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इको टूरिज्म स्पॉट के रूप में होगा विकास

नवादा नगर/गोविंदपुर : ककोलत जलप्रपात को इको टूरिज्म के रूप में विकसित करते हुए, यहां आने वाले पर्यटकों को स्वच्छता व सुरक्षा उपलब्ध कराना प्राथमिकता होगी. उक्त बातें पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन निदेशालय के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह के ककोलत जलप्रपात निरीक्षण के दौरान कही गयी. मंगलवार को प्रधान सचिव राज्य स्तरीय टीम के […]

नवादा नगर/गोविंदपुर : ककोलत जलप्रपात को इको टूरिज्म के रूप में विकसित करते हुए, यहां आने वाले पर्यटकों को स्वच्छता व सुरक्षा उपलब्ध कराना प्राथमिकता होगी. उक्त बातें पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन निदेशालय के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह के ककोलत जलप्रपात निरीक्षण के दौरान कही गयी.

मंगलवार को प्रधान सचिव राज्य स्तरीय टीम के साथ बिहार का कश्मीर कहे जाने वाले ककोलत जप्रपात का निरीक्षण करके यहां पर विकास की संभावनाओं के साथ पर्यावरण रक्षा को लेकर पर्याप्त योजनाओं को साकार रूप देने का निर्देश दिया. झरना के सौंदर्य को बनाये रखते हुए यहां पर स्वच्छता, पर्यावरण रक्षा के उपायो आदि पर चर्चा की गयी.
इको टूरिज्म बनाने पर जोर
पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन निदेशालय के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह जिले के गोविन्दपुर प्रखंड में ककोलत जलप्रपात को इको टूरिज्म को बढ़ावा देने पर जोर दिया. परिभ्रमण को आये प्रधान सचिव ने कहा कि उनका उद्देश्य ककोलत को इको टूरिज्म के रूप में विकसित करना है. श्री सिंह ककोलत जलप्रपात को देखने के लिए अपने दल-बल के साथ सीढ़ी के रास्ते झरना तक पहुंचे.
उन्होंने ककोलत जलप्रपात को इको टूरिज्म को बढ़ाने के लिए अनेक उपाय बताये, साथ ही संबंधित पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिये. ककोलत जलप्रपात को देखने के लिए सैलानियों का काफी भीड़ जुट रही है. भीड़-भाड़ को नियंत्रित करने व विधि-व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए आवश्यक निर्देश दिये गये.
स्वच्छ और सुंदर बनेगा ककोलत : ककोलत स्वच्छ व सुंदर दिखे, इसके लिए दुकानों की व्यवस्था की जायेगी.
सैलानियों के भीड़ को वाहन से मुक्ति मिले इसके लिए पर्यटन स्थल से दूर बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड, साइकिल व मोटरसाइकिल स्टैंड की भी व्यवस्था की जायेगी. प्रधान सचिव ने इसके लिए जमीन चिन्हित कर जल्द ही उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. ककोलत झरना तक पहुंचने के लिए सीढ़ी के अलावे रोपवे की भी व्यवस्था की जा रही है. सैलानियों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए विधि-व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए आवश्यक निर्देश दिये गये.
ककोलत की खूबसूरती का लिया आनंद : प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह के साथ पर्यटन व पर्यावरण, वन विभाग से आये अधिकारियों की टीम ककोलत की खूबसूरती को देख कर मोहित हुए. शीतल जल के झरने तक बनाये गये सीढ़ीयों से पहुंचने के बाद बहुत समय तक झरने की सुदंरता को देखा तथा जरूरी बदलाव के लिए मंथन किया. सीढ़ी के अलावे बनाये जाने वाले रोपवे, स्वच्छता के लिए शौचालय, कपड़े बदलने के स्थान, पर्यटकों के लिए बैठने आदि के स्थान पर चर्चा की गयी.
प्रधान सचिव के साथ पर्यटन विभाग अपर सचिव, जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी अवधेश कुमार ओझा, सीएफ गया एस चन्द्रशेखर, आरसीएफ पटना एके गुप्ता, डीएम कौशल कुमार, उदय कुमार सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी रजौली चंद्रशेखर आजाद, डीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी गोविंदपुर के साथ-साथ, मुखिया आदि उपस्थित रहे.
झरने के पास करें कपड़ा बदलने व शौचालय का इंतजाम
प्रधान सचिव ने अधिकारियों को खास कर वहां पहुंचने वाली महिलाओं के लिए झरना में स्नान करने के बाद कपड़ा बदलने का एक अलग शेड बनाने साथ ही शौच के लिए भी महिलाओं के लिए अलग से व्यवस्था करने की बात कही. जलप्रपात की सफाई के लिए महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था करने की बात कही गयी. झरना के पास सैलानियों को बैठने की व्यवस्था करने पर भी जोर दिया गया.
धारा का प्रवाह नहीं हो गंदा
प्रधान सचिव ने विशेष निर्देश देते हुए उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि झरने की धारा का प्रवाह गंदा नहीं हो इसके उपाय कराएं. पर्यटन स्थल पर दुकान किस तरह की होगी, उसमें बिकने वाली वस्तुओं पर विशेष ध्यान रखने को कहा गया. ककोलत जलप्रपात इको टूरिज्म से सुसज्जित होने के बाद और अधिक रमणिक स्थल हो जायेगा. साफ-सफाई नियमित रूप से हो, धारा प्रवाह जल दूषित न हो, इसके लिए भी आवश्यक निर्देश दिये गये.

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