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बोले नीतीश कुमार- बिहार अपने बल पर बढ़ रहा है आगे

पटना : बिहार के बारे में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के बयान की चौरतरफा आलोचना के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार अपने बल पर विकास कर रहा है. वीर कुंवर सिंह के 160वें विजयोत्सव के अंतिम दिन बुधवार को राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार जैसे […]

पटना : बिहार के बारे में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के बयान की चौरतरफा आलोचना के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार अपने बल पर विकास कर रहा है. वीर कुंवर सिंह के 160वें विजयोत्सव के अंतिम दिन बुधवार को राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार जैसे राज्य, जो पिछड़ेपन के शिकार है, उन्हें विशेष सहायता मिलनी चाहिए. यह बात तो अपनी जगह है. बिहार अपने बल पर आगे बढ़ रहा है. पहले राज्य का बजट मात्र 20 से 25 हजार करोड़ होता था, वह अब एक लाख 80 हजार करोड़ हो चुका है. हमलोगों की कोशिश जारी रहेगी. हालांकि, उन्होंने अपने भाषण के दौरान नीति आयोग या उसके सीईओ का कोई जिक्र नहीं किया.

पर्यावरण संरक्षण के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत आवश्यक है. बिहार में बारिश की मात्रा इस समय 1000 मिलीमीटर से नहीं बढ़ी है, जबकि यहां सामान्य रूप से 1200-1500 मिलीमीटर बारिश होती थी. गंगा पर काम करने की जरूरत है. महात्मा गांधी के कथन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पृथ्वी आपकी जरूरत पूरी कर सकती है, लालच नहीं. उन्होंने कहा कि मशहूर वैज्ञानिक हॉकिंस ने कहा था कि पृथ्वी का अस्तित्व दो सौ साल तक रहेगा, लेकिन जिस तेजी से मोबाइल की संख्या बढ़ रही है, उससे ऐसा नहीं लगता. इतने वेब चल रहे हैं, जिससे कहीं-न-कहीं कुछ-न-कुछ जरूर हो रहा होगा. डेढ़ साल का बच्चा मोबाइल देखने लगा है. इसका असर यह होगा कि वह आपको भूल जायेगा और मोबाइल ही देखता रहेगा.

महिलाओं को 50% आरक्षण देने वाला बिहार पहला राज्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय निकायों में महिलाओं को 50 %आरक्षण देने वाला बिहार पहला राज्य है. प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन में भी उन्हें 50% आरक्षण दिया गया. अन्य सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% आरक्षण दिया गया है. मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, पोशाक और साइकिल योजना चलायी गयी. अब इसके लिए राशि में बढ़ोतरी की गयी है.

हर संघर्ष में आगे रहा है बिहार

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि वर्ष 1857 में बाबू कुंवर सिंह ने आजादी की लड़ायी नहीं छेड़ी होती, तो शायद वर्ष 1947 में देश आजाद नहीं होता. बिहार सर्वाधिक संघर्षशील और जुझारू राज्य है. यहां के लोगों ने आजादी की लड़ाई से लेकर आपातकाल के जुल्म और अन्याय के खिलाफ संघर्ष में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है. इसके लिए बिहार को कीमत भी चुकानी पड़ी.

तीन पुस्तकों का विमोचन

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने तीन पुस्तकों का विमोचन किया. इनमें ‘1857: कुंवर सिंह का लांग मार्च’, ‘कुंवर सिंह चित्रकला’, ‘विजयोत्सव 2018 समारोह’ शामिल हैं. समारोह में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नाराणस सिंह, उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह, कला संस्कृति मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, आंबेडकर विवि दिल्ली के प्रतिकुलपति प्रो सलिल मिश्रा, रूटलेज प्रकाशन के निदेशक डॉ शशांक सिन्हा, इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च के पूर्व सदस्य सचिव डॉ पीके शुक्ला, बीआरए बिहार विवि के पूर्व वीसी प्रो निहार नंदन सिंह, एलएन मिथिला विवि के प्रो रत्नेश्वर मिश्र, बिरसा मुंडा विवि के प्रो आईके चौधरी, एलएस कॉलेज के डॉ अशोक अंशुमान और जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं शोध संस्थान के निदेशक श्रीकांत मौजूद रहे.

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