उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर सिकंदरपुर गौशाला में रामलीला के पांचवें दिन मंगलवार को प्रभु राम को वनवास प्रसंग का मंचन हुआ. इसे देख कर भक्त मुग्ध रह गये. रामलीला में यह दिखाया गया कि राजा दशरथ की तीसरी रानी कैकेयी और उनकी दासी मंथरा के षड्यंत्र के कारण राम को 14 वर्षों के लिए अयोध्या छोड़ना पड़ा. भरत को राजा बनाने और राम के लिए वनवास मांगने के वरदान के चलते, मर्यादा पुरुषोत्तम राम, पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वन गये, जहां सीता का हरण हुआ, लंका में रावण से युद्ध हुआ और राम विजयी हुए, इसके बाद वह अयोध्या लौटे. रामलीला में बताया गया कि दशरथ ने कैकेयी को युद्ध में सहायता करने के बदले दो वरदान दिये थे. रामलीला में राजा दशरथ ने वचनबद्ध होने के कारण राम को वनवास जाने का आदेश दिया, जिसे राम ने पिता की आज्ञा मानकर स्वीकार किया. इसके बाद राम, सीता और लक्ष्मण तीनों मुनि वेष धारण कर अयोध्या से निकल गये. रामलीला का यह दृश्य देख भक्त भावुक हो गये. आयोजन में दीपक पोद्धार, अशोक नेमानी, रतन तुलस्यान, सुरेश पोद्वार, भोला टिवरेवाल और गोविंद केजरीवाल मौजूद थे.
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