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ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का मिला-जुला रहा असर

मुजफ्फरपुर : केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल और किसान संगठनों के ग्रामीण भारत बंद का बिहार सहित उत्तर बिहार में मिला-जुला असर रहा. बंद समर्थकों का मुख्य निशाना ट्रेनें रहीं. मुजफ्फरपुर जिले में बंद का काफी असर रहा. वामपंथी संगठनों ने एनएच 28, मुशहरी प्रखंड चौक व […]

मुजफ्फरपुर : केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल और किसान संगठनों के ग्रामीण भारत बंद का बिहार सहित उत्तर बिहार में मिला-जुला असर रहा. बंद समर्थकों का मुख्य निशाना ट्रेनें रहीं. मुजफ्फरपुर जिले में बंद का काफी असर रहा. वामपंथी संगठनों ने एनएच 28, मुशहरी प्रखंड चौक व सरैया बाजार को बंद करा आवागमन ठप रखा.

थर्मल कांटी के गेट के पास मजदूर यूनियन ने प्रदर्शन किया. तुर्की चौक पर पीएम का पुतला जला कर विरोध जताया गया. शहर के मोतीझील, सूतापट्टी और सरैयागंज में आधी दुकानें खुली थीं, लेकिन ग्राहक नदारद थे. बैंक, एलआइसी सहित अन्य सरकारी उपक्रम बंद रहे. बेतिया में असर दिखा. बड़ी संख्या में बाकी पेज 15 पर मजदूर व कार्यकर्ता सड़क पर उतरे.

समाहरणालय पर आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन करते हुए सड़क जाम किया. इससे चार घंटे तक आवागमन बाधित रहा. मधुबनी में मिला-जुला असर देखा गया. शहर में अन्य दिनों की तरह ही वाहनों का परिचालन होता रहा. दुकानें भी खुली रहीं. हालांकि, वामपंथी कार्यकर्ताओं ने एक घंटे से अधिक समय तक मधुबनी स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन किया. बंद के कारण बैंकों का 300 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ. पूर्वी चंपारण में बंद का आंशिक असर देखा गया. बैंक, डाक व रेलवे में कामाकाज प्रभावित हुआ. बाजार व सड़क पर कोई खास असर नहीं दिखा.

सीतामढ़ी में भी मिला-जुला असर रहा. बैंकों में कामकाज पूरी तरह से ठप रहा. सभी बैंकों में ताले लटके रहे. एटीएम सेवा पर भी असर दिखा. इसके कारण करीब 350 करोड़ का लेन-देन प्रभावित हुआ. समस्तीपुर में डाकघरों में कामकाज ठप रहा. जिले की सभी 268 शाखाओं में काम बाधित रहने के कारण करीब दस करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित रहा. हालांकि, बैंक आम दिनों की तरह खुले थे. दरभंगा में भी हड़ताल व बंद का मिलाजुला असर रहा. पूरे दिन बैंक व डाकघर बंद रहे. नगर निगम कार्यालय पर आंशिक असर नजर आया. मुख्य सड़कों को जाम कर दिये जाने से आवागमन प्रभावित रहा. ट्रेनों के परिचालन पर कोई असर नहीं पड़ा.

पटना के डाकबंगला चौराहे पर बंद समर्थकों ने जुलूस निकाल कर सरकार विरोधी नारे लगाये. हालांकि, पुलिस मुख्यालय के मुताबिक इस दौरान राज्य में कहीं से भी किसी तरह की हिंसा की कोई सूचना नहीं मिली. एडीजी विधि-व्यवस्था अमित कुमार ने कहा कि बंद पूरे राज्य में शांतिपूर्ण रहा और इस दौरान कहीं से कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है और किसी की गिरफ्तारी भी नहीं हुई है. हड़ताल और ग्रामीण इलाकों में बंद के चलते एसबीआइ छोड़ अधिकतर बैंकों में कामकाज नहीं हुए.

दूसरी ओर वामदल के नेताओं ने पूरे राज्य में हड़ताल और बंद को सफल बताया है. हड़ताल के कारण सड़क यातायात और ट्रेन सेवा काफी बाधित रही. सभी जिलों में श्रमिक संगठनों और वाम दलों के कार्यकर्ताओं ने जुलूस और रैलियों का आयोजन किया. सीटू के नेतृत्व में पटना के जमाल रोड से जुलूस निकाला गया जो गांधी मैदान होते हुए संयुक्त बैनर के तले डाकबंगला चौराहा पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया.

सीटू महासचिव गणेश शंकर सिंह की अध्यक्षता में हुई सभा को सभी ट्रेड यूनियनों के नेताओं के अलावा माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने संबोधित किया. नेताओं ने महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कृषि संकट, आर्थिक संकट के विरुद्ध संघर्ष जारी रखने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बुनियादी समस्याओं से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए धर्म आधारित राजनीति को बढ़ावा दे रही है.

एनपीआर और एनआरसी के जरिये संविधान की मूल भावना, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है, लेकिन देश की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी. सभा को भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, भाकपा-माले के नेता धीरेंद्र झा ने भी संबोधित किया. बंद को सफल बनाने में सीटू, किसान सभा, खेत मजदूर यूनियन, महिला समिति, एसएफआइ एवं डीवाइएफआइ के कार्यकर्ता व नेता सड़कों पर उतरे.

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