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यूपी-झारखंड के सुपारी किलर बिहार में ले रहे हैं पनाह, तलाश रही है पुलिस

विजय सिंह यूपी के पूर्वांचल की जेलों में भारी संख्या में बंद हैं बिहार के आर्म्स सप्लायर पटना : बिहार में इन दिनों बाहर के ‘सुपारी किलर’ घूस गये हैं. बिहार के बड़े अपराधियों की सरपस्ती में उनका मोमेंट हो रहा है. यह अपराधी सुपारी लेकर हत्या की घटना को अंजाम दे रहे हैं. बिहार […]

विजय सिंह
यूपी के पूर्वांचल की जेलों में भारी संख्या में बंद हैं बिहार के आर्म्स सप्लायर
पटना : बिहार में इन दिनों बाहर के ‘सुपारी किलर’ घूस गये हैं. बिहार के बड़े अपराधियों की सरपस्ती में उनका मोमेंट हो रहा है. यह अपराधी सुपारी लेकर हत्या की घटना को अंजाम दे रहे हैं. बिहार पुलिस को जो इनपुट मिला है उसके मुताबिक यूपी और झारखंड के अपराधियों ने बिहार में शरण ले रखा है. अब जब यूपी के मोस्टवांटेड पुलिस के टारगेट पर आ गये हैं और एक के बाद एक मुठभेड़ चल रहे हैं तो बिहार उनके लिए सेफ जोन बन गया है.
बिहार में उनका कोई रिकार्ड नहीं, इनको पकड़ना बिहार पुलिस के लिए चुनौती बन गयी है. हालांकि इसकी जानकारी बिहार पुलिस मुख्यालय को हुई है. इसको लेकर बिहार पुलिस सतर्क हो गयी है और दूसरे स्टेट के भगौड़े अपराधियों की तलाश भी की जा रही है. बिहार और यूपी का तेज तर्रार पुलिस विंग आपस में वार्ता भी किया है. अपराधियों के चिह्नित करने का काम जारी है. पुलिस को पता चला है कि यूपी और झारखंड के अपराधी या तो बिहार में छिपे हैं या फिर ओड़िशा के भुवनेश्वर में.
अपराधियों का पुराना है कनेक्शन
पूर्वी यूपी और बिहार के अपराधियों का आपस में पुराना कनेक्शन रहा है. 80 से 90 के दशक में तो इस तालमेल ने दोनों स्टेट में हाय-तौबा मचा रखा था.
यूपी के अपराधी बिहार में अपहरण उद्योग चलाने वाले गैंग के साथ काम करते थे और पूर्वी उत्तर प्रदेश के धनबलियों को किडनैप करके बिहार के बिहड़ तक पहुंचा देते थे. फिर फिरौती की बोली लगती थी. इसके अलावा पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय गोरखपुर होने के कारण रेलवे के ठेके को लेकर खूब गोलबंदी और खून खराबा होता था. मोकामा, मुजफ्फरपुर, बाढ़, बेगूसराय जैसे जिलों में यूपी के अपराधी शूटर बनने की ट्रेनिंग लेते थे. श्रीप्रकाश शुक्ला सरीखे अपराधी बिहार से ही अपराध का ककहरा सीख कर निकले थे.
इसके अलावा गुड्डू सिंह, ऋृषिमुनि तिवारी, अन्य कई नाम शामिल हैं जो अब राजनीति में जुड़ चुके हैं. रेलवे का हेडक्वाटर गोरखपुर से कटकर हाजीपुर आने के बाद रेलवे के ठेकेदारी को लेकर गरजने वाली बंदूकें शांत तो हो गयीं लेकिन अपराधियों की सांठगांठ कमजोर नहीं हुई है. पुलिस की सख्ती बढ़ती है तो यूपी के अपराधी बिहार में और बिहार के अपराधी यूपी में शरण लेते हैं. इन दिनों यूपी के अपराधी बिहार में जमे हुए हैं. कौन नहीं जानता होगा मुंगेरी पिस्टल. इसलिए तो जब-जब चुनाव करीब आते हैं तो इसकी सप्लाई बढ़ जाती है. सबसे ज्यादा यूपी के पूर्वांचल में सप्लाई होती है.
इसका सबसे बड़ा उदाहरण पूर्वांचल के जेलों में बंद बिहार के आर्म्स सप्लायर हैं. काफी संख्या में आर्म्स सप्लायर पकड़े जा चुके हैं. वहीं बिहार के जेलाें में भी यूपी के अपराधी बंद हैं. जेलों के अंदर से होने वाली हत्या की साजिश में दोनों स्टेट के अपराधी बाहर के शूटरों का इस्तेमाल करते हैं.

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