कर्मचारियों के नदारद रहने से मजाक बना जनता दरबार तय समय पर अधिकारी के नही पहुंचने से लोगों में आक्रोश प्रतिनिधि, मीनापुर प्रखंड मुख्यालय के बरामदे में बिना कोई तैयारी के अंचल की ओर से जमीन से जुड़ी समस्याओं पर शुक्रवार को जनता दरबार लगाया गया. किंतु यह मजाक बन कर रह गया. पूर्वाह्न 11 बजे से जनता दरबार लगने की सूचना दी गयी थी. लेकिन एक बजे तक सीओ कुणाल गौरव व आरओ डॉली कुमारी का अता-पता नहीं था. 19 राजस्व कर्मचारी में से मात्र आठ कर्मचारी सीओ कार्यालय के आगे एक प्लास्टिक के टेबल लगाये कुर्सी पर बैठे थे. वहीं फरियादियों के लिए मात्र 10 कुर्सियों की व्यवस्था की गयी थी. बरामदे में एक भी पंखा नहीं था. फरियादी गर्मी के कारण इधर-उधर भटक रहे थे. चकजमाल गांव के फरियादी चंदेश्वर भगत ने कहा कि वह चार महीना से ऑनलाइन परिमार्जन का रिसीविंग ले कर दौड़ रहे हैं. सीओ साहब से मुलाकात नहीं होती है. कर्मचारी आज-कल का बहाना बना रहे हैं. जनता दरबार में किसी समस्या का समाधान नहीं होता है. झूठ-मूठ के दिखावा है. गोरीगामा की आसमा देवी का कहना है कि लोक शिकायत का कागज लेकर सीओ से दस्तखत करावेला 8-9 महीना से ब्लॉक का चक्कर लगवईछी. दु गो डेट फेल हो गेल. हमर जमीन दोसरा के नाम पर चढ़ गेल है. सीओ साहब से भेंट होइअ. महदेइयां के देवेंद्र प्रसाद का कहना है कि ऑनलाइन पर खाता, खेसरा, रकबा नहीं चढ़ाया है. कोई सुनने वाला नहीं है. बाड़ाभरथी के पांचू सहनी का कहना है कि दाखिल-खारिज के लिए सीओ साहब से 10-12 बार मिल चुके हैं, फिर भी मेरा काम नहीं हुआ है. धर्मपुर के नंदकिशोर साह का कहना है कि दाखिल-खारिज के लिए रुपये कर्मचारी को दिए हुए हैं, फिर भी टालमटोल किया जा रहा है. जामिन मठियां के चंदन साह का कहना है कि ऑनलाइन जमाबंदी के लिए मार्च 2023 से दौड़ रहे हैं. सीओ-कर्मचारी सुनने को तैयार नहीं हैंं. ऐसे दर्जनों फरियादी अपनी समस्या कहने को तैयार थे. दूसरी तरफ सीओ कुणाल गौरव ने कहा कि आज का जनता दरबार मौखिक समस्याओं की जानकारी/पूछताछ व सुझाव के लिए लगाया गया था. सैकड़ों लोगों की समस्याएं मौखिक सुनी गयी हैं और सुझाव दिया गया है. अनुपस्थित 7 – 8 राजस्व कर्मचारी से स्पष्टीकरण मांगते हुए वेतन बंद करने का आदेश निर्गत किया गया है.
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