बिहारशरीफ : जितना पैसा, उतनी बिजली (आरएलएसएस) स्कीम के संबंध में प्रभात खबर में समाचार प्रकाशित होने के बाद विभाग ने बिजली कट के संबंध में जारी निर्देश में संशोधन किया है. चार दिसंबर को प्रभात खबर ने ‘जितना पैसा, उतनी बिजली स्कीम से शहरी उपभोक्ता परेशान’ की हेडिंग से एक खबर प्रकाशित की थी. […]
बिहारशरीफ : जितना पैसा, उतनी बिजली (आरएलएसएस) स्कीम के संबंध में प्रभात खबर में समाचार प्रकाशित होने के बाद विभाग ने बिजली कट के संबंध में जारी निर्देश में संशोधन किया है. चार दिसंबर को प्रभात खबर ने ‘जितना पैसा, उतनी बिजली स्कीम से शहरी उपभोक्ता परेशान’ की हेडिंग से एक खबर प्रकाशित की थी.
इस खबर में स्कीम से शहरी उपभोक्ताओं को होनेवाली परेशानी का उल्लेख किया गया था. इसके बाद शहर के उपभोक्ताओं ने इस स्कीम के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि जितना पैसा, उतनी बिजली स्कीम लागू करने में शहरी उपभोक्ताओं की उपेक्षा की गयी है. बिजली विभाग को सबसे अधिक राजस्व शहरी उपभोक्ताओं से ही प्राप्त होता है. सबसे कम राजस्व ग्रामीण क्षेत्रों से प्राप्त होता है. ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं की करतूत का खामियाजा शहरी उपभोक्ताओं पर डालना कहीं से भी सही नहीं है.
प्रभात खबर में छपी खबर पर विभाग ने लिया संज्ञान
प्रभात खबर में समाचार प्रकाशित होने के बाद विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है. विभाग के अधिकारियों ने शहरी उपभोक्ताओं की शिकायतों पर विचार करने के बाद नयी स्कीम के तहत बिजली कट की सूची में संशोधन किया है. अधीक्षण अभियंता रिजवान अहमद ने बताया कि अब संध्या चार बजे से रात के 12 बजे तक बिजली कट नहीं होगी. आरएलएसएस स्कीम को पूरे सूबे में लागू होने की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत जिस क्षेत्र में जितना राजस्व प्राप्त होगा, उसी के हिसाब से बिजली की आपूर्ति की जानी है. जिले में प्रतिमाह 30 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिजली खपत हो रही है, जबकि राजस्व 17 करोड़ रुपये का प्राप्त हो रहा है.
इस बढ़ते घाटे को कम करने के लिए नयी स्कीम के तहत बिजली कट की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने यह भी बताया कि बिजली कट से उपभोक्ताओं को कम से कम परेशानी हो इस बात का ख्याल रखा जायेगा.