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Islamic State ideology : क्या है इस्लामिक स्टेट और अन्य आतंकवादी संगठनों की आइडियोलाॅजी, जिसने राष्ट्र से ऊपर धर्म को बताया?

Islamic State ideology : इस्लामिक स्टेट की विचारधारा अत्यंत कट्टरवादी है. ये संगठन यह चाहता है कि पूरे विश्व पर इस्लामिक सोच और शरिया का राज हो और विरोध करने वालों का सिर कलम कर दिया जाए. सिडनी के बाॅन्डी बीच में हुई मास शूटिंग इसी बात का परिणाम है, हालांकि भारत के पहलगाम में हुए हमले को इससे इतर देखा जा रहा है, लेकिन इसके मूल में भी इसी तरह की सोच है.

Islamic State ideology : सिडनी के बाॅन्डी बीच में हुई मास शूटिंग और पहलगाम का आतंकी हमला रविवार और सोमवार को काफी चर्चा में रहा. बाॅन्डी बीच मास शूटिंग में 16 लोगों की मौत हुई, जबकि पहलगाम आतंकी हमले को लेकर एनआईए ने अपनी चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें पाकिस्तान में बैठे लश्कर ए तैयबा के आतंकी साजिद जट्ट सहित 7 अन्य को आरोपी बनाया गया है. पहलगाम हमले में धर्म पूछकर 26 लोगों को मौत के घाट उतरा गया था. इन दोनों घटनाओं में जो एक सी बात है, वह यह है कि दोनों ही नरसंहार में मारे गए लोग मुसलमान नहीं हैं और नरसंहार को अंजाम देने वालों का पाकिस्तान कनेक्शन है.

क्या है आतंकवाद और पाकिस्तान का कनेक्शन?

Pahalgam Attack
पहलगाम अटैक

पाकिस्तान आतंकवाद का प्रश्रय देता है और धर्म के नाम पर आतंकवादियों को अपने यहां आश्रय देता है, यह बात जगजाहिर है. अलकायदा के आतंकी ओसामा बिन लादेन को अमेरिका ने पाकिस्तान में घुसकर 2011 में मारा था. लादेन जैसे आतंकी को अमेरिका के खिलाफ जाकर पाकिस्तान ने शरण दी थी. भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वाले अधिकांश आतंकी पाकिस्तान में ही शरण पाते हैं.

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जैश ए मोहम्मद के आतंकी अजहर मसूद के ठिकानों को नष्ट किया गया. साथ ही लश्कर का मुख्यालय भी नष्ट किया गया था. इन उदाहरणों से यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान का उन आतंकियों से खास रिश्ता है, जो विश्व में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. ये लोग धर्म के नाम पर कुछ भी करने पर आमदा हैं.

धर्म को राष्ट्र से ऊपर बताने वाली आइडियोलाॅजी क्या है?

सिडनी बॉन्डी बीच शूटिंग के बाद ऑस्ट्रेलिया के PM अल्बानीज ने कहा कि यह घटना इस्लामिक स्टेट की सोच से प्रेरित है. शूटर बाप– बेटे थे, जिनकी उम्र 50 साल और 24 साल थी. दोनों पाकिस्तान के रहने वाले थे और इस्लामिक स्टेट की सोच से प्रेरित थे. Islamic State जिसे ISIS या फिर IS भी कहा जाता है एक कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवादी संगठन है. ये लोग इस्लाम की बहुत ही गलत तरीके से व्याख्या करते हैं और उसके आधार पर अपनी सोच को लोगों पर थोपना चाहते हैं. जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा की जड़ें भी उन सोच के साथ खड़ी हैं, जिसका पालक आईएस है.आईएस पूरे विश्व की खिलाफत करता है और वह राष्ट्रवाद का विरोधी है.

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आईएस यह चाहता है कि पूरे विश्व पर शरिया कानून लागू हो और इस्लाम का झंडा लहराए. वह राष्ट्रवाद का कट्टर विरोधी है और लोकतंत्र को खारिठज करता है. वे मध्य-पूर्व से शुरू कर पूरी दुनिया में अपना शासन फैलाना. यह आईएसआईएस का घोषित लक्ष्य रहा है. वे यह चाहते हैं कि धरती पर से अन्य धर्म के मानने वाले समाप्त हो जाए और सिर्फ मुसलमान बचें. वे शिया मुसलमान और सूफियों का भी विरोध करते हैं. IS जिहाद की अवधारणा को तोड़-मरोड़ कर पेश करता है और निर्दोषों की हत्या को ‘ईश्वर का आदेश’ बताता है. जबकि इस्लाम की मुख्यधारा ऐसी हिंसा को हराम मानती है.

जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा कैसे हैं आईएस से अलग?

जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा जैसे संठन भारत के खिलाफ अपनी अभियान चलाते हैं और उनक लक्ष्य सीमित है. वे भारत से कश्मीर को अलग करने की लड़ाई लड़ते हैं. यह विचार शरिया कानून को लागू करने पर तो केंद्रित हैं, लेकिन ये पाकिस्तान के कट्टर समर्थक हैं और भारत के विरोधी.

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Rajneesh Anand
Rajneesh Anand
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक. प्रिंट एवं डिजिटल मीडिया में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव. राजनीति,सामाजिक मुद्दे, इतिहास, खेल और महिला संबंधी विषयों पर गहन लेखन किया है. तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विश्लेषणात्मक लेखन में रुचि. IM4Change, झारखंड सरकार तथा सेव द चिल्ड्रन के फेलो के रूप में कार्य किया है. पत्रकारिता के प्रति जुनून है.

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