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हथियाराें की पहुंची बड़ी खेप दो एएसपी अभियान निशाने पर

कई हार्डकोर नक्सली 50 करोड़ के इनामी गणपति के संपर्क में उत्तर बिहार में नक्सली गतिविधियों पर गणपति की नजर मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार में लगातार नक्सल गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं. नक्सली बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी में हैं. इसको लेकर हथियारों का दूसरा बड़ा खेप दियारा इलाके में पहुंचने की सूचना […]

कई हार्डकोर नक्सली 50 करोड़ के इनामी गणपति के संपर्क में

उत्तर बिहार में नक्सली गतिविधियों पर गणपति की नजर
मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार में लगातार नक्सल गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं. नक्सली बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी में हैं. इसको लेकर हथियारों का दूसरा बड़ा खेप दियारा इलाके में पहुंचने की सूचना पर खुफिया विभाग की बेचैनी बढ़ गयी है. एक सप्ताह पहले भी हथियारों का बड़ा खेप आया था. हथियारों के खेप की जिम्मेदारी पश्चिम सब जोनल कमेटी को सौंपने की बात बतायी जा रही है. खुफिया सूत्रों के अनुसार मुजफ्फरपुर के एएसपी अभियान राणा ब्रजेश व सीतामढ़ी एएसपी अभियान संजीव कुमार सिंह सहित कई बड़े रसूख वाले व निर्माण एजेंसी निशाने पर हैं.
दोनों एएसपी अभियान ने नक्सलियों ने खिलाफ लगातार अभियान चलाकर कई हार्डकोर व बड़े नक्सलियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. इस लिए ये दोनों मुख्य निशाने पर हैं. इन सूचनाओं के बाद खुफिया विभाग ने सरकार व प्रशासन को आगाह कर दिया है. राजन राम उर्फ प्रहार, अनिल राम, आलोक दा उर्फ मुसाफिर सहनी, सेंट्रल कमेटी के सदस्य उसो उर्फ तालीन बाबा, आंध्र के 50 करोड़ के इनामी व नक्सलियों के राष्ट्रीय प्रमुख गणपति के संपर्क में है. गणपति भी इस इलाके की गतिविधि पर नजर रखे हुए है. गणपति से मिलकर लौटे लालबाबू सहनी उर्फ भास्कर का मोबाइल आंध्र प्रदेश पुलिस ने सर्विलांस पर लिया था. गत फरवरी माह में पुलिस भास्कर को गिरफ्तार कर यहां से आंध्र प्रदेश ले गयी थी.
इलाके में बढ़ी नक्सली गतिविधियां
उत्तर बिहार में नक्सली गतिविधि काफी बढ़ गयी है. पंचायत चुनाव के बाद मतगणना समाप्त होते ही नक्सली बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं. शनिवार को शिवहर के सलेमपुर में नक्सलियों के दो ग्रुपों के करीब एक-एक दर्जन सदस्याें को क्षेत्र में घूमते देखा गया. इसके बाद खुफिया विभाग व प्रशासन काफी सतर्क हो गया है. नक्सली को कई पुलिस अधिकारियों का भी सहयोग मिलने की बात बतायी जा रही है. मुसाफिर सहनी को दूसरे केस में रिमांड पर नहीं लेने के कारण पिछले साल वैशाली से जमानत मिल गयी थी. रोहित व भारती को भी समय पर चार्जशीट नहीं सौंपने के कारण पिछले दिनों कोर्ट से कुछ मामलों में जमानत मिली थी. ऐसे पुलिस अधिकारियों पर भी खुफिया विभाग की नजर है.
खुफिया विभाग ने ऐसे कई पुलिस अधिकारियों को चिह्नित कर सरकार व प्रशासन को आगाह कर दिया है. सेंट्रल कमेटी के सदस्य उसो उर्फ तालीन बाबा कानपुर जेल से बाहर आते ही संगठन को मजबूत करने में जुटा हुआ है. बताया जाता है कि वह नक्सलियों के लिए नक्सली साहित्य व किताबें भी लिखता है. मोतिहारी के रामनगर गोबरहिया थाना उड़ाने में उसका नाम चर्चा में था. मुसाफिर सहनी का कुनबा नक्सली गतिविधियों में शामिल है. मुसाफिर सहनी का पुत्र रोहित व बहू भारती अभी जेल में है. हालांकि करीब दस केसों में दोनों को जमानत मिल चुकी है. राजन राम उर्फ प्रहार लगातार क्षेत्र पर नजर रखे हुए है. वह समाज के लोगों को लगातार ललकार रहा है कि वे इस गतिविधियों में शामिल होकर संगठन को मजबूत करें.
अाठ लड़ाकू दस्ते के घेरे में रहता है गणपति : खुफिया सूत्रों के अनुसार, नक्सली राष्ट्रीय प्रमुख गणपति जब भी कोई मीटिंग करता है तो वह नक्सलियों के आठ लड़ाकू दस्ते के घेरेबंदी में रहता है. मीटिंग स्थल के बाहर तीन लाइन में आइडी बिछा हाेता है. जुलाई में झारखंड में आयोजित नक्सलियों के बैठक में गणपति के शामिल होने की सूचना है. इसमें उत्तर बिहार के सभी बड़े नक्सली उसमें शामिल हो सकते हैं. खुफिया विभाग ने इस संबंध में सरकार व प्रशासन को आगाह किया है.

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