प्रतिनिधि, कटरा यजुआर मध्य पंचायत के गोविन्द चौक परिसर में आयोजित रामकथा के दूसरे दिन मंगलवार को कथावाचन करते हुए श्री राघवाचार्य जी महाराज ने कहा कि भगवान का जन्म इस धरती पर धर्म की स्थापना के लिए होता आया है. जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ता है, तब-तब भगवान विभिन्न रूपों में मनुष्य का रूप धारण कर धर्म की स्थापना के लिए पृथ्वी पर आते हैं. अहंकार पनपने से अधर्म काफी बढ़ जाता है. जैसे ऋषि नारद में अहंकार का भाव ने जन्म लिया, तो भगवान विष्णु के ही द्वारपाल को ही श्रापित कर भगवान को भी मनुष्य रूप में जन्म लेकर दुःख भोगने के लिए श्रापित कर दिया. ईश्वर विभिन्न रूपों में जनकल्याण के लिए अवतार लेते हैं. श्रीराम के जन्म होने पर चारों ओर खुशियां छा गयीं. राजा दशरथ, रानियां सहित ऋषिगण भी आनंद से भावविभोर हो गये. तुलसीदास जी ने भी रामचरित मानस में सुंदर वर्णन किया है. मौके पर प्रयास ठाकुर, मोद मंदिर के महंत अवधेश शरण महाराज, रतिकांत चौधरी, देवकीनंदन चौधरी, विनयानंद ठाकुर, अजीत ठाकुर, सतीश ठाकुर सहित अन्य लोगों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया.
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