बिहारशरीफ : दशहरे को लेकर जिले भर के पूजा समितियों में तैयारियां जोरों पर है. विभिन्न पूजा समितियों में कारीगर रात-दिन काम कर समय पर पंडालों व प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हैं.
सप्तमी तिथि 19 अक्तूबर को पूजा पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर माता का पट आम दर्शकों के लिए खोल दिया जाता है. प्रतिमा स्थापना में मात्र दो दिन शेष रहने के कारण हर जगह तैयारियां चरम पर है. शहर में तो लगभग दर्जन भर से अधिक आकर्षक पंडालों के साथ-साथ सैकड़ों आकर्षक प्रतिमाओं का निर्माण अंतिम चरण में है.
इस बार के दशहरे को यादगार बनाने में कोई भी पूजा समिति कोई भी कोर कसर छोड़ना नहीं चाहती है. कहीं भव्य काल्पनिक जल मंदिर तो कहीं मीनाक्षी मंदिर और कहीं मुर्शिदावाद के राजवाड़ी में देवी मां का दर्शन होगा. प्रतिमाओं के निर्माण में भी पूजा समितियों में जबरदस्त होड़ है.
इस बार कहीं मूंग की प्रतिमा,कहीं सीप तथा कहीं सरसों की आकर्षक प्रतिमाएं भी दर्शकों को आकर्षित करेंगी. बांग्ला आर्ट की प्रतिमाएं भी श्रद्धालुओं को खूब भायेगी.
नव ज्योति पूजा समिति श्रीसतल अम्बेर में सरसों की प्रतिमा:
नव ज्योति पूजा समिति श्रीसतल अम्बेर अपने आकर्षक प्रतिमाओं के लिए जाना जाता है. इस बार पूजा समिति द्वारा देवी मां की सरसों की भव्य प्रतिमा बनायी जा रही है.
प्रतिमा निर्माण में बंगाल कृष्णा नगर के प्रसिद्ध कारीगर कालू पाल लगभग एक माह से अपने सहयोगियों के साथ लगे हैं. प्रतिमा निर्माण का कार्र्य अंतिम चरण में है. सभी प्रतिमाएं पीले सरसों के दानों का खूबसूरती से प्रयोग कर बनाये गये हैं.
पर्व को लेकर बाजारों में छायी रौनक:शेखपुरा. दशहरा निकट आते ही बाजारों में रौनक छा गयी है. इसके पूर्व चुनाव को लेकर बाजारों में पूरी शांति तथा खामोशी देखी जा रही थी. सभी ओर केवल और केवल चुनावी चर्चा की ही बात हो रही थी, परंतु 12 अक्तूबर को मतदान के बाद लोग अब त्योहार की तैयारी में जुट गये हैं.
अभी सबसे ज्यादा भीड़ कपड़ों की दुकान पर है. जहां लोग देर शाम तक अपने परिवार के लिए नये-नये वस्त्र लेने में लगे हैं. बाजार में खरीदारी करते समय महिलाएं और बच्चे भी काफी उत्साह के साथ खरीदारी कर रहे हैं तथा अपने पसंद के वस्त्र ले रहे हैं. चुनाव की घोषणा के कारण इस बार दुकानदार वस्त्रों की नयी रेंज अभी तक नहीं ला सके हैं.