पटना : आज से बिहार में ई-वे बिल प्रणाली प्रभावी हो गयी.राज्य में अब माल या सभी तरह के सामानों के परिचालन में आ रही तमाम समस्या खत्म होगी.व्यापारियों-कारोबारियों को अब50 हजार रुपये से अधिक मूल्य के माल के अंतरराज्यीय परिवहन तथा राज्यांतर्गत दो लाख रुपये मूल्य से अधिक के मालों के परिवहन लिए ई-वे बिल लेना अनिवार्य हो गया है.अलग-अलग राज्यों में माल के परिवहन के लिए अब अलग से ट्रांजिट पास की जरूरत नहीं होगी. साथ ही वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी माल लदे वाहनों की जांच कर सकेंगे, मगर किसी भी वाहन को 30 मिनट से ज्यादा नहीं रोकेंगे.आसान और निर्बाध राज्य के अंतर्गत व अंतरराज्यीय माल परिवहन हेतु एक फरवरी से प्रभावी होनेवाले राष्ट्रीय ई-वे बिल प्रणाली की शुरुआतमुख्य सचिवालय स्थित सभागार में बुधवार की शाम को बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लांच किया.
उपमुख्यमंत्री ने कारोबारियों व परिवहनकर्ताओं से राजस्व संग्रह में सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि ई-वे बिल जेनरेट करना काफी सरल है. इसके पूर्व राज्य में ‘सुविधा’ के नाम से लागू प्रणाली में रोड परमिट लेने के लिए 26 प्रकार की सूचना देनी होती थी जबकि राष्ट्रीय ई-वे बिल के अंतर्गत केवल 9 तरह की ही सूचना देनी होगी. पेट्रोलियम उत्पाद जो जीएसटी से बहार के परिवहन के लिए ई-वे बिल की जरूरत नहीं होगी.
ई-वे बिल की व्यवस्था पहले 01 अप्रैल से लागू होने वाली थी, मगर जीएसटी लागू होने के बाद देश भर के चेक पोस्ट समाप्त कर देने से बगैर कर चुकाये मालों की आवाजाही से राज्यों को राजस्व की काफी क्षति हो रही थी. इसके मद्देनजर जीएसटी कौंसिल ने 01 फरवरी से ही ई-वे बिल प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया. प्रयोग के तौर पर कर्नाटक में सितंबर से ही ई वे बिल लागू कर दिया गया था जो काफी सफल रहा. शेष बचे राज्यों में भी ई-वे बिल प्रणाली 01 जून से लागू हो जायेगी.
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