नवादा कार्यालय. जिले के नवादा रजिस्ट्री कार्यालय में एक बड़े दस्तावेज फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ स्वयं निबंधन कार्यालय के प्रभारी अभिलेखपाल महेंद्र रवीदास ने किया है. उन्होंने मंगलवार को ही इस मामले में अपने ही अभिलेखगार में बतौर सर्चर काम करने वाले रंजीत कुमार सहित संदीग्ध भूमिका में पाये गये बाइंडिंग कर्मी शिवन कुमार, कंप्यूटर ऑपरेटर मोनू कुमार, दफतरी मकसूद आलम सहित खरीदार गंगाशंकर के खिलाफ नगर थाने में एफआइआर दर्ज करवायी है. इसकी अब गंभीर जांच शुरू हो चुकी है. शुरुआती जांच में यह बात सामने आ रही है कि अभिलेखों में हेराफेरी कर कई जाली दस्तावेज तैयार किये गये़ साथ ही अखिलेख से कई पृष्ठों को भी गायब कर दिया गया है. इससे न केवल सरकारी रिकॉर्ड में छेड़छाड़ हुई, बल्कि भूमि विवाद और संपत्ति हड़पने के मामले को भी जन्म दिया है. नकल निकालने के दौरान हुआ खुलासा नवादा निबंधन कार्यालय में अभिलेख के साथ छेड़छाड़ के मामला का खुलासा तब हुआ, जब राजेश कुमार नामक पक्षकार 08 अप्रैल को वर्ष 1978 के दस्तावेज संख्या 11352 से जुड़े अभिलेख का नकल प्राप्त करने के लिए निबंधन कार्यालय अभिलेखागर में आवेदन दिया. जहां वर्ष 1978 के दस्तावेज संख्या 11352 के जिल्द संख्या 98 में पृष्ठ 598 से 601 में छेड़छाड़ होना पाया गया. मामले की जांच में मिले चौंकाने वाले तथ्य वर्ष 1971 के जिल्द संख्या 98 के पृष्ठ संख्या 431 से 442 को हटाकर वर्ष 1978 के जिल्द संख्या 98 में पृष्ठ संख्या 597 से 691 जोड़ा गया व उस वर्ष के समान दस्तावेज संख्या 11352 जिल्द संख्या 134 के पृष्ठ संख्या 59 से 64 को गायब करने का कुकृत्य किया गया. साथ ही दिनांक एक नवंबर 2023 को भी वर्ष 1971 का जिल्द संख्या 98 से दस्तावेज संख्या 11352 जिसका पृष्ठ संख्या 438 से 441 का निर्गत किया गया. इस नकल को प्राप्त करने के लिए भी सर्चर रंजित कुमार द्वारा ही आवदेन किया था. इतना उपाय करने के बाद 08 अप्रैल 2025 को नकल निकालने के लिए आवदेन दिया गया. ताकि, छेड़छाड़ किये गये अभिलेख का सत्यापित नकल बतौर सबूत प्राप्त हो सके. क्योंकी 08 अप्रैल 2025 से पूर्व अभिलेख में छेड़छाड़ किया जा चुका था. प्राप्त जानकारी अनुसार मामला खुलासा होते ही तथाकथित सर्चर की भूमिका निभाने वाले रंजीत पकड़ाये जाने के डर से कार्यालय आना छोड़ दिया. इससे जांचकर्ता लगभग कॉन्फर्म हो गये कि सारा खुराफात का जड़ संदिग्ध रंजीत कुमार ही है. कार्यालय कर्मियों सहित पांच पर नामजद प्राथमिकी दर्ज नवादा निबंधन कार्यालय स्थित अभिलेखागार में दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने के मामले में समाहर्ता सह जिला निबंधक के निदेशानुसार कार्यालय अधीक्षक सह प्रभारी अभिलेखपाल महेंद्र रविदास ने नगर थाने में दस्तावेज खरीदार और तथाकथित सर्चर के अलावा कार्यालय में कार्य करने वाले तीन कर्मियों सहित पांच लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करवायी है. इसमें मुख्य सरगना अभिलेखागार कार्यालय में बतौर सर्चर कार्य करने वाला नगर थाना क्षेत्र स्थित स्टेशन रोड निवासी गया सिंह का पुत्र रंजीत कुमार, दस्तावेज संख्या 11352 वर्ष 1971 व कूट रचित वर्ष 1978 के खरीददार नरहट थाना क्षेत्र के देदौर निवासी देवनंदन राम के पूत्र गंगाशंकर सहित मामले में संदिग्ध पाये गये कार्यालय दफ्तरी मो मकसूद आलम, अभिलेखागार कार्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटर मोनू कुमार तथा अभिलेखागार में बाइंडिंग का कार्य करने वाले कर्मी शिवन कुमार व बाइंडिंग कार्य में पिता का सहयोग करने वाला शिवन कुमार के अज्ञात पुत्र के खिलाफ नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करवायी गयी है. 13 पृष्ठ कहां हो गये गायब, संशय बरकरार नवादा निबंधन कार्यालय के अभिलेखागार में रखे अभिलेखों में छेड़छाड़ के आरोप में नगर थाने में दर्ज कांड संख्या 531/25 के अवलोकन से इतना तो स्पष्ट हो ही गया कि वर्ष 1971 के दस्तावेज संख्या 11352 से जुड़े जिल्द संख्या 98 के पृष्ठ संख्या 431 से 442 यानी कुल 12 पृष्ठ हटाया गया. साथ ही जिल्द संख्या 134 के पृष्ठ 59 से 64 तक 06 पृष्ठ को नुकसान पहुंचाया गया. दोनों मामले में पृष्ठ गायब करने का जो मामला है, वह कुल 18 पृष्ठ का है. वहीं, जब अभिलेख में छेड़छाड़ कर पृष्ठ जोड़ने पर गौर करें, तो वर्ष 1978 के दस्तावेज संख्या 11352 के जिल्द संख्या 98 में पृष्ठ संख्या 597 से 601 तक छेड़छाड़ कर नया पृष्ठ जोड़ दिया गया है. यानी कि दो जिल्दों से गायब किये गये 18 पृष्ठों में से 05 पृष्ठ को 597 से 601 जोड़ा गया. शेष 13 पृष्ठ कहां है छानबीन के दौरान मिला भी या गायब ही है प्राथमिकी में जिक्र नहीं किये जाने से संशय बरकरार है. क्या कहते हैं अधिकारी मामला संज्ञान में हैं. आगे की जांच हो रही है. अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गयी है. हुल्लास कुमार, सदर एसडीपीओ वन
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