Bihar Crime: मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र अंतर्गत नवलपुर मिश्रौलिया में अमरनाथ राम और उनकी तीन बेटियों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले की जांच अब CID ने अपने हाथ में ले ली है. मंगलवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार के निर्देश पर सीआईडी की एक विशेष टीम को मुजफ्फरपुर भेजा गया, जिसने मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी है.
CID को सौंपी गई जांच की जिम्मेदारी
सीआईडी की टीम को घटनास्थल के साथ-साथ उसके आसपास की परिस्थितियों, सामाजिक और आर्थिक पहलुओं की भी बारीकी से जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यह टीम डीएसपी लेवल के अधिकारी के नेतृत्व में काम कर रही है. डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि जांच के दौरान यह भी देखा जाएगा कि पीड़ित परिवार को केंद्र और राज्य सरकार की किसी भी कल्याणकारी योजना का लाभ मिला था या नहीं. साथ ही, यह भी जांच का अहम बिंदु होगा कि परिवार किसी तरह के कर्ज, दबाव या अवैध वसूली का शिकार तो नहीं था.
पुलिस भी करेगी CID की मदद
डीजीपी ने स्पष्ट किया कि मुजफ्फरपुर जिला पुलिस को सीआईडी जांच में हर संभव सहयोग देने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि सच्चाई सामने आ सके और यदि किसी स्तर पर लापरवाही या आपराधिक तत्वों की भूमिका पाई जाती है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जा सके.
गुंडा बैंक और अवैध सूदखोरी पर भी सरकार का एक्शन
राज्य सरकार ने गुंडा बैंक और अवैध सूदखोरी के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के संकेत भी दिए हैं. गृह मंत्री सम्राट चौधरी पहले ही सार्वजनिक मंच से यह घोषणा कर चुके हैं कि बिहार से गुंडा बैंक का पूरी तरह खात्मा सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है. हाल ही में पुलिस मुख्यालय में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम के दौरान भी उन्होंने इस मुद्दे को दोहराया था.
सरकार का मानना है कि गुंडा बैंक और अवैध वसूली जैसी गतिविधियां आम लोगों, खासकर कमजोर वर्गों को मानसिक और आर्थिक रूप से तोड़ देती हैं. ऐसे मामलों को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन को पूरी सख्ती के साथ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. नवलपुर मिश्रौलिया की घटना के बाद इस मुद्दे पर सरकार और पुलिस की सक्रियता और बढ़ गई है.

