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रोटा वायरस वैक्सीन बच्चों को डायरिया से करेगी बचाव

बिहारशरीफ : रोटा वायरस वैक्सीन को तीन जुलाई से नियमित प्रतिरक्षण में शामिल किया जायेगा. यह वैक्सीन रोटा वायरस के कारण होनेवाले गंभीर दस्त से सुरक्षा प्रदान करेगी. इसको लेकर शुक्रवार को जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी प्रशिक्षित किये जायेंगे क्योंकि तीन जुलाई से नियमित […]

बिहारशरीफ : रोटा वायरस वैक्सीन को तीन जुलाई से नियमित प्रतिरक्षण में शामिल किया जायेगा. यह वैक्सीन रोटा वायरस के कारण होनेवाले गंभीर दस्त से सुरक्षा प्रदान करेगी. इसको लेकर शुक्रवार को जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी प्रशिक्षित किये जायेंगे क्योंकि तीन जुलाई से नियमित टीकाकरण के अंतर्गत रोटावायरस वैक्सीन को शामिल किया जाना है.

इसके लिए राज्य स्तर पर प्रत्येक जिले से मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षित किया जा चुका है. इससे बच्चों में रोटावायरस की वजह से होनेवाले दस्त में कमी लायी जा सकेगी. साथ ही इसके कुशल कार्यान्वयन के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर आयोजित होनेवाले विभिन्न गतिविधियों के विषय में भी विस्तार से जानकारी दी गयी है.

जिला स्तर पर कल होगा प्रशिक्षण : जिले के प्रत्येक प्रखंड से पांच प्रतिभागियों को जिला स्तर पर प्रशिक्षित किया जायेगा. शुक्रवार को सदर अस्पताल के सभागार में स्वास्थ्य विभाग के साथ समाज कल्याण विभाग के पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाना है.
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ राजेंद्र चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, एक मेडिकल ऑफिसर, ब्लॉक हेल्थ मैनेजर, ब्लॉक कम्युनिटी मोबिलाइजर एवं समाज कल्याण विभाग से सीडीपीओ शामिल होंगे. साथ ही इसमें मेडिकल कॉलेज एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के भी प्रतिनिधियों को शामिल किया जायेगा. जिला स्तर पर प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके पदाधिकारियों द्वारा प्रखंड स्तर पर आशा, आंगनबाड़ी एवं टीकाकरण संबंधित कर्मियों को प्रशिक्षित किया जायेगा. प्रखंडस्तरीय प्रशिक्षण की मॉनीटरिंग के लिए अलग से वेबसाइट भी बनायी गयी है.
इस पर मॉनीटरिंग प्रतिवेदन अपलोड किये जायेंगे. इस संबंध में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ राजेंद्र कुमार ने बताया कि रोटावायरस एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है, जो बच्चों में होनेवाले 40 प्रतिशत डायरिया के लिए जिम्मेदार है. रोटावायरस संक्रमण की शुरुआत हल्के दस्त से होती है, जो आगे जाकर गंभीर रूप ले सकता है. पर्याप्त इलाज न मिलने के कारण शरीर में पानी व नमक की कमी हो सकती है तथा कुछ मामलों में बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है. रोटावायरस संक्रमण में गंभीर दस्त के साथ-साथ बुखार और उल्टियां भी होती हैं और कभी-कभी पेट में दर्द भी होता है. दस्त एवं अन्य लक्षण लगभग तीन से सात दिनों तक रहते हैं.

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