपने 2013, 14 और 15 बैच के सीनियर छात्रों पर रैगिंग का आरोप लगाते हुए शास्त्रीय नगर थाने में दिया एफआईआर दर्ज कराया था.
वहीं दूसरी ओर सीनियर छात्रों ने एक जूनियर छात्र पर बाहरी लोगों के साथ हॉस्टल में प्रवेश व मारपीट का आरोप लगाया था. मेडिकल छात्रों के बीच रैगिंग का मामला आने के बाद मेडिकल कॉलेज व हॉस्टल को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया था. छात्रों के बीच मारपीट व कॉलेज का माहौल खराब होते देख कॉलेज प्रशासन ने कॉलेज को बंद कर दिया था. कॉलेज व हॉस्टल में बाहरी लोगों के प्रवेश व मारपीट की घटना के बाद कॉलेज प्रशासन ने जूनियर छात्रों के प्रति काफी नाराजगी जतायी थी. ऐसे में कुल सात दिनों तक कॉलेज बंद करा और परिसर में सन्नाटा पसरा रहा. छात्रों की भविष्य को देखते हुए 13 जुलाई से क्लास शुरू कर दी गयी.

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