नयी दिल्ली : आयकर विभाग ने 1,000 करोड़ रुपये के कथित बेनामी भूमि सौदों और कर चोरी मामले की जांच के सिलसिले में जारी समन का पालन नहीं करने पर आज राजद प्रमुख लालू प्रसाद की सांसद पुत्री मीसा भारती पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया और नया समन जारी किया. मीसा भारती को आज मामले के जांच अधिकारी (आईओ) के समक्ष पेश होना था लेकिन अधिकारियों ने कहा कि वह पेश नहीं हुयीं.
अधिकारियों ने कहा कि आइओ ने आयकर कानून की धारा 131 के तहत समन का पालन नहीं करने पर उन पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया और इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया. उन्होंने कहा कि अब मीसा को 12 जून को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में विभाग के सवालों का जवाब मीसा भारती द्वारा दिया जाना था, न कि उनके किसी अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा.
जांच अधिकारी ने कहा कि समन के अनुसार मीसा भारती को आज व्यक्तिगत तौर पर पेश होना था तथा कुछ निजी वित्तीय दस्तावेजों के साथ जांच में शामिल होना था. यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि भारती ने पेश नहीं होने के लिए विभाग को कोई कारण बताया था या उन्होंने अपनी ओर से किसी वकील को भेजा था, जिसे विभाग ने खारिज कर दिया. विभाग ने इसी मामले में कल भारती के पति शैलेश कुमार को तलब किया हुआ है.
विभाग इस मामले में जांच को आगे बढाने के लिए दंपति से पूछताछ करना चाहता है. इस मामले में अधिकारियों ने पिछले माह कई तलाशियां ली थीं. प्रवर्तन निदेशालय ने 22 मई को कथित तौर पर मीसा भारती से संबंधित सीए राजेश कुमार अग्रवाल और अन्य को गिरफ्तार किया था. ऐसा आरोप है कि अग्रवाल ने लालू के परिजनों को अवैध लेनदेन में मदद की.
इसके पहले अधिकारियों ने कहा था कि मीसा भारती और शैलेस कुमार को भेजे गए समन मामले की जांच का हिस्सा हैं और उनके बयान दर्ज किए जाएंगे. इस दंपति का मेसर्स मिसाइल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड से कथित तौर पर संबंध बताया जाता है. यह कंपनी दिल्ली के बिजवासन इलाके में एक फार्महाउस खरीदने के लिए बेनामी सौदा करने के संदेह के दायरे में है. उन्होंने कहा था कि कुछ अन्य संपत्ति सौदे भी आयकर अधिकारियों की जांच के दायरे में हैं.
आयकर विभाग इस मामले में पिछले साल एक नवंबर से लागू हुए बेनामी हस्तांतरण कानून, 1988 के प्रावधानों को लागू कर सकता है. इस कानून में अधिकतम सात साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है. इस नये कानून के तहत की जाने वाली कार्रवाई आयकर कानून, 1961 के तहत की जाने वाली कानूनी कार्रवाई से उपर होगी. आयकर कानून घरेलू कर चोरी के आरोपों से जुड़ा है. बेनामी संपत्तियां वे हैं, जिनमें असल लाभार्थी वह नहीं है, जिसके नाम पर संपत्ति खरीदी गयी है.
आयकर अधिकारियों ने कहा था कि लालू के परिजनों की कुछ संपत्तियां विभाग की जांच के दायरे में हैं और ये ‘बेनामी’ तरीके से हासिल की गयी हैं. हालांकि छापेमारी के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा था कि वह ‘‘बिल्कुल नहीं डरते” हैं तथा ‘‘फासीवादी ताकतों” के खिलाफ लड़ना जारी रखेंगे.
भाजपा ने लालू और भारती के अलावा राजद प्रमुख के दोनों पुत्रों तेजस्वी और तेज प्रताप के खिलाफ भी आरोप लगाए थे. उन पर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्ट भू सौदों में लिप्त होने के आरोप लगाए गए थे. भाजपा ने दिल्ली में हुए ऐसे एक लेनदेन की जांच की केंद्र सरकार से मांग की थी.
सुशील कुमार मोदी का लालू परिवार पर एक और हमला, राबड़ी को आठ गुना सस्ते में मिली जमीन