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अवैध फुटपाथी दुकान व वाहन पड़ाव बन रहे बाधक
लापरवाही. शहर में जीरो टॉलरेंस का नहीं हो रहा पालन, प्रशासन की गतिविधि नहीं होने से लोगों को हो रही परेशानी शहर में जीरो टॉलरेंस का पालन अधिकारियों की सुस्ती का परिणाम है. जीरो टॉलरेंस के लिए बनी टीम व प्रशासन के अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने से समाहरणालय से लेकर प्रखंड कार्यालय तक […]
लापरवाही. शहर में जीरो टॉलरेंस का नहीं हो रहा पालन, प्रशासन की गतिविधि नहीं होने से लोगों को हो रही परेशानी
शहर में जीरो टॉलरेंस का पालन अधिकारियों की सुस्ती का परिणाम है. जीरो टॉलरेंस के लिए बनी टीम व प्रशासन के अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने से समाहरणालय से लेकर प्रखंड कार्यालय तक सड़क के किनारे सभी अवैध कार्य जारी है.
नवादा (सदर) : शहर को सुंदर व जीरो टॉलरेंस बनाने को लेकर बिहार सरकार के निर्देश पर तीन वर्षो पूर्व अभियान चलाया गया था. परंतु तीन वर्षों के बाद ही यह अभियान फ्लाप साबित हो गया.
शहर में जीरो टॉलरेंस का पूरी तरह पालन नहीं किया जा रहा है. जीरो टॉलरेंस के पालन कराने में अवैध फुटपाथी दुकान व वाहन पड़ाव बाधक बने हुए हैं. शहर के समाहरणालय से लेकर प्रखंड कार्यालय परिसर तक के क्षेत्र को जीरो टॉलरेंस का इलाका घोषित किया गया था. इन क्षेत्रों में सभी अवैध कार्यों को रोक लगाने के लिए टीम का गठन किया था.
विगत कई दिनों से अधिकारियों द्वारा इन क्षेत्रों में अवैध कार्यों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किये जाने के जीरो टॉलरेंस का पालन नहीं हो रहा है. जीरो टॉलरेंस के तहत समाहरणालय से लेकर प्रखंड कार्यालय तक सड़क के किनारे सभी अवैध कार्यों को बंद कराने के लिए गठित टीम द्वारा पहले चरण में जोर-शोर से छापेमारी कर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गयी थी. इस क्षेत्र में अवैध बिजली कनेक्शन, टैक्स की चोरी, अवैध वाहन पड़ाव, अतिक्रमण, अवैध शराब की बिक्री जैसे कार्यों पर अंकुश लगाने को लेकर जीरो टॉलरेंस का क्षेत्र घोषित किया गया था.
नवादा के तत्कालीन जिलाधिकारी दिवेश सेहरा द्वारा जीरो टॉलरेंस वाले क्षेत्र में सड़क को अतिक्रमण से मुक्त बनाये रखने के लिए समाहरणालय से लेकर व्यवहार न्यायालय परिसर के बाहर तक सड़क के दोनों किनारे लोहे के पाइप की रेलिंग बनायी गयी थी. परंतु इन तीन वर्षों में हालात यह है कि कई स्थानों पर अतिक्रमणकारियों द्वारा पाइप को ही उखाड़ कर गायब कर दिया गया है. बिजली विभाग की सक्रियता के बावजूद अवैध रूप से बिजली कनेक्शन कर बिजली जलायी जा रही है. सड़क के किनारे घोषित अतिक्रमण मुक्त क्षेत्र पर भी अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा कर लिया गया है.
इससे यातायात की समस्या भी उत्पन्न होती है. इन क्षेत्रों से वाहनों का पड़ाव नहीं होने को लेकर भी दिशा निर्देश जारी किये गये थे. लेकिन, आज की तारीख में ठीक इसके विपरीत समाहरणालय के मुख्य द्वार के पास से ही सुबह पटना के लिए बड़े वाहन खुले जा रहे हैं. पुराने भगत सिंह चौक के पास सड़क पर वाहन खड़ा कर यात्रियों को बैठाने व उतारने का काम किया जा रहा है. प्रशासन द्वारा अतिक्रमणकारी व अवैध कार्य करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई करने के दौरान जुर्माने की राशि भी वसूल की जाती थी. अभियान बंद होने के कारण जीरो टॉलरेंस वाले इलाके पूरी तरह से टॉलरेंस युक्त हो गये हैं.
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