लोकसभा व विधानसभा सीटों को लेकर गरमायी राजनीति
पटना : 11 मार्च को अररिया लोकसभा सीट और विधानसभा की जहानाबाद और भभुआ विधानसभा सीट को लेकर एनडीए की राजनीति गरमा गयी है. जहां जदयू ने उपचुनाव न लड़ने की घोषणा कर गेंद भाजपा के पाले में डाल दी है, वहीं भाजपा गठबंधन का सबसे बड़ा घटक दल है. मांझी के रुख बदल लेने के कारण एनडीए में जहानाबाद की सीट को लेकर पेंच फंस गया है.
भाजपा का अररिया व भभुआ से चुनाव लड़ना तय है. सोमवार को उपचुनाव को लेकर भाजपा कोर कमेटी की बैठक होगी जिसमें इन सब बिंदुओं पर चर्चा की जायेगी.
रालोसपा भी कर रहा है दावा : भभुआ विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा था, जबकि अन्य दोनों सीटें राजद के कब्जे में थीं. पिछले विधानसभा में जहानाबाद सीट पर रालोसपा का उम्मीदवार था.
इस बार भी रालोसपा दावा ठोंक रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव के बाद रालोसपा भी दो गुट में बंटा हुआ है. एक का नेतृत्व उपेंद्र कुशवाहा कर रहे हैं तो दूसरे धड़े का नेतृत्व जहानाबाद के सांसद डॉ अरुण कुमार. अरुण कुमार ने इस सीट पर अपना दावा भी ठोक दिया है. जीतनराम मांझी के नेतृत्व वाली हम की नजर भी इस सीट पर है. उपचुनाव न लड़ने की घोषणा कर जदयू ने बड़े दूर की कौड़ी खेली है.
इसका असर इसी साल होने वाले राज्यसभा और विधानसभा चुनाव में तो देखने को मिलेगा ही, 2019 के लोकसभा और 2020 के विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगा.
आज होगी भाजपा कोर कमेटी की बैठक : उपचुनाव को लेकर भाजपा कोर कमेटी की बैठक सोमवार को होगी. बताया जा रहा है कि अररिया लोकसभा सीट के लिए तीनों नामों का एक पैनल बना है.
पैनल में पूर्व सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन, प्रदीप कुमार व पूर्व विधान पार्षद राजेंद्र गुप्ता का नाम शामिल है. 2009 में भाजपा के प्रदीप कुमार ने यह सीट जीती थी. पिछले चुनाव में वे हार गये थे. भाजपा के विधान पार्षद डा. दिलीप जायसवाल के नाम की भी चर्चा है. यहां 40 फीसदी आवादी मुसलमानों की है. मुसलमान वोटरों में भी खेमेबाजी है. यादव मतदाता करीब डेढ़ लाख हैं. यहां के निवर्तमान सांसद तस्लीमउद्दीन के बेटे सरफराज जदयू के विधायक थे शनिवार को जदयू के इस्तीफा देकर राजद में शामिल हो गये. माना जा रहा है कि वही राजद से उम्मीदवार होंगे.
भाजपा कोर कमेटी की सोमवार को होनेवाली बैठक में उममीदवार के नाम पर मुहर लग जाएगी. हालांकि अंतिम निर्णय केंद्र को करना है. भभुआ से निवर्तमान विधायक आनंदभूषण पांडे के किसी परिजन को चुनाव लड़ाया जा सकता है. चर्चा राजेंद्र सिंह के नाम की भी है.
इधर, भभुआ सीट के लिए राजद और कांग्रेस में खींचतान
पटना : बिहार विधानसभा के उपचुनाव में भभुआ सीट को लेकर राजद और कांग्रेस में जिच कायम है. एक तरह जहां राजद इस पर ताल ठोक रहा है, वहीं कांग्रेस ने भी यहां से प्रत्याशी खड़ा करने दावा किया है. राजद की दावेदारी से कांग्रेस ने आलाकमान पर निर्णय लेने की जिम्मेदारी दे दी है.
भभुआ विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा था, जबकि जदयू यहां से रनर अप रहा था. नेता प्रतिपक्ष व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव ने लोकसभा व विधानसभा उपचुनाव की तीनों सीटों पर राजद के उम्मीदवार उतारे जाने की बात कही है. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि नेता लोग अपने कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने के लिए ऐसे बयान देते रहते हैं. सीटों पर प्रत्याशी बड़े नेता मिल कर तय करेंगे.
इससे पहले उन्होंने कहा था कि भभुआ विधानसभा सीट पर कांग्रेस की दावेदारी है. भभुआ सीट पर राजद का प्रत्याशी तय करने में वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है. यहां पूर्व विधायक रामचंद्र यादव की दावेदारी भी दिख रही है. वे महागठबंधन से पहले समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं.
तीनों सीटों पर राजद देगा अपना उम्मीदवार
पटना : राजद लोकसभा की एक व विधानसभा की दो सीटों पर होनेवाले उपचुनाव में सभी पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है. उसने इस दिशा में तैयारी भी शुरू कर दी है. पार्टी में दावेदारों की चहलकदमी बढ़ गयी है. अररिया लोकसभा सीट पर जदयू से त्यागपत्र देकर राजद में शामिल हुए पूर्व विधायक सरफराज अहमद का दावा जहां पक्का माना जा रहा है. वहीं, जहानाबाद विधानसभा सीट पर दावेदारी स्वर्गीय मुंद्रिका यादव के पुत्रों की है.
अगर परिवार में सामंजस्य नहीं बना तो वहां दूसरा उम्मीदवार भी उतारा जा सकता है. भभुआ सीट पर पूर्व विधायक रामचंद्र यादव ने राजद की ओर से दावेदारी पेश कर दी है. राजद में शामिल हुए यादव बसपा विधानमंडल दल के नेता भी रह चुके हैं. सूत्रों के अनुसार यादव की उम्मीदवारी को लेकर पार्टी गंभीर है.
