राजगीर (नालंदा) : तीन हजार किलोमीटर का पदयात्रा करते हुए 85 जैन संतों एवं साध्वियों का जत्था गुरुवार को राजगीर पहुंचा. जत्था में जैन संतों के अलावा 150 श्रावक भी शामिल हैं. जैन संत परम पूज्य गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज के सान्निध्य में यह पद यात्रा 27 फरवरी को दिल्ली से शुरू होकर हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार के अनेक तीर्थों की पदयात्रा करते हुए राजगीर पहुंचे. राजगीर पहुंचने पर जैन समाज श्रद्धालुओं के द्वारा इनका भव्य स्वागत किया.
यहां पहुंचने के उपरांत मुनियों के इस जत्थे ने उदयगिरि पर्वत पर अवस्थित भगवान महावीर स्वामी एवं स्वर्ण गिरि पर अवस्थित मनी सुब्रत स्वामी के मंदिर में दर्शन-पूजन किये. 17 फरवरी को दिल्ली के गाजियावाद से शुरू हुई यह पदयात्रा 24 हजार 250 किलोमीटर तय करती हुई 23 जुलाई को समय शिखर जी पहुंच कर समाप्त होगी.
वहां 28 जुलाई से विराग सागर जी महाराज को चतुमार्श शुरू होगा. राजगीर के विपुलागिरि पर्वत पर शुक्रवार को कई जैन श्रावक लोग गृहस्थ जीवन को त्याग कर बनेंगे संन्यासी. बताया जाता है कि यहां कभी भगवान महावीर और भगवान बुद्ध के सान्निध्य में कई लोगों ने गृहस्थ जीवन को त्याग कर संन्यास जीवन को ग्रहण किया था. ठीक उसी तरह शुक्रवार को जैन संत विराग सागर जी महाराज के सान्निध्य में दर्जनों जैन श्रावक लोग गृहस्थ जीवन को त्याग कर संन्यास जीवन को ग्रहण करेंगे.