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टीबी के मरीजों की करें पहचान
बिहारशरीफ : कोई भी व्यक्ति दो हफ्तों से अधिक की खांसी को किसी भी सूरत में नजर अंदाज नहीं करें. परना परेशानी में पड़ सकते हैं. डीएमसी के कर्मी मरीजों की बलगम जांच में वृद्धि लायें. ताकि सही समय पर जांच कर मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध करायी जा सके. सदर अस्पताल परिसर में […]
बिहारशरीफ : कोई भी व्यक्ति दो हफ्तों से अधिक की खांसी को किसी भी सूरत में नजर अंदाज नहीं करें. परना परेशानी में पड़ सकते हैं. डीएमसी के कर्मी मरीजों की बलगम जांच में वृद्धि लायें. ताकि सही समय पर जांच कर मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध करायी जा सके.
सदर अस्पताल परिसर में संचालित जिला यक्ष्मा केंद्र में आयोजित समीक्षा बैठक में शुक्रवार को यह हिदायत जिला यक्ष्मा पदाधिकारियों ने कर्मियों की दी. समीक्षा बैठक में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डा रविन्द्र कुमार ने एसटीएस, एसटीएलएस एवं एलटी के कार्यों की समीक्षा के दौरान कई डीएमसी के बलगम जांच की उपलब्धि अपेक्षा अनुरूप कम पाया. उन्होंने इस उपलब्धि का और बेहतर बनाने का निर्देश दिया. सभी डीएमसी पर बलगम जांच की सहज तौर पर उपलब्ध हैं.
पांच एपीएचसी में भी जांच की सुविधा:
टीबी मरीजों के बलगम जांच की सुविधा जिले के पांच अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी उपलब्ध है. जिसमें पावापुरी एपीएचसी, तेतरावां अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कल्याण बिगहा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य, नालंदा एपीएचसी व एक अन्य शामिल हैं. जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डा. कुमार ने सभी केंद्रों पर वजन मशीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा. ताकि टीबी मरीजों का वजन आसानी से किया जा सके.
एमडीआर के संदिग्ध मरीजों की करें पहचान:
टीबी के एमडीआर के संदिग्ध मरीजों की पहचान तेजी से करें. अगर किसी व्यक्ति में इसका लक्षण पाया जाता है तो अविलंब उसकी बलगम जांच करायें. ताकि इस बीमारी के मरीजों का सही तरीके से समय पर चिकित्सा सेवा उपलब्ध करायी जा सके.
मरीजों को दवा नियमित रूप से उपलब्ध करायें:
टीबी मरीजों को जीवन रक्षक दवा नियमित रूप से उपलब्ध करायी जाये. साथ ही मरीजों पर नजर रखें कि मरीज नियमित रूप से दवा का सेवन कर पा रहे हैं या की नहीं. इसके लिए आशा मरीजों पर विशेष ध्यान दें. ताकि मरीज नियमित रूप से दवा का सेवन कर सकें.
जिले में 25 डीएमसी हैं:
जिले में कुल 25 डीएमसी हैं. इन केंद्रों पर टीबी के मरीजों को नि:शुल्क बलगम जांच की जाती है. साथ ही जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव निकलने पर मरीजों को जिला यक्ष्मा विभाग की ओर से नि:शुल्क जीवन रक्षक दवा उपलब्ध करायी जाती है. जिला यक्ष्मा पदाधिकारी ने कर्मियों को निर्देश दिया कि विभाग की योजना का लाभ हर हाल में उपलब्ध करायें.
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