* सास पहले करती थी नशा का धंधा उसकी जगह अब बहू संभाल रही नेटवर्क
* कई मोहल्लों में पिता व भाई से विरासत में बहन को मिली है नशा का कारोबार* अहियापुर, नगर, सदर, मिठनपुरा, सिकंदरपुर व काजीमोहमदपुर में है सक्रिय संवाददाता, मुजफ्फरपुर शहर में मादक पदार्थ के तस्करी के नेटवर्क को 60 प्रतिशत महिलाएं संभाल रही है. पुलिस की नजर से बचने के लिए मादक पदार्थ के तस्कर अपने परिवार की महिला सदस्य को आगे कर रहा है. चार दिन पहले सिटी एसपी के निर्देश पर सिकंदरपुर व अहियापुर थाना क्षेत्र में नशा कारोबारियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया था. इसमें कुछ आठ लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. जिसमें पांच महिला धंधेबाज शामिल थी. पिछले साल सिकंदरपुर पुलिस ने 800 पुड़िया स्मैक के साथ लेडी डॉन के नाम से मशहूर महिला धंधेबाज को दबोचा था. बताया जाता है कि अहियापुर, नगर, सिकंदरपुर, सदर, बेला, मिठनपुरा व काजीमोहम्मदपुर थाना क्षेत्र में मादक पदार्थ की सप्लाई करने में महिलाएं शामिल है. कई महिला चाय, नास्ता, पान- पुड़िया की गुमटी की आर में स्मैक, चरस व गांजा का व्यापार कर चुकी है. पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि पहले सास मादक पदार्थ बेचने का काम करती थी. अब उसकी बहू सक्रिय है. रेड लाइट एरिया के एक तस्कर की बहन को विरासत में उसके भाई ने मादक पदार्थ की तस्करी का नेटवर्क मिला है. सिटी एसपी के निर्देश पर सभी शहरी थानेदार अलर्ट मोड में हैं. नशा के व्यापार में शामिल सभी धंधेबाज को चिन्हित किया जा रहा है. उनकी सूची तैयार की जा रही है. महिला धंधेबाजों की गिरफ्तारी को लेकर विशेष अभियान चलाया जाएगा. सिटी एसपी विश्वजीत दयाल ने बताया कि नशा का व्यापार करने वाले के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी. चाहे वह पुरुष धंधेबाज हो या महिला. सभी को चिन्हित करके गिरफ्तार किया जाएगा.
:: अहियापुर व रेड लाइट एरिया में सबसे अधिक सक्रिय महिला धंधेबाज
पुलिस की छानबीन में यह जानकारी मिली है कि अहियापुर के जीरोमाइल, बैरिया, कोल्हुआ पैगम्बरपुर, संगमघाट व नाजिरपुर बांध व नगर थाना क्षेत्र के शुक्ला रोड, मिठनपुरा के तीनकोठिया में सबसे अधिक महिला धंधेबाज शामिल है. ये पुलिस की नजर में नहीं आये इसके लिए घर, चाय नास्ता की दुकान, पान की गुमटी से कारोबार कर रही है.: पुलिस मुठभेड़ के बाद बड़े माफिया अंडरग्राउंड, महिलाओं ने संभाली कमान
ड्रग्स माफिया मनोज साह उर्फ मनोज तुरहा के पुलिस के मुठभेड़ के बाद जख्मी होने व अशोक कुमार गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद सभी बड़े माफिया गिरफ्तारी के डर से अंडरग्राउंड हो गए हैं. लेकिन पुलिस को जानकारी मिली है कि छोटे माफिया के परिवार के महिलाएं मादक पदार्थ सप्लाई का नेटवर्क संभाल रही है. गोपनीय तरीके से उनका सुराग तलाशा जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है